- सीएम ने ली हरिद्वार में जलभराव की स्थिति की समीक्षा बैठक
- कुछ समय पहले नाव और ट्रैक्टर से लिया था बाढ़ का जायजा
देहरादून (ब्यूरो): सीएम ने जलभराव की वजह से फसलों को हुये नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान किये जाने पर भी ध्यान देने पर जोर दिया। कहा, जल भराव के कारण पशुओं के लिये चारा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाय और चारे का पर्याप्त स्टॉक भी रखा जाए।
अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती
अतिक्रमण की वजह से से भी कई जगह हुये जलभराव को लेकर भी बैठक में मंथन हुआ। सीएम ने निर्देश दिये कि जहां पर भी अतिक्रमण की वजह से दिक्कतें सामने आ रही हैं, आपदा के तहत उसको सख्ती से निपटा जाएय
579 सदस्यों की 34 टीमें
डीएम धीराज सिंह गब्र्याल ने गत दिनों जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी बरसात हुई। जिसके कारण जल भराव की स्थिति पैदा हुई को लेकर भी पूरी जानकारी शेयर की। बताया, लक्सर, रुड़की आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव के कार्यों में एसडीआरएफ, जल पुलिस, राजस्व, फायर ब्रिगेट, पुलिस, विभागीय टीम व स्वैच्छिक संगठनों सहित 579 सदस्स्यों की कुल 34 टीमें निरंतर कार्य कर रही हैं।
कीटनाशक छिड़काव चुनौती
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय, पंचायती राज विभाग द्वारा इन प्रभावित क्षेत्रों में महामारी फैलने से बचाव के लिए बड़े लेवल पर कीट नाशक का छिड़काव किया जा रहा है, जो टीम के लिए चुनौती भी है। बताया गया कि दवाओं का प्रोक्यूरमेंट कर दिया है। कहा, बाढ़ प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में राहत किट, भोजन आदि वितरित किये जा रहे हैं।
अब तक की स्थिति
-हरिद्वार, रुड़की, लक्सर व भगवानपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता जारी।
-प्रभावित 860 लाभार्थियों को 36.27 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।
-जनपद में जल भराव से 15796 लोग हुए प्रभावित।
-कई प्रभावित रिश्तेदारों व किराये के मकान में हुए शिफ्ट।
-81 परिवारों को राहत केंद्रो में किया गया है शिफ्ट।
-सबसे ज्यादा पीडब्ल्यूडी 52 सम्पत्तियों को नुकसान।
-इनमें सभी जगह शुरू कर दिया गया है काम।
-सीएम राहत कोष, स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से प्रभावितों को दी जा रही हेल्प।
सीएम ने दिए निर्देश
-अधिकारियों को दिये लगातार स्थिति पर नजर रखने के निर्देश
-जलभराव के कारण फसलों को हुए नुकसान को आकलन के निर्देश।
-बैठक में पेयजल, स्वास्थ्य, संचार, बिजली व्यवस्थाओं के बारे में डिटेल जानकारी ली।
-जल भराव वाले क्षेत्रों में सभी व्यवस्थायें सामान्य रूप से संचालित होने के निर्देश
घोषणाएं
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि जनपद हरिद्वार में जिन-जिन क्षेत्रों में भी विगत दिनों में भारी वर्षा से जलभराव हुआ है या बाढ़ आयी, उनको आपदा क्षेत्र घोषित किया जाएगा। कहा, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आगामी तीन माह तक विद्युत, जल अन्य सरकारी देय व लोन की वसूली को स्थगित रखा जाएगा। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सघनता से तीव्रता से व्यापक सर्वेक्षण कराकर मानकानुसार तत्काल राहत राशि का वितरण सुनिश्चित कराया जाएगा। भविष्य में इस प्रकार की आपदा की पुनरावृत्ति रोकने व बचाव के लिए बाढ़ प्रबंधन योजना पर कार्य किया जाएगा। जिसमें जल निकासी की व्यापक योजना तैयार कर कार्य कराना जाना व आवश्यकतानुसार छोटे पुलियों का निर्माण कराया जाना सम्मिलित है। भविष्य में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए नदियों के चैनेलाइज कराने का कार्य कराये जाने के कदम उठाये जायेंगे। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी बाढ़ राहत केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
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