देहरादून,(ब्यूरो): राजधानी दून में कॉमर्शियल बिल्डिंग्स में कई बेसमेंट दूसरे प्रयोजनों के लिए यूज किए जा रहे हैं। पार्किंग के लिए नक्शा स्वीकृत होने के बावजूद वहां पर गोदाम, दुकानें, होटल, रेस्टोरेंट और कोचिंग संस्थान चलाए जा रहे हैं। जबकि कई बेसमेंट पार्किंग में पानी भरने से बंद पड़ी हैं। ऐसे कॉमर्शियल बिल्डिंग्स की एमडीडीए की ओर से पड़ताल शुरू की गई है। एमडीडीए वीसी बंशीधर तिवारी ने चार जोन बनाकर कॉम्पलेक्सों के नक्शों की पड़ताल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि स्वीकृति नक्शे के विपरीत बेसमेंट का यूज करने पर पहले नोटिस जारी किए जाएंगे, उसके बाद सील व अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

बेसमेंट पार्किंग में जलभराव

शहर के कई बड़े कॉम्पलेक्सों के बेसमेंट में जल भराव होने से समस्या बढ़ गई है। बेसमेंट में पानी भरने से वाहन इसमें पार्क नहीं हो रहे हैं। पब्लिक सड़कों पर वाहन खड़ा करने को मजबूर हो रही है। जिससे सड़क पर यातायात प्रभावित हो रहा है। एमडीडीए की टीम जलभराव वाले बेसमेंट की भी पड़ताल कर रही है। एमडीडीए के वीसी बंशीधर तिवारी ने ऐसे कॉम्पलेक्स स्वामियों को शीघ्र बेसमेंट के जल निकासी की कार्रवाई पूरी कर पार्किंग का संचालन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिससे लोगों को जाम की समस्या न जूझना पड़े।

दिल्ली की घटना से सबक

दिल्ली में कोचिंग संस्थान में हुई घटना से सबक लेते हुए डीएम सोनिका ने कोङ्क्षचग सेंटरों में मानकों के पालन व बेसमेंट शर्तों को लेकर अभियान चलाए जाने के आदेश दिए हैं। डीएम ने बेसमेंट को पार्किंग की जगह विभिन्न कॉमर्शियल गतिविधियों का अड्डा बनने से रोकने के भी निर्देश दिए हैं। हालांकि इस बार दिल्ली की घटना से सबक लेकर राज्य सरकार सचेत दिख रही है कि बेसमेंट में किसी भी तरह की मानवीय गतिविधियों को रोका जा सके। डीएम ने इस पर किसी भी तरह की रियायत न देने के भी विभागीय अफसरों को निर्देश दिए हैं।

बेसमेंट का यूज सिर्फ पार्किंग के लिए

दून एजुकेशन हब होने से यहां देशभर के तमाम राज्यों से स्टूडेंट्स कोचिंग के लिए आते हैं। यहां बड़ी संख्या में कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। नियम कानूनों को धता बताते हुए कई कोचिंग इंस्टीट्यूट गली मोहल्लों में संचाललित हो हैं। सुरक्षा मानकों को धता बताते हुए तमाम कोचिंग संस्थान स्टूडेंट्स के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कई बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं, तो बगैर नक्शा पास बिल्डिंग्स में चल रहे हैं। आवासीय एरिया में सबसे ज्यादा कॉमर्शियल गतिविधियां चल रही हैं। डीएम ने खासकर जिन भवनों में कोङ्क्षचग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, उनमें मानकों के अनुपालन की समीक्षा गंभीरता से किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि बेसमेंट का प्रयोग सिर्फ पार्किंग के लिए किया जाए। यदि वहां किसी तरह की अन्य कॉमर्शियल गतिविधि की जा रही है तो सीङ्क्षलग की कार्रवाई की जाए।

चार जोन बनाकर पड़ताल

बेसमेंट में कोचिंग संस्थान व अन्य गतिविधियों का संचालन को लेकर एमडीडीए ने पड़ताल शुरू कर दी है। एमडीडीए ने शहर को चार जोन में बांटा है। हर जोन में एक-एक टीम का गठन कर कार्रवाई शुरू कर दी है। टीम ने फ्राइडे को अपने-अपने क्षेत्रों में कॉमर्शियल बिल्डिंग्स व उनके नक्शों की पड़ताल की। स्वीकृत नक्शों के अनुरूप बेसमेंट का यूज हो रहा है या नहीं। इसके अलावा बेसमेंट में किस तरह की गतिविधियों का संचालन हो रहा है, इन सारे बिंदुओं पर बिल्डिंग्स में बेसमेंट पार्किंग का जांच की जा रही है। वीसी ने सभी चार जोनों से 3 दिन में जांच रिपोर्ट तलब की है।

विभाग सुस्त, 9 दिन बाद भी नहीं जागे

दिल्ली की घटना के बाद जिस तरह सरकार ने सक्रियता दिखाई है, विभागीय स्तर पर उसका असर नहीं दिख रहा है। अलबत्ता एमडीडीए जरूर एक्शन मोड में दिख रहा है। बाकी नगर निगम, पुलिस, अग्निशमन, शिक्षा व स्थानीय प्रशासन की सुस्ती नहीं टूट रही है। 31 जुलाई को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को कोचिंग संस्थानों की जांच को कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। कमेटी भी बना दी गई, लेकिन 9 दिन बाद भी कमेटी फील्ड में नहीं उतर पाई है। सीएस के निर्देश के अनुसार कमेटी को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी कमेटी ने काम शुरू ही नहीं किया है।

कोचिंग संस्थान के लिए नियम

- बिल्डिंग का इलेक्ट्रिक सेफ्टी विभाग से सर्टिफिकेट अवश्य होना चाहिए।

-कोचिंग सेंटरों के भवनों में विद्युत सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

- सभी भवनों में अग्नि शमन सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।

-आग लगने पर निकासी के लिए दूसरे रास्ते होने चाहिए।

- भवन मालिक के पास सेफ्टी संबंधी सभी अनुमोदन व प्रमाण पत्र उपलब्ध होने चाहिए।

- बेसमेंट में चलने वाले कोचिंग सेंटरों का दस्तावेजीकरण जरूरी है।

बेसमेंट में पार्किंग के अलावा दूसरी गतिविधियां नहीं हो सकतीं। क्या दूसरे प्रयोजन के लिए बेसमेंट का नक्शा स्वीकृत कराया गया है, कई बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है। इसके लिए चार जोन बनाए गए हैं। सभी जोनों से 3 दिन में रिपोर्ट तलब की गई है।

बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए

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