रुड़की आईआईटी बना रही प्लान
देहरादून, 14 अगस्त (ब्यूरो)। नगर निगम ने सिटी में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के बाद उसके निस्तारण के लिए शीशमबाड़ा स्थित प्लांट को चुना था। शीशमबाड़ा में लगातार कूड़ा निस्तारण के दौरान आस-पास रहने वाले नागरिकों एवं उनसे जुड़े समाजिक संगठन समेत जनप्रतिनिधियों की ओर यहां विरोध किया गया था। विरोध इसलिए किया गया था कि शीशमबाड़ा प्लांट में कूड़े के पहाड़ से होने वाली समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम लम्बे समय से कूड़े के पहाड़ को हटाने का लिए प्रयास कर रहा है। इस प्रयास में सफलता मिलने की सम्भावना है।
इसलिए बना कूड़े का पहाड़
नगर निगम के साथ काम कर रही अनुबंधित संस्था की ओर से शीशमबाड़ा प्लांट में आरडीएफ के साथ-साथ मिक्स वेस्ट को भी वैज्ञानिक भूमि में इकट्ठा किया गया। जिससे 15 वर्षों तक उपयोग में ला सकने वाले प्लांट के वैज्ञानिक भरण स्थल मात्र 4 साल में ही भर गये। जिसके बाद वहां पर कूड़े का पहाड़ इक_ा हो गया।
कूड़े के पहाड़ को हटाने को लेकर कार्यवाही
आरडीएफ के निस्तारण के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया। नगर निगम की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के क्रम में शासन ने शीशमबाड़ा प्लांट में कूड़े का आंकलन कराने के निर्देश दिए गए। नगर निगम की ओर से आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों से कूड़े का आंकलन एवं सुझाव देने के लिए सम्पर्क साधा गया। जिसके बाद एक सप्ताह के भीतर आईआईटी रूड़की की टीम शीशमबाड़ा प्लांट का निरीक्षण करेगी।
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शीशमबाड़ा स्थित आरडीएफ के निस्तारण के लिए नगर निगम आईआईटी रुड़की की टीम के सुझाव रिपोर्ट अनुसार रणनीति बनाते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिसके बाद शीशमबाड़ा में लगा कूड़े का पहाड़ कम हो सकेगा।
मनुज गोयल, नगर आयुक्त देहरादून
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