देहरादून ब्यूरो।
देहरादून मे फाइनेंशियल साइबर क्राइम के मामलों से निपटने के पिछले वर्ष 17 जून में हेल्पलाइन जारी की गई थी। पहले इस तरह की शिकायतों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 155260 नंबर दिया गया था। जिसे बाद में बदलकर 1930 कर दिया गया था। लगातार साइबर ठगों की जाल में फंस रहे दूनाइट्स के लिए यह हेल्पलाइन फायदेमंद साबित हो रही है। समय पर इस हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले कई पीडि़तों के अमाउंट रिकवर करने में पुलिस की साइबर क्राइम सेल सफल रही है।
एक वर्ष में 7723 कॉल
यह हेल्पलाइन स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड के सुपरविजन में चलाई जा रही है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार 17 जून 2021 से 16 जून 2022 तक इस हेल्पलाइन पर कुल 7723 शिकायतें दर्ज हुई हैं। यानी हर रोज एवरेज 21 शिकायतें साइबर क्राइम सेल को मिली हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग कितनी बड़ी संख्या में साइबर ठगी के शिकार रहे हैं। इस हेल्पलाइन पर राज्यभर से आने वाली कॉल दर्ज की जाती हैं। एसटीएफ के अनुसार हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों के मामले में कार्रवाई करके एक वर्ष के दौरान पीडि़तों के 2.11 करोड़ रुपये की अमाउंट रिकवर करवाई गई है। कुल मिलाकर राज्य के लोगों को साइबर हेल्पलाइन की मदद से ऑनलाइन धोखाधड़ी की अमाउंट रिकवर करने में मदद मिली है।
हर बार नई चाल चलते हैं ठग
साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए हर बार नये-नये तरीके अपनाते हैं। शुरुआती दौर में एटीएम ब्लॉक होने के नाम पर ठगी के ज्यादातर वारदात हुए। उसके बाद मोबाइल नंबर का केवाईसी करवाने के नाम पर, डेविट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, ऑनलाइन खरीदा गया सामान वापस करवाने, ओएलएक्स पर सामान बेचने, घर किराये पर लेने और यहां तक कि डॉगी खरीदने के नाम पर भी ठगी की गई। हाल के दिनों में चारधाम रूट पर होटल की बुकिंग और केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर में सीट बुकिंग के नाम पर भी साइबर ठगी की गई।
बिहार से एक्टिव ज्यादातर ठग
साइबर ठगी के दर्जनों मामलों में यह बार मुख्य रूप से सामने आई कि ऑनलाइन ठगी की ज्यादातर वारदात बिहार के दूर-दराज गांवों से की गई। इसके अलावा राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश से भी उत्तराखंड और दून के लोगों से साइबर ठगी की गई। कई मामलों में एसटीएफ साइबर ठगों को गिरफ्तार करने में सफल रही।
112 से जुड़ी हेल्पलाइन
प्रभारी स्पेशल टॉस्क फोर्स ने आम लोगों से अपील की कि वे हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी देें, ताकि ठगी का शिकार होने वाले लोगों को मदद पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि साइबर फाइनेंशियल हेल्पलाइन को 112 से भी जोड़ा जा चुका है। अब ऐसे मामलों की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 112 पर करने से भी यह शिकायत 1930 पर पहुंच जाती है।