देहरादून ब्यूरो। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा उलझन स्मार्ट रोड के मामले में आ रहा है। दून की चार रोड के कुछ हिस्से को स्मार्ट रोड के रूप में डेवलप किया जाना है। इनमें राजपुर रोड, चकराता रोड, ईसी रोड और गंाधी रोड का कुछ हिस्सा शामिल है। कुल मिलाकर करीब 11 किमी रोड को स्मार्ट रोड के रूप में डेवलप किया जाना हैै। करीब तीन वर्ष पहले जब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम शुरू हुए थे तो शुरुआत स्मार्ट रोड के काम से ही शुरू हुई थी। लेकिन तीन वर्षों में स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट ने ही दून सिटी को सबसे ज्यादा प्रभावित किया।
कई बार खोद डाली रोड
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट रोड के करीब 16 किमी चौड़ी होना है। सीवरेज और पाइप लाइन के आलावा इन रोड के नीचे मल्टी यूटिलिटी डक्ट भी अंडरग्राउंड किये जाने हैं। ताकि इनसे होकर बिजली बिजली, टेलीफोन और अन्य सभी तरह की लाइन गुजारी जा सकें। इन रोड पर किसी भी तरह की वायर रोड के ऊपर से नहीं गुजरेगी। इन कामों के लिए इस चारों रोड को कई बार खोदा जा चुका है। लेकिन अब भी नाली और फुटपाथ जैसे काम नहीं हो पाये हैं। कई जगहों पर रोड धंस रही हैं। स्मार्ट पोल के नाम पर कुछ पोल खड़े किये गये हैं, लेकिन इन पोल पर जो सुविधाएं देने का दावा किया गया था, वे अभी मिल नहीं पाई हैं।
स्मार्ट बस स्टॉपेज दूर की कौड़ी
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट बस स्टोपेज बनाने का भी दावा किया गया था, लेकिन इन पर अब तक काम शुरू ही नहीं हो पाया है। यही स्थिति प्रस्तावित ग्रीन बिल्डिंग की भी है। अभी यह भी नहीं तय हो पाया है कि यह बिल्डिंग बनेगी कहा। शुरुआती दौर में हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज वर्कशॉप की जमीन पर ग्रीन बिल्डिंग बनाने की बात हुर्ई। बाद में मौजूदा कलेक्ट्रेट की कुछ बिल्डिंग तोड़कर ग्रीन बिल्डिंग बनाने की बात हुई। लेकिन, अब फिर से रोडवेज वर्कशॉप की जमीन पर ग्रीन बिल्डिंग बनाने की बात चल रही है।
70 परसेंट का दावा, 30 परसेंट काम
देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बनाई गई सरकारी कंपनी देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड का दावा है कि इस प्रोजेक्ट के 70 परसेंट काम हो चुके हैं, लेकिन वास्तव में जमीन पर अब सिर्फ 30 परसेंट काम ही हो पाये हैं। एक भी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी का ऐसा नहीं है, जो इन तीन वर्षों में कंप्लीट हुआ है। लेकिन, आम लोगों को सबसे ज्यादा परेशान बार-बार की जाने वाली सड़कों की खुदाई से हैं।