देहरादून (ब्यूरो) अपने संबोधन में सीएम धामी ने चार घोषणाएं कीं। कहा, राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जाएगी। शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 2 साल से बढ़ाकर 5 साल किया जाएगा। शहीदों के आश्रितों को अब डीएम ऑफिसों में ग्रुप-सी व डी के अलावा अन्य विभागों में भी ग्रुप-सी व डी के पदों पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी। ऐसे ही सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि कारगिल युद्ध में देश की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम और अदम्य साहस का परिचय दिया।

हर्बटपुर में खुलेगा सैनिक कल्याण का दूसरा ऑफिस
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार की ओर से सेवायोजित किया जा रहा है। अब तक 26 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है। सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त धनराशि में वृद्धि की गई है। दून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की स्मृति में मॉडर्न व सभी सुविधाओं युक्त Óशौर्य स्थल यानि सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के सभी शहीदों के नाम अंकित किए जाएंगें। हर्बटपुर में सैनिक कल्याण का दूसरा कार्यालय खोला जा रहा है।

शहीद की पत्नी का शॉल ओढ़कर सम्मान
केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स सीआरपीएफ काठगोदाम की ओर से कारगिल विजय दिवस के मौके पर स्मिथ नगर स्थित सामुदायिक केंद्र में शहीद आनंद प्रकाश लखेड़ा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार और एएसआई दीवान सिंह ने एपी लखेड़ा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनकी धर्मपत्नी बीरा देवी को शॉल ओढ़कर सम्मानित किया। मौके पर शहीद के बड़े भाई जेपी लखेड़ा व बेटे मुकेश लखेड़ा भी मौजूद रहे।


शहीदों के गांवों को शहीदधाम का दर्जा मिले
कारगिल विजय दिवस पर कुछ संगठनों ने युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के गांवों को शहीदधाम का दर्जा देकर उत्तराखंड में भावी पीढियों में देशभक्ति के जज्बे की लौ जलाए रखने की मांग की। संयुक्त नागरिक संगठन के तत्वावधान में कारगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस दौरान पूर्व सैन्य अफसरों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, रिटायर्ड राज्य सरकार के अधिकारियों, दून बुद्धिस्ट सोसाइटी की तिब्बती समुदाय संगठन और आंदोलनकारियों ने शहीदो के नमन किया। वक्ताओं ने कहा इस युद्ध में तिरंगे में लिपट कर आए शहीदों के गांवों को शहीदधाम का दर्जा मिले। इस दौरान ले।कर्नल विक्रम सिंह थापा, ब्रि।केजी बहल, डा। बृजमोहन शर्मा, जीएस जस्सल, मधु त्यागी, परमजीत कक्कड़ आदि मौजूद रहे।

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