- फायर स्टेशनों पर मौजूद नहीं पर्याप्त संसाधन, कैसे बुझेगी आग
- बगैर हाइड्रेंट के चल रहा दून फायर स्टेशन, 90 हाइड्रेंट की डिमांड

देहरादून, 25 अप्रैल (ब्यूरो)।
किसी तरह आग पर काबू पाया जा सका। 21 तारीख को गढ़ी कैंट रोड पर एक कार में आग लग गई थी। बीती रात्रि को भी प्रेमनगर में एक दुकान में आग लगने से लाखों का नुकसान हो गया। दून में आग लगने की लगातार तीन घटनाओं ने फायर सर्विस के माथे पर बल डाल दिया है। आशंका है कि इस बार आगे लगने की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले इजाफा हो सकता है। पिछले साल दून में 642 घटनाएं हुई। इस बार अकेले अप्रैल माह में 22 दिन में 70 जगहों पर आग लगने की घटनाएं हो चुकी है। इसमें अधिकांश वनाग्नि शामिल है।
92 फायर हाइड्रेंट की डिमांड
दून में 92 फायर हाइड्रेंट की डिमांड है, लेकिन फायर स्टेशन का अपना एक भी हाइड्रेंड नहीं है। आग बुझाने के लिए फायर सर्विस जल संस्थान, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों के हाइड्रेंट को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में चला रहा है। फायर ऑफिसर सुरेश चंद्रा ने बताया कि जल संस्थान के 10-12 हाइड्रेंट को यूज किए जा रहे हंै। विभाग के पास 8 मोटर फायर इंजन मौजूद है, जो गलियों में 700 मीटर अंदर तक आग बुझाने में समर्थ है। इसके अलावा 3 मोटरसाइकिल हैं।
2023 में हुई थी 642 घटनाएं
नजर डाले तो 2023 में दून समेत आस-पास के इलाकों में आगजनी की 642 घटनाएं हुई थी, जिसमें 17,29,37,600 कीमत की संपत्ति को क्षति पहुंची थी। फायर सर्विस ने त्वरित मोर्चा संभालते हुए 46,44,15,227 संपत्ति को बचाने में सफल रहा। इससे पहले 2022 में 414 घटनाएं सामने आई थी, जिसमें 108 फायर की घटनाएं शामिल थी।
अलर्ट मोड में फायर स्टेशन
इस बार आगजनी की घटनाओं को कंट्रोल करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। जल्द से जल्द एक्सीडेंट प्वाइंट पर पहुंचने की कोशिश जा रही है, ताकि कम से कम नुकसान हो। इसके लिए फायर अफसरों और कार्मिकों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है। फायर स्टेशन अलर्ट मोड पर रखे गए हैैं।
रेस्क्यू टाइमिंग फास्ट
व्यवस्थाओं को परखने के लिए फायर स्टेशनों पर आकस्मिक छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। छापेमारी के दौरान कमियों को दूर करने के निर्देश दिए जा रही हैं। इस दौरान लापरवाही पर कार्रवाई को भी चेताया जा रहा है। जानकारी मिलते ही रेस्क्यू टीम को निर्धारित समय सीमा के भीतर न पहुंचने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नुकसान कम से कम हो, इसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को फास्ट किया जा रहा है।
यहां है फायर स्टेशन
-देहरादून सिटी
-विकासनगर
-सेलाकुई
-ऋषिकेश
-लालतप्पड़
-रायवाला

केस 1
21 अप्रैल को गढ़ी कैंट क्षेत्र में सडक़ किनारे खड़ी एक लग्जरी कार में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू। गनीमत थी कि कार में कोई मौजूद नहीं था।
केस 2
22 अप्रैल को 4 जगहों पर आग की घटनाओं को फायर ब्रिगेड ने काबू किया। इसमें सेलाकुई में भूसा स्टोर में दो जगहों पर, विकासनगर में जंगल की आग आबादी तक पहुंची और रायपुर में गद्दा फैक्ट्री में आग की घटनाएं शामिल हैं।
केस 3
23 अपैल को भी 3 जगहों पर आग की घटनाएं हुई। पहली घटना ऋषिकेश में कोतवाली में कूड़े में आग लगी, आग वाहन तक पहुुंचने से पहले बुझा दी गई। दूसरी डोईवाला में जंगल की आबादी में आती आग और तीसरी विकासनगर में भूसा स्टोर की आग को काबू किया गया।
642
फायर की घटनाएं हो चुकी है इस माह अब तक
414
घटनाएं हुई थी पिछले साल
17,29,37,600
कीमत की संपत्ति को क्षति पहुंची थी पिछले साल
46,44,15,227
संपत्ति को बचाया पिछले साल फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने
112
नंबर डायल कर दें कंट्रोल रूम को तत्काल सूचना
101
नंबर पर दें फायर कंट्रोल रूम को सूचना
0135-2716242
टेलीफोन पर फायर स्टेशन को दें सूचना
94565967980 से 85 तक
के नंबरों पर दे सकते हैं पूरे जिले में कहीं भी आग लगने की सूचनाएं

बगैर एनओसी नक्शा पास नहीं
आम तौर पर देखा जा रहा है कि कई कॉम्पलेक्स, बड़े भवनों और आवासीय फ्लैटों में आगजनी की घटनाओं के सामने के बाद फायर सिस्टम न लगे होने या फायर सिस्टम के काम न करने की बात सामने आई है। इस पर फायर ऑफिसर सुरेश चंद्रा का कहना है कि भवनों, कॉम्प्लेक्सों और आवासीय फ्लैटों के नक्शे फायर एनओसी के बाद ही पास किए जा रहे हैं। फायर इक्विपमेंट प्रॉपर न चलने पर निरीक्षण के दौरान कार्रवाई की जा रही है।
सिटी में रेस्क्यू वाहन व इक्विपमेंट
मोटर फायर इंजन 8
फार्म टेंडर 1
वाटर टेंडर 6
वाटर बाउजर 1
मिनी वाटर टेंडर 3
मोटर साइकिल 3
रेस्क्यू वाहन 1
हाइड्रोलिक प्लेटफार्म 1
मल्टीप्रपज फायर टेंडर 1
सीएफटी 1
वाटर कैनन 2
टाटा निगोन 1

फायर सर्विस स्टेशन पर 67 कार्मिक मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। फायर की घटनाएं भयावह होती है। इसलिए पब्लिक से अपील है कि वह आगजनी की भनक लगते ही तत्काल फायर सर्विस के नंबरों पर सूचना दे दें। साथ ही अपील है कि सायरन बजते ही अपने वाहनों को तत्काल साइड दे दें, जिससे स्पॉट पर जल्दी पहुंचा जा सके।:-

सुरेश चंद्रा, फायर ऑफिसर, दून