- दिल को दुरुस्त रखने के लिए करें लाइफस्टाइल में बदलाव
- 30 से 40 की कम उम्र के लोगों में भी बढ़ रहे हार्ट डिजीज के मामले

देहरादून, 28 सितम्बर (ब्यूरो)। महिलाओं में गर्भ निरोधक पिल्स का यूज ज्यादा देखा जा रहा है, वहीं स्मोकिंग की आदत भी देखी जा रही है। ऐसे में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। बिजी लाइफस्टाइल के कारण उनमें तनाव देखा जा रहा है। एक्सपट्र्स कहते हैं कि स्ट्रेस मैनेज करना जरूरी है, अपने लिए वक्त निकालें और अपनी प्रायोरिटीज में हेल्थ को भी शामिल करें।

स्टेरॉयड बना रहे हार्ट पेशेंट
विशेषज्ञों का कहना है कि सेहतमंद दिखने के लिए युवाओं में स्टेरॉयड लेने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। ये उनके स्वास्थ्य खासकर दिल के लिए घातक हो सकता है। जिम में भी बेतरतरीब तरीके से एक्सरसाइज उनके लिए नुकसानदेह है। सामान्य लोगों को भी दिल की बीमारियों से बचने को डॉक्टरी सलाह के बाद ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। सुरक्षित एक्सरसाइज करें। हार्ट अटैक और कॉर्डियक अरेस्ट से संबंधित पूर्व लक्षणों को नजरअंदाज न करें। 35 साल की उम्र के बाद लिपिड प्रोफ ाइल, ईसीजी, टीएमटी आदि सामान्य जांच जरूर कराएं।

इन महिलाओं को अधिक खतरा
मीनोपॉज महिलाओं में हार्ट संबधी परेशानी हो सकती हैैं। रिपोट्र्स के अनुसार महिलाओं में हार्ट अटैक से होने वाली मौत का खतरा अधिक रहता है। इसका कारण बॉडी वेट बढऩा, एक्सरसाइज की कमी , धूम्रपान, प्रोसेस्ड फूड खाने की वजह से हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
चक्कर आना, सांस फूलना, बेहोश हो जाना ये गंभीर बीमारी के संकेत है। इसलिए इन्हें कभी भी नजरअंदाज न करें। अक्सर देखा जाता है कि बुजुर्ग, महिलाओं या डायबिटिक पेशेंट को चलते समय सांस फूलने की समस्या होती है। वो जल्दी थक जाते हैं। इन स्थितियों में भी डॉक्टर से मेडिकल चेकअप करा लेना चाहिए। ये हार्ट से जुड़ी समस्याओं के संकेत भी हो सकते हैं।

यहां रखे सावधानी
- सीने में तेज दर्द
- बिना कारण पसीना आना
- बेचैनी अनुभव होना
- जबड़े, गर्दन और पीठ में दर्द होना
- सांस लेने में कठिनाई होना
- सांस छोटी होना
- जल्दी-जल्दी सांस लेना
- चक्कर आना
- पल्स का धीरे-धीरे कम होना
-मानसिक रूप से कुछ सोच या समझ ना पाना

ये न करें:
- स्मोकिंग न करें
- इससे दिल की बीमारी की आशंका 50 फ सदी बढ़ जाती है।
- अपना लोअर बीपी 80 से कम रखें।
- कॉलेस्ट्रॉल 200 या इससे कम रखें। इसमें भी बैड कॉलेस्ट्रॉल 130 से कम रहना चाहिए।
-रोजाना कम-से-कम 45 मिनट सैर और एक्सरसाइज जरूर करें।
- तनाव न लें। दिल की बीमारियों की बड़ी वजह तनाव है।
- रेग्युलर चेकअप कराएं, खासकर अगर रिस्क फैक्टर हैं।
- डायबीटीज है तो शुगर के अलावा बीपी और कॉलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल में रखें।
- फ ल और सब्जियां खूब खाएं।
- रेड मीट कम खाएं। यह दिल के लिए भी नुकसानदेह है।

रेगुलर लाइफस्टाइल में लगातार तनाव, अनिद्रा और धूूम्रपान जैसी हानिकारक आदतें हार्ट के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। हार्ट को हेल्दी रखने के लिए रेगुलर एक्ससाइज करें। जिससे हार्ट को स्ट्रॉग रख सकें।-:
डॉ । प्रीति शर्मा, डायरेक्टर कार्डियोलॉजी मैक्स हॉस्पिटल

हेल्दी फूड लें, पौधों के आधारित फूड प्रोडक्ट जैसे सब्जियां, फल और पूरे अनाज ज्यादा लें। साथ ही रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट को कम करें। शराब का सेवन कम करें और धूम्रपान से बचें।
डॉ योगेन्द्र सिंह, कार्डियोलॉजिस्ट

पिछले एक दशक में कार्डियक अरेस्ट के मामले भारत में तेजी से बढ़े हैं। जागरूकता के अभाव में ऐसी स्थिति अक्सर घातक हो जाती है। सीपीआर देकर किसी भी पीडि़त की प्राणरक्षा की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
डॉ। तनुज भाटिया, कार्डियोलॉजिस्ट एसएमआई
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