- 18 माह में बनकर तैयार होनी थी ग्रीन बिल्डिंग
- 3 साल में नींव तक नहीं रख पाया स्मार्ट सिटी
देहरादून (ब्यूरो): पिछले तीन साल में जहां स्मार्ट सिटी के अधिकांश कार्य पूरे हो गए हैं और कुछ कार्य कंप्लीट होने को है। वहीं दूसरी ओर ग्रीन बिल्डंग की नींव तक नहीं खोदी जा सकी। अब दूनाइट्स भी पूछने लगे हैं कि स्मार्ट सिटी की ग्रीन बिल्डिंग कहां है। लोग ग्रीन बिल्डिंग को लेकर तरह-तरह की बात कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि ग्रीन बिल्डिंग का नाम सुनते-सुनते कान पक गए हैं। उधर, स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। ग्रीन बिल्डिंग की फाउंडेशन खोदाई अगले हफ्ते मंडे से शुरू की जा रही है। इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि अब बरसात शुरू होने वाली है। बरसात में कैसे काम शुरू होगा। पब्लिक ग्रीन बिल्डिंग को अब मात्र एक सपना ही बताने लगी हैं।
आधा वर्कशॉप शिफ्ट नहीं
ग्रीन बिल्डिंग हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज वर्कशॉप की जमीन पर बन रही हैं। वर्कशॉप को यहां से ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट किया गया है। ट्रांसपोर्ट नगर में वर्कशॉप अभी भी पूरी तरह से शिफ्ट नहीं की गई है। प्रस्तावित जमीन पर वर्कशॉप में काम अभी चल रहा है। इतना जरूर हुआ है कि वर्कशॉप की एक बिल्डिंग काफी पहले गिरा दी गई है। उसका मलबा अभी वहीं पड़ा हुआ है। बिल्डिंग निर्माण के लिए अभी तक भूमि का समतलीकरण नहीं हो पाया है।
एक छत के नीचे मिलेंगे 64 विभाग
बताया जा रहा है कि ग्रीन बिल्डिंग ग्राउंड फ्लोर समेत 8 मंजिल तक की होगी, जिसमें करीब 64 सरकारी विभागों के जिला स्तरीय ऑफिस होंगे। बिल्डिंग में 600 व्हीकल्स पार्क किए जाने की सुविधा मिलेगी। एक की जगह दो बेसमेंट होंगे। निर्माण कार्य को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। बता दें कि ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण दून स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हो रहा है। पहले जमीन न मिलने से निर्माण कार्य लटका था, अब जमीन उपलब्ध होने पर भी काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इस बिल्डिंग का मकसद सरकारी की सभी सुविधाएं एक क्षत के नीचे देना है, ताकि पब्लिक को पूरे शहर के चक्कर न लगाने पड़े।
18 माह में निर्माण का दावा
ग्रीन बिल्डिंग का काम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पास है। सीपीडब्ल्यूडी ने टेंडर के बाद ग्रीन बिल्डिंग का काम कश्यपी इंफ्रास्ट्रक्चर को अवार्ड किया है। बिल्डिंग को 18 माह में बनाकर तैयार करने का दावा स्मार्ट सिटी के अफसर कर रहे हैं। लेकिन टेंडर खुलने के बाद कश्यपी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने अभी तक फाउंडेशन खोदाई तक शुरू नहीं की है।
ग्रीन बिल्डिंग के स्पेशल फीचर्स
- भूकंपरोधी तकनीक से होगा निर्मााण
- चारों तरफ वेंटिलेशन की सुविधा
- पावर कम नेचुरल लाइट ज्यादा
- सोलर एनर्जी से होगी लैस
- ग्राउंड फ्लोर पर होंगेे इंफार्मेशन डिस्प्ले बोर्ड
- बिल्डिंग के चारों तरफ रहेगा तीसरी आंख का पहरा
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी व्यवस्था
एक नजर में ग्रीन बिल्डिंग
184.58 करोड़ है ग्रीन बिल्डिंग की लागत
6500 स्क्वायर मीटर है कवर्ड एरिया
19000 स्क्वायर मीटर है टोटल भूमि
100 केएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
500 व्यक्तियों की क्षमता का सेमिनार
08 मंजिला होगी ग्राउंड फ्लोर को मिलाकर बिल्डिंग
600 कार एंड टू व्हीलर्स पार्किंग की होगी जगह
64 सरकारी विभागों के दफ्तर होंगे शिफ्ट
18 माह में बनकर तैयार होगी ग्रीन बिल्डंग
बदलती रही लोकेशन
दून स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ग्रीन बिल्डिंग की लोकेशन कई बार बदलती रही। सबसे पहले हरिद्वार रोड पर परिवहन निगम की वर्कशॉप पर ग्रीन बिल्डिंग बनाने का निर्णय लिया गया, लेकिन निगम की ओर से अधिक बोली लगाने के चलते बात नहीं बनी। इसके बाद द्रोण होटल परिसर और फिर कलेक्ट्रेट परिसर में बनाने की बात हुई, लेकिन यहां भी जमीन उपयुक्त नहीं मिली। आखिरी में परिवहन निगम वर्कशॉप की जमीन पर ग्रीन बिल्डिंग की कैबिनेट ने मुहर लगाई।
जमीन एक्वायर की कार्रवाई पूरी होने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी को प्रोजेक्ट हैंडओवर कर दिया गया है। वन विभाग से एनवायरमेंट इपैक्ट असेसमेंट की एप्रूवल न मिलने से कार्य शुरू करने में विलंब हुआ। अब वन विभाग से यह एप्रूवल मिल गई है। अगले मंडे से बिल्डिंग की फाउंडेशन खोदाई का कार्य शुरू किया जाएगा।
प्रेरणा ध्यानी, जन संपर्क अधिकारी, स्मार्ट सिटी
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