देहरादून ब्यूरो। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने फ्राइडे को स्टेट हेल्थ अथॉरिटी के ऑडिटोरियम में हेल्थ डिपार्टमेंट की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने आयुष्मान योजना की समीक्षा कर गोल्डन कार्ड की प्रॉब्लम्स को लेकर विभागीय अधिकारियों से डिटेल में चर्चा की। उसके बाद निर्देश दिए कि गोल्डन कार्डधारकों को उपचार के दौरान आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के समाधान व योजना के तहत और अधिक सुविधाएं देने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है। डीजी हेल्थ की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय समिति में विभाग की ओर से तीन व राज्य कर्मचारी संगठनों की ओर से दो सदस्यों को शामिल किया जाएगा। कमेटी गोल्डन कार्ड की प्रॉब्लम्स व अन्य राज्यों में एसजीएचएस के तहत दी जा रही सुविधाओं की स्टडी कर एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। बैठक में स्टेट हेल्थ अथॉरिटी के चेयरमैन डीके कोटिया, हेल्थ सेक्रेटरी राधिका झा, डीजी मेडिकल एजुकेशन आशीष श्रीवास्तव, डीजी हेल्थ डॉ। शैलजा भट्ट समेत कई मौजूद रहे।

योजना पर एक नजर
-अन्य राज्यों का अध्ययन कर एक माह में रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
- पेंसनर्स को एसजीएचएस में शामिल होने के दिये विकल्प
- कोर्ट के निर्देश पर राजकीय पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड योजना में शामिल होने या न होने के लिये कराए गए हैं दोनों विकल्प
- उनकी इच्छा पर निर्भर, कि वे गोल्डन कार्ड योजना में शामिल होना चाहते हैं या नहीं।

30 हजार पेंशनर्स का हो चुका ट्रीटमेंट
स्टेट हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ व अपर सचिव हेल्थ अरुणेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि गोल्डन कार्ड योजना के तहत अब तक 30 हजार से अधिक कार्मिकों व पेंशनर्स का उपचार किया जा चुका है। जिसके एवज में अथॉरिटी तमाम अस्पतालों को करीब 78 करोड़ का भुगतान कर चुकी है।

अब तक इतने लाभार्थियों को हुआ लाभ
-16282 जनरल मेडिसिन
-3653 ने नेत्र चिकित्सा
-2484 जनरल सर्जरी
- 2078 ऑन्कोलॉजी
-1055 कॉर्डियोलॉजी
-885 यूरोलॉजी
-866 ऑर्थोपेडिक
-819 स्त्री एवं प्रसूति

ओपीडी बिलों का हो चुका 24 करोड़ भुगतान
गोल्डन कार्ड योजना के तहत कुल 16844 लाभार्थियों के ओपीडी बिलों का 24 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। ऐसे ही 26508 लाभार्थियों के आईपीडी बिलों का 60 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।