- पेयजल निगम और जल संस्थान ने खुद संभाला एसटीपी संचालन का काम
- वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर भी होगी सख्त कार्रवाई, दूसरी कंपनी के लिए जल्द होंगे टेंडर

देहरादून (ब्यूरो): पेयजल विभाग को सभी 18 एसटीपी के संचालन के शासन ने निर्देश दिए हैं। मजिस्ट्रेटी जांच में एसटीपी संचालन में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई थी। सचिव पेयजल ने बताया कि इनमें से अधिकांश मेजर फाल्ट को प्रथम दृष्ट््या पूरा कर लिया गया है, जबकि शेष कमियों को भी धीरे-धीरे पूरा किया जा रहा है। सुरक्षा मानकों में कमियों को चलते कुछ एसटीपी का संचालन बंद कर लिया गया, जिन्हेंं भी शुरू कर लिया गया है। जांच में यदि वित्तीय अनियमितता पाई जाती है तो इस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

विभागों ने संभाला काम
कंपनी को आउट करने के बाद पेयजल निगम और जल संस्थान ने सभी एसटीपी का संचालन अपने हाथों में ले लिया है। मजिस्टे्रटी जांच में एसटीपी के संचालन में कई गंभीर सवाल खड़े किए गए थे, जिसके बाद शासन एक्शन मोड में आया। हादसे को गंभीरता से लेते हुए शासन ने मजिस्ट्रीयल जांच में की गई संस्तुतियों के अनुरूप कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। सभी 18 एसटीपी की विद्युत सुरक्षा विभाग से भी इनकी सेफ्टी जांच कराई गई है। इन 18 में से 7 एसटीपी जल संस्थान और 11 एसटीपी का जिम्मा पेयजल निगम ने संभाला है। जल संस्थान के जीएम मुख्यालय आरके रोहेला ने बताया कि चमोली एसटीपी का संचालन कर रही ज्वाइंट वेंचर फर्म जय भूषण मलिक कांट्रेक्टर्स और कॉफिडेंट इंजीनियरंिग इंडिया प्रा।लि। के साथ करार खत्म कर जल संस्थान ने एसटीपी की कमान अपने हाथों में ले ली है।

एसटीपी पर नजर
चमोली 5
रुद्रप्रयाग 6
कर्णप्रयाग 5
नंदप्रयाग 2
टोटल 18

16 लोगों की हुई थी मौत
बीते माह 19 जुलाई को चमोली बाजार के नजदी एक एसटीपी पर करंट लगने से 16 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 12 अन्य घायल हो गए थे। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मामले की मजिस्टे्रटी जांच बिठाई गई थी। मजिस्ट्रेटी जांच सौंपने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे की पुनरावृत्ति न हो। 18 में से 11 एसटीपी का निर्माण इसी जय भूषण मलिक कांट्रेक्टर्स कंपनी ने किया था।

जांच में ये कमियां उजागर
एसटीपी की विद्युत व्यवस्थ के लिए किए गए अनुबंध के साथ ही विद्युत सुरक्षा के मानकों के अनूरप नहीं पाई गई। चेंज ओवर पैनल में शॉर्ट सर्किट होने से पैनल और मेन पैनल पर तेजी से अर्थ फाल्ट हुआ। अर्थिंग सिस्टम सही न होने से मैट्रेलिंग स्ट्रक्चर और सीढिय़ों के साथ ही रैलिंग में करंट फैल गया था, जिससे लोहे के स्ट्रक्चर रेलिंग आदि के संपर्क मे ंआने वाले लोगों को करंट लगने से जान का नुकसान हुआ।

अनियमितताओं के चलते एसटीपी का ऑपरेशन कर रही कंपनी को हटा दिया गया। सुरक्षा के साथ किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी 18 एसटीपी की विद्युत सुरक्षा विभाग से जांच कराई गई है। बाकी जांच भी प्रोसेसिंग में है। एसटीपी संचालन के लिए दूसरी कंपनी के चयन के लिए जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव, पेयजल, उत्तराखंड शासन
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