- छह महीने से खुले में रखे हैं सैकड़ों डीप फ्रीजर
- कोविड वैक्सीन के लिए खरीदे थे, नहीं हो रहा इस्तेमाल
देहरादून
पांच महीने से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद भी चन्द्रनगर स्थिति हेल्थ डिपार्टमेंट में स्टोर के बाहर सैकड़ों डीप फ्रीजर को सुरक्षित जगहों पर नहीं रखा जा सका है। कोविड वैक्सीन के लिए खरीदी गई करोड़ों रुपये मूल्य के ये डीप फ्रीजर अब भी खुले आसमान के नीचे बारिश में सड़ रहे हैं।
कोविड वैक्सीन के लिए खरीदे थे
करीब 6 महीने पहले इन डीप फ्रीजर को कोविड वैक्सीन की कोल्ड चेन मेंटेंन रखने के लिए की गई थी। बताया जाता है कि इसके लिए ओएनजीसी में अपने सीएसआर फंड से आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई थी। इन डीप फ्रीजर के राज्य के सभी जिलों में भेजा जाना था।
अधिकारी बोल रहे झूठ
खुले आसमान के नीचे रखे गये इन डीप फ्रीजर की हालत अब ये हो गई है कि इनके लकड़ी के कवर धूप और बारिश के कारण काले पड़ गये हैं। कई जगहों से सड़ने भी लगे हैं। स्टोर में मौजूद स्टेट कोल्ड चेन ऑफिसर संदीप कुमार दावा करते हैं कि अब तक एक हजार डीप फ्रीजर आ चुके हैं। इनमें से 800 राज्य में अलग-अलग हॉस्पिटल में पहुंचाया जा चुका है और यहां अब करीब 200 रह गये हैं। ये 200 अभी एक हफ्ते पहले आये हैं। जब उनसे पूछा गया कि एक ही हफ्ते में ये काले क्यों पड़ गये और इनके चारों ओर घास कैसे उग आई तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। स्टेट कोल्ड चेन ऑफिसर ने खुले में रखे गये डीप फ्रीजर की संख्या 200 बताई, जबकि वास्तव में यहां 400 से ज्यादा डीप फ्रीजर सड़ रहे हैं।
फ्रीजर के आसपास उग गई झाडि़यां
ये डीप फ्रीजर कब से यहां रखे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनके चारों ओर घास और झाडि़यां उग गई हैं। स्टेट कोल्ड चेन ऑफिसर बेशक दावा करें फ्रीजर एक हफ्ते पहले आये हैं, लेकिन यहां ड्यूटी देने वाले कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर तस्दीक करते हैं कि इन फ्रीजर को यहां छह महीने हो गये हैं। कर्मचारियों के अनुसार इस बीच इक्का-दुक्का फ्रीजर ही बाहर भेजे गये हैं।
हॉस्पिटल में भी इस्तेमाल नहीं
डीप फ्रीजर यदि किसी हॉस्पिटल में पहुंच भी जाएं तो वहां उनका सदुपयोग किया जाएगा, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। दून हॉस्पिटल के बाहर रखे गये दो डीप फ्रीजर इसका उदाहरण हैं। हॉस्पिटल की न्यू ओपीडी बिल्डिंग के बाहर खुले गये ये डीप फ्रीजर भी बरसात में भीग रहे हैं। हॉस्पिटल में पहुंचने के बावजूद इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
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यहां से ज्यादातर डीप फ्रीजर राज्य के अलग-अगल हॉस्पिटल में भेजे जा चुके हैं। आज भी कुछ फ्रीजर बागेश्वर भेजे जा रहे हैं। यहां अब करीब दो सौ फ्रीजर हैं, ये अभी एक हफ्ते पहले आये हैं। पहले दो फ्रीजर आये थे, उन्हें हास्पिटल में भेजा जा चुका है।
संदीप कुमार, स्टेट कोल्ड चेन ऑफिसर