देहरादून, (ब्यूरो): आईटी कंपनी में लाखों रुपये की सेलरी पाने के बाद भी जब सुशांत मोहन के मन को तसल्ली नहीं मिली तो नौकरी को छोड़ दी। आज वे जहां अनाथ बच्चों के लिए काम कर रहे है और साथ ही पर्यावरण बचाने को बचाने की मुहीम में जुटे हं। इस अभियान को आज 5 साल बीत चुके है। उनके #unitytees अभियान के माध्यम से उन्होंने कई पेड़ भी लगाए। उनके इस अभियान में उनके साथ वन विभाग और कई संगठन भी आए। इसी का नतीजा है कि आज सिटी के तमाम एरियाज में लोग खुलकर इनके अभियान का हिस्सा बने। उनके इस पर्यावरण प्रेम के कारण इन्हें नगर निगम ने अपना ब्रांड अम्बेसडर भी बनाया हैं। सुंशात की मानें तो सभी की जिम्मेदारी बनती है कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाए। जिससे पर्यावरण को बचाया जा सकें।

आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ी

सुशांत मोहन का बचपन दून में बीता। उन्होंने सेंट जोजफ एकेडमी से स्कूलिंग करने के बाद डीएवी पीजी कॉलेज से बीएससी की। इस बीच कई अनाथ बच्चों को देखा। उनकी स्थिति देखकर उनके एजुकेशन में उनकी मदद का मन बनाया। अब इसके लिए उन्होंने म्युजिकल इवेंट की मदद से अनाथ बच्चों के लिए काम कर रहे है। इससे आने वाले राशि को वे अनाथ बच्चों की मदद पर खर्च करते है। इस बीच उन्होंने बूम शिवा इवेंट्स एंड एंटरटेनमेंट्स नाम से एक इवेंट कंपनी भी बनाई।

एक नजर

नाम - सुशांत मोहन

निवासी - सेवक राम आश्रम

स्कूलिंग - सेंट जोजफ एकेडमी

कॉलेज - डीएवी से बीएससी

नौकरी - डेल कंपनी में बतौर टेनर

वर्तमान - नगर निगम के ब्रांड एम्बेसडर

विदेशों में भी दिए म्युजिक परफोरमेंस

सुंशात मोहन ने 2017 में जय उत्तल के साथ उनके म्युजिकल इवेंट में भाग लिया। इसके बाद उनकी कंपनी ने देश ही नहीं विदेशों में भी इवेंट प्रोग्राम में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्हें न्यूयॉर्क यूएसए में ग्रैमी पुरस्कारों के लिए नोमिनेट भी हुए।

पिता के लिए छोड़ी नौकरी

सुशांत मोहन ने दिल्ली में डेल कंप्यूटर में बतौर आईटी एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे। इस बीच इनके पिता की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उन्हें नौकरी छोड़कर दून लौटना पड़ा। यहां परिवार की जिम्मेदारी के बीच उन्होंने एक सामान्य सी नौकरी भी की। लेकिन, इसके बाद भी इनका मन नहीं माना। उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए कुछ करने की सोची। जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर कंपनी की शुरूआत की।

कोविड में की लोगों की मदद

सुशांत मोहन ने कोरोना काल के दौरान लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए। जब लोगों को राशन व दवाईयों के लिए परेशान होना पड़ रहा था। तब सुशांत ने कड़ी मेहनत से एक टीम बनाई और उत्तराखंड के कई लोगों को चिकित्सा सहायता और खाद्य संसाधन प्राप्त करने में मदद की। इसी का नतीजा है कि सुशांत मोहन को नगर निगम के अधिकारी की नजर पड़ी और उन्होंने समाज के कल्याण के लिए उनके काम की सराहना की। क्योंकि, वह पिछले 5 वर्षों से भारत के विभिन्न संगठनों और वन विभाग उत्तराखंड के साथ मिलकर पेड़ लगा रहे थे। उनके प्रयासों को देखते हुए नगर निगम देहरादून ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाने का फैसला किया। नगर निगम की ओर से जल्द ही उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।

लोगों को कर रहें अवेयर

सुशांत के अनुसार सभी को चाहिए कि पर्यावरण सरंक्षण के लिए पौधरोपण जरुर करें। इसके लिए उन्होंने लोगों को अवेयर करने के लिए लोगोंं को पौधे दिए। जिससे वे अपने घरों के आस-पास पौधरोपण कर पर्यावरण को संरक्षित कर सकें। आलम ये है आज उनके इस अभियान में उनके परिवार का भी सहयोग मिला।

dehradun@inext.co.in