- 25 अफगानियों की रिपोर्ट नेगेटिव
- अब बार्डर पर एंटीजन नहीं होगी आरटीपीसीआर जांच
देहरादून,
प्रदेश में कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट के दो केस मिलने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट हो गया है। थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए एहतियात बरती जा रही है। इसके लिए बाहरी प्रदेशों से दून पहुंचने वाले लोगों का अब आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा। सभी बॉर्डर चेक पोस्ट पर सख्ती की जा रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसके निर्देश दे दिये हैं।
दून में 16 माह की बच्ची पॉजिटिव
दून में 16 माह की बच्ची की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। हालांकि दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के पिडियाट्रिक डॉ। अशोक कुमार ने बताया कि बच्ची को डायरिया की शिकायत थी। एहतिहातन उसकी कोरोना जांच की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। हालांकि माता-पिता दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
25 अफगानियों की जांच
बीते दिन अफगानिस्तान से आए 25 लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्हें पोलियो ड्रॉप भी दी गई। इसके बाद उनका कोविड वैक्सीनेशन किया जा रहा है। सभी को होम आइसोलेट किया गया है।
रोजाना 9 हजार सैंपलिंग
सीएमओ ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार दून में रोजाना 9000 लोगों की कोविड सैंपलिंग औसतन हो रही है। इनमें आशा रोड़ी चैक पोस्ट, आईएसबीटी, रेलवे स्टेशन, जॉलीग्रांट एयरपोर्ट, कुल्हान बॉर्डर व ऋषिकेश बॉर्डर पर टीमें तैनात की गई हैं।
अप्रैल से लेकर अब तक बच्चे पॉजिटिव
एज ब्रैकेट कुल केस
0-18 3000
0-10 1023
10-18 1977
हॉस्पिटल में संदिग्धों की आरटीपीसीआर जांच
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगातार बाहर से आए हुए लोगों के संक्रमण होने के कारण विभाग ने पहले ही एहतिहात बरतनी शुरू कर दी है। बाहर से आने वाले लोगों की सैंपलिंग की जा रही है।
दून में सुरक्षा को लेकर सावधानी बरती जा रही है। हॉस्पिटल में बेड के साथ सभी लैब को टेस्ट तेज करने की हिदायत दी गई है। डेल्टा प्लस को लेकर भी सावधानी बरतते हुए आंशका के आधार पर सैंपल भेजे जा रहे हैं।
- डॉ राजीव दीक्षित, जिला सर्विलांस अॅाफिसर
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एम्स में टेली-आईसीयू फैसिलिटी
एम्स ऋषिकेश में कोविड-19 के गंभीर पेशेंट्स की बेहतर देखभाल के लिए आईसीयू सेवाओं का विस्तारीकरण कर हॉस्पिटल में 200 से अधिक आईसीयू बेड तैयार किए हैं। इसी के साथ ही आईसीयू में भर्ती पेशेंट्स के लिए टेली-आईसीयू सुविधा भी शुरू की गई है। इसके लिए एम्स ने किंग्स कॉलेज, लंदन (केसीएल) के साथ एमओयू किया है। इस सेवा से एम्स के डॉक्टर्स एक साथ कई वर्चुअल आईसीयू चला सकते हैं।