देहरादून (ब्यूरो)। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार कुछ दिन पहले उत्तराखंड के कुछ युवकों ने एसटीएफ में शिकायत की थी कि भारतीय युवा खेल परिषद में फिजिकल एजुकेशन टीचर, भारतीय रेलवे, इनकम टैक्स आदि विभागों में सरकारी नौकरी के लिये ऑनलाइन आवेदन और भर्ती के नाम पर फर्जी भर्ती सेंटरों में ट्रेनिंग देकर मोटी रकम ली जा रही है। एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि भारतीय युवा खेल परिषद नाम से एक बेवसाइट है, जिसमें विभिन्न पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र उपलब्ध हैं। इसमें रजिस्ट्रेशन के लिये 700 रुपये की फीस निर्धारित की गयी है। बेवसाइट में कॉन्टेक्ट नम्बर भी जारी किये गये हैं। इन नम्बरों पर जब कोई बेरोजगार युवक या युवती जानकारी लेते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि ये एक सरकारी संस्था है। इसमें विभिन्न पदों की भर्ती के लिए पहले 700 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क भरकर आवेदन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के कुछ दिन बाद युवक-युवती को मूल डॉक्यूमेन्ट जमा करने को कहा जाता और फिर मेल के माध्यम से ट्रेनिंग के लिए हरिद्वार स्थित एक आश्रम में बुलाकर 1.5 से 2 लाख रुपये यूथ एसोसिएशन के नाम वाले बैंक अकाउंट में जमा करा दिया जाता है।

एक महीने की ट्रेनिंग, फिर कुछ नहीं
एसटीएफ इस तरह के युवक युवतियों को बाकायदा एक महीने की ट्रैनिंग भी दी जाती है और फिर ज्वाइनिंग लेटर का इंतजार करने की बात कहकर घर भेज दिया जाता है। इसके बाद न तो उन्हें ज्वाइनिंग लेकर मिलता है और न ही भारतीय युवा खेल परिषद की ओर से संपर्क किया जाता है। पता चला कि गिरोह द्वारा कई बेरोजगारों को रेलवे विभाग, इनकम टैक्स विभाग के साथ ही विदेश में नौकरी देने के नाम पर ठगी की जाती है। गिरोह के लोगों ने ट्रेनिंग दिलाने नाम पर कुछ ट्रेनर भी रखे गये हैं। पिछले 6 महीनों के दौरान इस गिरोह द्वारा देश के अलग- अलग हिस्सों में 55 लाख रुपये का लेन-देन सामने आया।

जांच में नाम आये सामन
एसटीएफ की जांच में पता चला कि भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से बेरोजगार युवकों से वसूल की जा रही रकम यूथ एसोसिएशन के नाम के जिस खाते में जमा हुई उसका संचालक आनन्द कुमार मेहतो, राखी रानी और मनीष कुमार नाम के व्यक्ति कर रहे हैं। जांच में इस गिरोह के अन्य सदस्य योगेन्द्र कुमार योगेश, संजय रावत, राजकुमार उर्फ राजवरी और संदीप सिंह के नाम नाम भी सामने आये। एटीएफ ने इनमें से आनन्द मेहतो, योगेश और संजय रावत सैटरडे रात गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ एसटीएफ ने थाना श्यामपुर हरिद्वार में मुकदमा दर्ज करवाया है। अन्य सदस्यों की धर-पकड़ के प्रयास किये जा रहे हैं।

गिरफ्तार किये गये आरोपी
- आनन्द मेहतो पुत्र स्व। हरिलाल मेहतो निवासी उर्दू बाजार भागलपुर बिहार, हाल किरायेदार सेक्टर 22, चौड़ा गांव नोएडा (गिरोह का सरगना और भारतीय युवा खेल परिषद का प्रशासक)
- योगेन्द्र कुमार योगेश पुत्र कृष्णा देव प्रसाद निवासी न्यू अशोक नगर, पूर्वी दिल्ली।
- संजय रावत पुत्र मनवर सिंह निवासी मुरादनगर गाजियाबाद (भारतीय युवा खेल परिषद का डायरेक्टर)

शानदार ऑफिस, सैलरी पर कर्मचारी
पुछताछ में आनन्द मेहतो ने बताया कि उसने और योगेश ने भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से बेवसाइट बनायी और उसमें फर्जी नाम से एक सिम खरीद कर कॉन्टेक्ट नम्बर दे दिया। उसमें ऑनलाइन भर्ती फार्म के आप्शन को डाला दिया। रजिस्टे्रशन फीस उसके बैंक उकाउन्ट में आती थी। सरकारी जॉब और ट्रेनिंग के नाम पर कमीशन एजेन्ट रखे गये थे। जिनको प्रति केस 10 से 40 हजार रुपये दिया जाता था। युवकों को ट्रेनिंग देने के लिये ट्रेनर भी रखे थे, जिनको हम 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह की सेलरी देते थे। भारतीय युवा खेल परिषद नाम से अच्छा सा आफिस खोल कर रखते थे। इससे बेरोजगार उनके झांसे में आ जाते थे। कुछ समय वे ऑफिस बदल देते थे।
फोटो दैनिक जागरण आईनेक्स्ट।