देहरादून (ब्यूरो)। केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में शामिल सहारनपुर-दून इकोनॉमिक कॉरिडोर से होकर बनने वाले दिल्ली-दून एक्सप्रेस-वे का काम उत्तराखंड से सटे वाले बॉर्डर हिस्से मोहंड से काम शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि यहां पेड़ों की कटान को भी मजंूरी मिल चुकी है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 18 नवंबर को ट्वीट कर जानकारी शेयर की है कि भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-सहारनपुर-दून के लिए 6-लेन इकॉनोमिक कॉरिडोर के लिए 2095 करोड़ रुपये सेंक्शन कर दिए गए हैं। दरअसल, 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे को दिल्ली से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाओं में बनना है, जो भारतमाला परियोजना का हिस्सा है। केंद्र ने इस एक्सप्रेस-वे से हरिद्वार को कनेक्ट करने के लिए 6-लेन रोड के निर्माण के लिए मंजूरी दी है।
दून से दिल्ली की दूरी 4 घंटे होगी कम
दून से दिल्ली की दूरी 4 घंटे कम हो जाएगी। एक्सप्रेस वे को चार फेज में डेवलप किया जा रहा है। तीसरे फेज में सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर के बीच करीब 13 किमी बनाया जाएगा। जबकि चौथे फेज़ में गणेशपुर से आगे देहरादून तक निर्माण होगा। इसकी लम्बाई करीब 19.785 किमी होगी। गणेशपुर से देहरादून के बीच एक्सप्रेस वे का ज्यादातर हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क की सीमा से होकर गुजऱेगा। इसको देखते हुए यहां पर करीब पांच किमी लंबा फोर लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जाएगा। फिलहाल, हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा।
-दिल्ली से देहरादून के बीच की 235 किमी की दूरी इस हाईवे से 210 किमी रह जाएगी।
-सफर का वक्त भी 6.5 घंटे के बजाय मात्र 2.5 घंटे का रह जाएगा।
-इस सड़क पर 25 किमी की एलिवेटेड रोड होगी।
-14 सुरंगें व 6 लेन रूट फॉरेस्ट एरिया से होकर गुजरेगा।
-वाहनों की रफ्तार कम से कम 100 किमी प्रति घंटा रहेगी।
-वाइल्ड एनिमल्स के लिए 12 किमी की देश में पहली बार एलिवेटेड रोड बनेगी।
उत्तराखंड के हिस्से वर्क ऑर्डर की मंजूरी नहीं
उत्तराखंड के हिस्से में एक्सप्रेस-वे के लिए पेड़ कटने की मंजूरी के बारे में डीएफओ राजीव धीमान ने बताया कि एक्सप्रेस वे के लिए पेड काटने की मंजूरी तो मिल चुकी है। लेकिन, मामला हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन होने के कारण वर्क ऑर्डर नहीं दिया गया है। फिलहाल, उत्तराखंड के 3.7 हिस्से में एक्सप्रेस-वे के लिए जो पेड़ कटने हैं, उसमें साल व अन्य स्पेसीज के शामिल हैं। फिलहाल, कोर्ट में पेड़ कटने के मामले में हाईकोर्ट में अमित खोलिया बनाम भारत सरकार, रेनू पाल बनाम भारत सरकार के अलावा दून ग्रीन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दर्ज है। जिसके फैसले का इंतजार किया जा रहा है।