देहरादून(ब्यूरो) पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति, संस्कृति और विरासत को अपने में समेटे उत्तराखंड एक ब्रांड के रूप में उभरने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखंड में एक साल में 5000 शादियां होती हैं तो नया बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा। यह राज्य को विश्व के लिए एक वेडिंग डेस्टिनेशन में बदल देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से उनका गहरा लगाव है। यहां की आध्यात्मिक अनुभूति से अभिभूत प्रधानमंत्री मोदी ने निवेशकों का आह्वान किया कि मेक इन इंडिया की तर्ज पर वेड इन इंडिया को आंदोलन का रूप देने को आगे आएं और अगले पांच वर्षों में प्रदेश में कम से कम एक विवाह समारोह अवश्य आयोजित करें।सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री ने वेड इन इंडिया को आंदोलन बनाने के संबंध में इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट भी डाली।
44 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट उतरा धरातल पर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्राइडे को फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट््यूट (एफआरआई) में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उद्घाटन के बाद समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अब तक निवेशक सम्मेलन में 3 लाख करोड़ की राशि के निवेश के एमओयू हो चुुके हैं, जबकि 44 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंङ्क्षडग हो चुकी है। उन्होंने निवेशकों से योग, आयुर्वेद, तीर्थ और साहसिक खेल क्षेत्रों में अवसर तलाशने और पैदा करने को प्राथमिकता देने पर बल दिया।
दो करोड़ ग्रामीण महिलाएं बनेंगी लखपति दीदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में थीम बेस्ड सर्किट तैयार किए जा रहे हैं। नेचर कल्चर, योग, आयुर्वेद को विकसित किया जा रहा है। इससे पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। उत्तराखंड भी पर्यटन के क्षेत्र में सशक्त बनकर उभरने वाला है। इसे अवसर में बदलना व्यवसायियों के हाथ में है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने आने वाले कुछ वर्षों में देश में दो करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है।
लोकल प्रोडक्ट्स को विदेशों में पहचान
प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि यह समय लोकल सप्लाई चेन और एमएसएमई को मजबूत करने का है। निर्यात बढ़ाने के साथ आयात घटाने पर भी काम करना होगा। सप्लाई चेन के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम करनी होगी। विदेशी वस्तुएं अच्छी होती हैं, इस पुरानी मानसिकता से बाहर आना होगा। कम कीमत पर आयात करने की प्रवृत्ति से भी देश ने नुकसान उठाया है। उद्यमियों को पैकेज फूड के क्षेत्र में काम करना चाहिए। स्थानीय उत्पादों को विदेशी बाजार में पहचान और स्थान दिलाना होगा। अलग-अलग जिलों में उत्पादों की पहचान कर उन्हें बाजार उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चङ्क्षरग को जीरो डिफेक्ट बनाने पर उद्यमियों को विशेष ध्यान देना होगा।
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