- 5 लाख से ऊपर के 481 इंडस्ट्रियल कंज्यूमर्स है बकायेदार
- ऊर्जा निगम की ओर से वसूली के प्रयास नाकाफी
देहरादून, ब्यूरो: यूपीसीएल के आंकड़ों पर गौर करें तो आतिथि तक 5 लाख से ऊपर के बकायेदारों की श्रेणी में 481 कंज्यूमर्स है, जिन पर 185.74 करोड़ रुपये का बकाया चल रहा है। कोढ़ पर खाज यह है कि करीब 96 कनेक्शन वर्षों पहले परमानेंट डिस्कनेक्शन (पीडी) हो चुके हैं, लेकिन उनकी वसूली आज तक नहीं हुई है। इसको लेकर यूपीसीएल प्रबंधन की अब तक की कार्रवाई नकाफी रही है।
आम कंज्यूमर्स पर पड़ रहा बोझ
कॉमर्शियल कनेक्शनों पर बकाये की मोटी रकम का खामियाजा आम कंज्यूमर्स को उठाना पड़ रहा है। घाटे का हवाला देकर यूपीसीएल चालू वित्तीय वर्ष में तीन बार बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं। यदि बकाये की यह रकम वसूल हो जाती है, तो निगम का घाटा काफी कम हो सकता है, लेकिन इस पर प्रबंधन का कहीं कोई ध्यान नहीं है।
रुद्रपुर की इंडस्ट्रियों पर सर्वाधिक &6 करोड़ बकाया
राज्य में सर्वाधिक बकाया रुद्रपुर इंडस्स्ट्री पर है। यहां 77 इंडस्ट्री पर 36.35 करोड़ रुपये का बकाया है। इसके बाद काशीपुर की इंडस्ट्रियों पर 26.2& करोड़ तो बागेश्वर की इंडस्ट्रियों पर 24.24 करोड़ का बकाया है। इसके अलावा रुड़की रूरल और जसपुर पर 14-14 करोड़ और कोटद्वार पर 12.67 करोड़ का वर्तमान में बकाया चल रहा है। सबसे कम धारचूला में 6.74 लाख रुपये का बकाया है। इसी तरह अन्य इंडस्ट्रियों पर भी लंबे समय से बकाया चल रहा है।
ये इंडस्ट्रियल एरिया बड़े बकायेदार
इंडस्ट्रियल एरिया बकाया
(रुपये करोड़ में)
रुद्रपुर 36.35
काशीपुर 26.23
बागेश्वर 24.24
जसपुर 14.83
रुड़की 14.58
कोटद्वार 12.67
सिडकुल 07.40
सितारगंज 06.11
ज्वालापुर 05.93
129 कनेक्शन पर 41.25 करोड़ बकाया
बकाया न चुकाने पर यूपीसीएल ने 481 में से 129 कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर दिए हैं। इन 129 कनेक्शनों पर 41.25 करोड़ का बकाया है। जबकि 8 कनेक्शनों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इन 8 कनेक्शनों पर 2.8& करोड़ का बकाया है।
पीडी कनेक्शनों पर मेहरबानी से उठे सवाल
यूपीसीएल ने 96 कनेक्शन को परमानेंट डिस्कनेक्ट कर दिया है। ताज्जुब की बात है कि &9 करोड़ रुपये का बकाया है। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश कनेक्शन वर्षों पहले पीडी कर लिए थे, लेकिन अभी तक इनकी भुगतान नहीं हो पाया है। इसको लेकर यूपीसीएल के अधिकारियों ने कभी ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इंडिस्ट्रयल बकायेदारों पर मेहरबानी से अफसरों पर सवाल उठने लाजमी हैं।
अधिकांश इंडिस्ट्री ले चुकी नए कनेक्शन
बताया गया है कि अधिकांश बकायेदारों ने बकाये के कनेक्शनों को पीडी करके नये कनेक्शन ले लिए, लेकिन पुराने का करोड़ों का बिल नहीं चुकाया। नया कनेक्शन देने के बाद यूपीसीएल के अधिकारी भी सो गए। यूपीसीएल मुख्यालय ने भी इस पर संबंधित डिवीजनों से कोई जवाब-तलब नहीं किया है।
इंडस्ट्री पर इतने बड़े बकाये की जानकारी नहीं है। इस संबंध में संबंधित चीफ इंजीनियरों से रिपोर्ट तलब की जाएगी। कुछ मामले कोर्ट में हैं। इसके इतर लंबे समय से बकाया न देने वाली इंडस्ट्रियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अजय अग्रवाल, डायरेक्टर प्राजेक्ट एवं मीडिया प्रभारी, यूपीसीएल