देहरादून (ब्यूरो)। कैंट क्षेत्र में पब्लिक के लिए कैंट बोर्ड की ओर से जनरल हॉस्पिटल का संचालन किया जाता है। शुरुआती दौर में हॉस्पिटल ठीक चल रहा था। लेकिन बजट के अभाव में इसकी हालत खस्ता होती चली गई। इस बीच कोरोना की सेकेंड वेव के दौरान जब अधिकतर हॉस्पिटल में बेड की कमी पड़ रही थी। तो इस हॉस्पिटल को तैयार किया गया था। करोड़ों की रकम इस हॉस्पिटल पर खर्च की गई। ऑक्सीजन जनरेशन प्लांंट भी बनाया गया। लेकिन, अब सब बेकार हो रहा है।
जंग खा रहा ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
कोरोना काल के दौरान हॉस्पिटल में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगवाया गया। जिससे यहां आईपीडी के संचालन के दौरान किसी भी पेशेंट को ऑक्सीजन की दिक्कत न हो। नवजात बच्चों के लिए एनआईसीयू व 17 साल तक के बच्चों के लिए यहां पीआईसीयू की भी सुविधा है।
हॉस्पिटल पर एक नजर
- 15 हजार लोग हॉस्पिटल पर डिपेंडेंट।
- 4 करोड़ रुपये का आया था खर्च।
- कई प्रयास के बाद भी आईपीडी नहीं हो पाई शुरू।
- इमरजेंसी सेवा भी नहीं हो पाई शुरू।
इन इलाकों से आते हैैं पेशेंट्स
डाकरा
वीरपुर
जोहड़ी
नया गांव
विजय कॉलोनी
नीलकंठ विहार
गढ़ी कैंट
निम्बूवाला
घंघोड़ा
विजयपुर
अनारवाला
कैंट बोर्ड की ओर से हॉस्पिटल संचालन मेें काफी दिक्कतें आ रही थी। कैंट बोर्ड के पास दवा खरीदने, वेतन देने और मरम्मत के लिए भी बजट का अभाव रहा। इस बीच इस हॉस्पिटल के संचालन के लिए शासन से मदद मांगी गई। इसके बाद अब हॉस्पिटल को पीपीई मोड पर दिया जा रहा हैं।
शैलेन्द्र शर्मा, कार्यालय अधीक्षक कैंट बोर्ड गढ़ी