देहरादून, 31 जुलाई (ब्यूरो)।
रोड सेफ्टी की बात हो रही हो, आपदा से निपटने का दावा भी किया जा रहा हो और ऐसे में राजधानी की एक सड़क एक महीने से टूटी हो और कोई सुध लेने को तैयार न हो तो इसे क्या कहेंगे। दून में घंटाघर से कौलागढ़-बाजावाला जाने वाली सड़क करीब एक महीने से टूटी हुई है। सड़क न सिर्फ टूटी है, बल्कि यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं हैै। कई बार स्थानीय लोग इसको लेकर शिकायत तक दर्ज कर चुके हैं। अफसरों पर वह भी बेअसर साबित हुई। इलाके में सीनियर सिटीजंस ने मॉर्निंग वॉक के लिए भी इस सड़क से गुजरना छोड़ दिया है। लोगों की एक ही अपील है, हमारी सड़क भी बना दो सरकार।

कई इलाकों को जोड़ती है सड़क
दरअसल, घंटाघर से कौलागढ़, बाजावाला, मसंदावाला जामुनवाला, फुलसनी, पैट्रोलियम यूनिवर्सिटी सेलाकुई, भाऊवाला, चकराता और हिमाचल को जोडऩे वाला संपर्क मार्ग करीब एक महीने से बंद है। बारिश के कारण सड़क का पुश्ता ढह गया। जिस वजह से इस सड़क से आने-जाने वाले लोगों व वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार कई मार्गों को जोडऩे वाली यह सड़क कौलागढ़ के पास टूट गई है। बारिश होने के बाद इस सड़क पर लैंडस्लाइडिंग भी हो रही है। लोगों का कहना है कि रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र होने के कारण यहां पर केवल 8 फीट ही सड़क बनाने की अनुमति थी। अब यह सड़क के टूट जाने से नीचे खाई बन गई है।

इन इलाकों को यहीं से जाती है सड़क
-घंटाघर से कौलागढ़
-बाजावाला
-मसंदावाला
-जामुनवाला
-फूलसनी
-पैट्रोलियम यूनिवर्सिटी सेलाकुई
-भाऊवाला
-चकराता
-हिमाचल

रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र के कारण दिक्कत
रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र होने के कारण इसमें रिजर्व फॉरेस्ट द्वारा केवल 8 फीट की ही सड़क बनाने की अनुमति दी गई थी लेकिन विभाग द्वारा सड़क बनाते समय सुरक्षा का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया सड़क के नीचे पहले ही बहुत गहरी खाई थी इसके नीचे पुश्ते को ढंग से नहीं लगाया गया पिछले साल की बारिश में भी यह सड़क टूट गई थी और बची खुची सड़क इस बार की बारिश में टूट गई है जिससे आम जनता को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण बाजावाला सड़क के ये हाल हैं। पहले से ही जनप्रतिनिधि इस पर थोड़ा भी ध्यान देते, तो सड़क को टूटने से बचाया जा सकता था। लोगों को परेशानी नहीं होती।
-नरेंद्र राणा, बाजावाला।

पार्षद और विधायक को जब पिछले साल रोड टूटी थी। तभी इसकी जानकारी दे दी गई थी। लेकिन, स्थानीय लोगों की बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
-सुधीर थापा, बाजावाला।


जबसे एफआरआई प्रशासन ने कैंपस में सुबह-शाम घूमने पर रोक लगाई है। तब से सीनियर सिटीजन उसी तरफ घूमने जाते थे। लेकिन, सड़क टूटने से परेशानी हो रही है। 8 फुट सड़क टूटकर खतरा बनी हुई है।
-बीएस राणा, कौलागढ़।

सीनियर सिटीजन के अलावा बच्चों व वाहन चलाने वालों के लिए ये सड़क किसी जोखिम से कम नहीं है। एक माह से टूटी सड़क की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
रतन सिंह रावत, स्थानीय निवासी।

जब राजधानी में ही छोटी सड़कों का ये हाल है तो बाकी इलाकों का क्या हाल होगा। पहले जानकारी देने के बावजूद संबंधित विभाग ने सड़क की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
विनोद जोशी, समाज सेवी।dehradun@inext.co.in