- लैंसडौन चौक पर 30 लाख से अधिक किए गए फाउंटेन पर खर्च
- बिना पानी के सूखे पड़े हैं फाउंटेन, फाउंटेन पौंड में भरा पड़ा है कीचड़
- लाइटिंग खराब होने से रात के अंधेरे में नहीं दिखता फाउंटेन

देहरादून (ब्यूरो): यूं तो शहर में कई जगहों पर फाउंटेन पार्क बने हैं, लेकिन लैंसडौन चौक पर बना फाउंटेन दुर्दशा के लिए सरकारी सिस्टम को कोस रहा है। लैंसडौन चौक गोल चक्कर के बीचों-बीच बनाया गया फाउंटेन आकर्षण के बजाय बदरंग दिख रहा है। यहां से दिन-रात कई वीआईपी और वीवीआईपी गुजरते हैं, लेकिन किसी की नजर इस फाउंटेन पर नहीं पड़ी।

2014 में किया गया था जीर्णोद्धार
लैंसडौन चौक स्थित फाउंटेन पार्क एमडीडीए ने बताया था। इस पार्क का 5 जून 2014 को सौंदर्यीकरण और नवीनीकरण तत्कालीन राजपुर विधायक राजकुमार ने किया था। बताया जा रहा है कि पार्क पर 30 लाख से अधिक का फाउंटेन लगा है। लाखों रुपये का यह फाउंटेन आज पूरी तरह संचालन के अभाव में डेड पड़ा हुआ है।

बगैर पानी का फाउंटेन
परेड ग्राउंड के पास लैंसडौन चौक पर फाउंटेन पौंड में कीचड़ भरा पड़ा है। यहां न फाउंटेन चल रहा है, न लाइटिंग ही। पूरे फाउंटेन के आस-पास घास जमी पड़ी है। फुलवारी थोड़ा-बहुत ठीक की गई है। जीर्ण-शीर्ण हालत के चलते कहीं से नहीं लग रहा कि यह फाउंटेन पार्क है।

सरकार कर रही पक्षपात
पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि भाजपा सरकार पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है। कांग्रेस के जमाने के कार्यों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है। लैंसडौन चौक के साथ ही बुद्धा चौक और पटेल पार्क का कांग्रेस सरकार ने निर्माण किया है, जिनका सरकार मेंटनेंस नहीं कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है।

लाखों रुपये की हो रही बरबादी
लैंसडौन चौक स्थित फाउंटेन पर 30 लाख रुपये से अधिक खर्च होने बताए जा रहे हैं। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने लाखों रुपये से फाउंटेनों का निर्माण तो कर लिया, लेकिन इसके बाद इन फाउंटेन पार्कों से मुंह फेर लिया। लैंसडौन चौक के फाउंटेन पर न तो कभी पानी चलता है और न रात्रि को लाइटिंग ही। पब्लिक का कहना है कि ऐसे फाउंटेनों का क्या करना जो काम ही नहीं करते हैं।

सुबह खबर छपी, शाम को फाउंटेन शुरू

महीनों से सोई सरकारी मशीनरी अचानक रविवार को सक्रिय नजर आई। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शनिवार से सिटी के फाउंटेनों को लेकर अभियान शुरू किया। रविवार को अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे फाउंटेन पार्क नाम से खबर प्रकाशित की गई, तो एमडीडीए का पूरा अमला सड़क पर दौड़ता नजर आया। महीनों से बंद पड़ा सर्वे चौक फाउंटेन चंद घंटे में चालू हो गया। सुबह खबर छीप और शाम तक फाउंटेन चमचमाता नजर आया। यह बहुत अच्छी बात है देर से ही सही फाउंटेन की सुध तो ली गई, लेकिन इस तरह की तत्परता यदि हमेशा दिखे तो बात बने।

शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर केवल लीपापोती की जा रही है। निर्माण के समय फाउंटेन पार्क को खूब सजाया गया था, लेकिन इसके बाद किसी ने सुध नहीं ली।
प्रमोद कपरुवाण शास्त्री, केंद्रीय अध्यक्ष, देवभूमि महासभा

जब चीजों की देखभाल ही नहीं की जानी है, तो लाखों रुपये बरबाद करके क्या फायदा है। यदि विभाग बनाने की जिम्मेदारी लेता तो उसे नियमित रूप से सजाया-संवारा जाना चाहिए।
शांति प्रसाद भट्ट, सोशल एक्टिविस्ट

फाउंटेन शहर की सुंदरता के लिए बनाए गए थे, लेकिन मेंटेनेंस न करके सरकारी धन की बरबादी की जा रही है। यह बेहद चिंता का विषय है, इस पर शीघ्र कार्रवाई होनी चाहिए।
राजकुमार, पूर्व विधायक, राजपुर विधानसभा क्षेत्र

फाउंटेन चौकों के सौंदर्यीकरण का काम जल्द शुरू किया जाएगा। फाउंटेन पार्क में पहले फुलवारियों ठीक कराई जा रही है। जल्द ही साज-सज्जा के साथ ही फाउंटेनों की मरम्मत कर संचालन किया जाएगा।
केआर जोशी, उद्यान अधिकारी, एमडीडीए