देहरादून (ब्यूरो)। नैनबाग : सीडीएस जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के शोक में जिले के विभिन्न जगहों पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। नैनबाग व थत्यूड़ व्यापार मंडल ने गुरुवार देर शाम को बाजार में कैंडल मार्च निकाला और बिपिन रावत अमर रहे के नारे लगाए। इस मौके पर व्यापारियों ने कहा कि देश के लिए उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। इस दौरान दिनेश तोमर, महेश तोमर, अनिल कंडारी, सुरेश कुमार, विनय कैंतुरा, सुभाष आदि मौजूद थे। वहीं थौलधार विकासखंड मुख्यालय में सीडीएस जनरल बिपिन सिंह रावत को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी डीपी थपलियाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष रामचंद्र खंडूड़ी, सोवत सिंह पंवार, भगवती प्रसाद थपलियाल, बुद्धि सिंह गुसाईं, मनोहर लाल रतूड़ी, मुकेश आदि मौजूद थे। घनसाली बाजार में भी गुरुवार शाम को व्यापारियों व नगर पंचायत ने बाजार में कैंडल मार्च निकाला। इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष शंकरपाल सजवाण, नरेंद्र डंगवाल, राजेंद्र प्रसाद, पवन राणा, पारेश्वर प्रसाद बडोनी, राकेश कुमाईं आदि मौजूद थे।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम होगा निगम का मुख्य प्रवेश द्वार
हरिद्वारः मेयर अनिता शर्मा ने नगर निगम के मुख्य प्रवेश द्वार का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत स्मृति द्वार रखने की घोषणा की। इससे पहले उन्होंने नगर निगम क्षेत्र की जनता, पार्षदगण, अधिकारी और कर्मचारियों की ओर से सीडीएस, उनकी पत्नी और अन्य 11 सैन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। महापौर अनिता शर्मा ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन से राष्ट्र को अपूर्णीय क्षति हुई है। उत्तराखंड ही नहीं समूचा राष्ट्र शोक में डूबा है। देश की रक्षा में उनके योगदान की सराहना करते हुए मेयर ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत एक जिम्मेदार सैन्य प्रमुख, कर्त्तव्यपरायण अधिकारी और कुशल नेतृत्वकर्त्ता रहे। अपनी काबलियत और मेहनत की बदौलत थल सेनाध्यक्ष रहने के बाद उन्हें देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने का गौरव हासिल हुआ।
जनरल रावत के नाम पर हो सैन्यधाम के मुख्यद्वार का नाम
देहरादूनः केंद्रीय वक्फ परिषद के सदस्य और योजना एवं वित्त समिति अल्पसंख्यक मंत्रालय के अध्यक्ष रईस खान पठान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर उत्तराखंड में बनने वाले सैन्य धाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में केंद्रीय वक्फ बोर्ड के सदस्य रईस खान पठान ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण समय में एक वीर सैनिक के जाने से जो क्षति हुई है, उसे पूरा करना संभव नहीं है। उनका जाना देश के साथ ही उत्तराखंड के लिए भी बड़ी क्षति है क्योंकि उन्होंने राज्य के विकास में अहम योगदान दिया है। यह भी जरूरी है कि उत्तराखंड में उनके नाम पर एक स्मारक बने। उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत को देहरादून के पुरकुल में बनने वाले सैन्य धाम में अहम स्थान मिलना चाहिए। सरकार ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीरों के घर की माटी एकत्र कर सैन्यधाम में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। इसी माटी का सपूत होने के नाते यह सुनिश्चित करना हमारा कर्त्तव्य है कि जनरल रावत राज्यवासियों की स्मृति में बने रहें। इसके लिए उचित होगा कि सैन्य धाम के मुख्य द्वार का नाम जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाए।