-आंदोनकारियों ने जिस उद्देश्य से की थी अलग राज्य की मांग,
उसी अनुरूप सरकार कर रही है निरंतर कार्य
देहरादून, 3 सितम्बर (ब्यूरो)। इस मौके पर सीएम ने घोषणा की कि मसूरी शहीद स्थल पर शेड का निर्माण किया जायेगा। सीएम धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हित प्रमाण पत्र बनाने के लिए 6 माह का अतिरिक्त समय दिया गया था। बहुत जिलों में इस पर कार्य हुआ। इसके लिए ऐसी व्यवस्था की गई है कि इसका दुबारा आंकलन कर व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाय। दून जिले में चिन्ह्ति सभी 4164 राज्य आन्दोलनकारियों को पहचान पत्र निर्गत किये गये है। इस दौरान केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मसूरी नगर पालिका परिषद् के अध्यक्ष अनुज गुप्ता, मसूरी नगर पालिका परिषद् के पूर्व अध्यक्ष मन्नू मल, सिद्धार्थ अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
सीएम धामी बोले
-राज्य आन्दोलनकारियों को उत्तराखंड रोडवेज की बसों में फ्री परिवहन सुविधा प्रदान किये जाने की व्यवस्था
-आन्दोलनकारियों के अधिकतम दो बच्चों को राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में निशुल्क शिक्षा सुविधा प्रदान
-आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन की सुविधा भी दी जा रही
-शहीद आंदोलनकारी के पिता को और पिता के जीवित न होने पर माता को और आश्रित को प्रतिमाह पेंशन की सुविधा
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172 घायल आंदोलनकारियों को 6 हजार रुपए पेंशन
सीएम ने कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान 172 घायल राज्य आंदोलनकारियों को 6 हजार रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। ऐसे ही 2414 सक्रिय राज्य आंदोलनकारियों को 4500 रूपये प्रतिमाह पेंशन सरकार की ओर से मिल रही है। 6 घायल व 26 सक्रिय राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है।
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2 सितंबर 1994 को हुआ था मसूरी गोलीकांड
सीएम ने कहा कि 2 सितम्बर 1994 में मसूरी गोलीकांड की घटना हमेशा हमारे स्मरण में रहेगी। पुलिस की तानाशाही व हटधर्मिता को सबने देखा, जो उस समय की सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से करवाया। इस गोलीकांड में हमारे 6 आन्दोलनकारी शहीद और दर्जनों घायल हो गये थे। उत्तराखंड राज्य निर्माण में हमारी मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कहा, स्कूलों व सड़कों का नाम संबंधित क्षेत्रों के शहीद राज्य आंदोलनकारियों के नाम पर करने की दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है।