- दून-रायपुर-थानो मार्ग पर भोपालपानी पुल की एप्रोच रोड ढही
- करीब एक सप्ताह पूर्व आई थी पुल की एप्रोच रोड पर दरार

देहरादून (ब्यूरो): अगली सुबह थसर्ड सुबह 9 बजे के लगभग एप्रोच रोड की करीब 20 मीटर दीवार भरभरा कर गिर गई। आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही दीवार क्षतिग्रस्त होने से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। गनीमत रही की हादसे के दौरान वहां से गुजर रहे स्कूली बच्चे और एक अन्य व्यक्ति बच गए। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

दीवार पर छेद करने से कमजोर हुई दीवार
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो दिन से भोगपुर पुल के दरार वाले हिस्से को एक चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में हायर की गई एजेंसी ने दीवार पर कोर यानि बोर किया। वह भी एक दो जगह नहीं 12 से अधिक जगह पर बोर किए गए। बोर करने से पूरी दीवार में वाइब्रेशन ही नहीं, बल्कि इससे सरिया और आरसीसी कंक्रीट भी कट गई, जिससे दीवार कमजोर पड़ गई, जिस कारण से दीवार के ढहने की वजह मानी जा रही है।

नहीं ली गई एक्सपर्ट की राय
दीवार क्षतिग्रस्त करने को लेकर कई तरह की खामियां उजागर हुई हैं। सबसे पहले यह कि दरार का ट्रीटमेंट आनन-फानन में बगैर पुल डिजाइनर और स्ट्रक्चर एक्सपर्ट के किया गया। जब 21 दिसंबर को आईआईटी रुड़की की टीम जांच कर सैंपल लेकर गई, तो रिपोर्ट आने का इंतजार क्यों नहीं किया गया। बगैर एक्सर्ट की ओपिनियन के क्यों पुल को छेड़ा गया। छेद करने से क्रेकिंग और डेवलप होने को मुख्य कारण बताया जा रहा है। बता दें कि दीवार पर एप्रोच रोड धंसने से 13 दिसंबर को दीवार हल्की झुक गई थी।

बाल-बाल बचा लोकेश
प्रत्यक्षदर्शी लोकेश वर्मा ने बताया कि करीब नौ बजे का वक्त था। मेरी कार भोगपुर पुल से ठीक पहले पंचर हो गई थी। पूछताछ में पता चला कि पंचर ठीक करने वाला पुल के पार है। मैं पैदल निकल पड़ा। मेरे करीब 40-50 मीटर की दूरी पर तीन स्कूली बच्चे जा रहे थे। मैं एप्रोच रोड की लिंक रोड पर पहुंचा ही था कि दीवार भरभरा कर नीचे गिर गई। मेरे और मौत के बीच महज चंद सेकेंड का ही फासला रहा। भगवान का ही शुक्र है कि मैं बच गया। थोड़ी देर मैं सुदबुद्ध खो गया था। आंख खुली तो वे तीनों स्कूली बच्चे भागते नजर आए। वह भी मौत से बचकर निकल गए। इसके बाद वहां काफी भीड़ जमा हो गई। लोकेश ने बताया कि वह ऊर्जा निगम के दून सर्किल में ओएस (प्रथम) के पद पर कार्यरत हैं।

दरार को बताया गया था सामान्य
मुख्य अभियंता नेशनल हाईवे, पीडब्ल्यूडी प्रमोद कुमार की ओर से एचओडी को सौंपी गई पुल की जांच रिपोर्ट में एप्रोच रोड के धंसाव को सामान्य बताया गया था, जिांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पुल पूरी तरह सुरक्षित है और इसमें अतिरिक्त निर्माण की जरूरत नहीं है। एक्सपर्ट की राय लेकर ही पुल की मरम्मत की जाए।

पहले भी कई बार सामने आई खामी
भोपालपानी पुल का निर्माण करीब 2018 में किया गया था। निर्माण के समय ही इसकी एप्रोच रोड पर धंसाव हो गया था। तब शासन ने चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया था। हालांकि, कुछ समय बाद ही सभी को बहाल भी कर दिया गया था। इसके बाद जून 2021 में पुल की एप्रोच रोड (वर्तमान दरार के दूसरे छोर पर) धंसाव के एक सप्ताह बाद दीवार ध्वस्त हो गई।

पुल का नाम लंबाई चौड़ाई लागत
भोपालपानी 210 मीटर 7.50 मीटर 8 करोड़

इसी रोड पर इन पुलों सुरक्षा भी सवालों के घेरे में
पुल का नाम लंबाई चौड़ाई
बड़ासी 75 मीटर 7.50 मीटर
सिलवालगढ़ 90 मीटर 7.50 मीटर


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