देहरादून (ब्यूरो)। एसटीएफ ने पेपर लीक प्रकरण जांच पिछले वर्ष नवंबर महीने में शुरू की थी। नवंबर लास्ट में गिरफ्तारियों का दौर शुरू हुआ था और दिसंबर तक 42 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था। बाद में गिरफ्तार किये गये कई लोगों को कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी। कुछ अभी जेल में हैं। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार यूकेएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा 2020-21 पेपर लीक मामले में 44वीं गिरफ्तारी की गई है। नकल कराने के मामले में लखनऊ से 25 हजार रुपये के इनामी अपराधी रूपेन्द्र कुमार जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है।
सादिक मूसा का शागिर्द
दिसंबर में एसटीएफ ने लखनऊ से सादिक मूसा नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। उसे पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड बताया गया था। उसके एक अन्य साथी को भी एसटीएफ ने लखनऊ से दबोचा था। एसटीएफ के अनुसार संडे को गिरफ्तार किया गया रूपेन्द्र जायसवाल ही वह व्यक्ति है जिसने लखनऊ की आरएमएस सॉल्यूशन के कर्मचारी कसान से यूकेएसएसएससी का पेपर लीक आउट करवाकर सादिक मूसा को दिया था। इसके ऐवज में सादिक ने उसे 5 लाख रुपये दिये थे। इस तरह एसटीएफ के अनुसार रूपेन्द्र जायसवाल पेपर लीक प्रकरण का एक महत्वपूर्ण आरोपी है। वह लगातार गिरफ्तारी से बच रहा था।
आरएमएस के मालिक से संबंध
एसटीएफ के एसएसपी के अनुसार पेपर लीक मामले में अब तक गिरफ्तार किये गये आरोपियों की आगे की कडिय़ों की लगातार तलाश चल रही है। जांच में यह बात सामने आई है कि रूपेन्द्र कुमार जायसवाल ने आरएमएस सॉल्यूशन कम्पनी के कर्मचारी से पेपर हासिल कर सादिक मूसा को दिया गया था। उसी पेपर से अभ्यर्थियों को नकल करायी गयी थी। रूपेन्द्र कुमार जायसवाल वर्ष 2011 से कम्पनी के मालिक राजेश कुमार चौहान से जुड़ा हुआ था। वह अक्सर कम्पनी में राजेश कुमार से मिलने जाता था। वहीं पर इसकी जान-पहचान सादिक मूसा व कसान से हुई थी।
गिरफ्तार आरोपी
- रूपेन्द्र कुमार जायसवाल पुत्र खुशीराम जायसवाल, निवासी ग्राम लोकन पूरवा त्रिलोकपुर थाना पलिया जिला खीरी यूपी। हाल निवासी सर्जन अपार्टमेंट केशवनगर थाना मडियांव लखनऊ, यूपी।
सीबीआई जांच की हो रही मांग
उत्तराखंड के हाल के महीनों में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने, परीक्षा में नकल करवाने और इसी तरह के कई दूसरे मामले सामने आ चुके हैं। इस सभी अनियमितताओं की मांग को लेकर राज्यभर में बेरोजगार और पैरेंट्स नाराज हैं। इन मामलों के सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर 9 फरवरी को लाठी चार्ज भी किया गया था। इस बीच पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किये गये कई आरोपियों को कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है। बेरोजगारों के आंदोलन के बीच रूपेन्द्र जायसवाल की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।