देहरादून (ब्यूरो)। एसटीएफ में एसएसपी अजय सिंह के अनुसार गिरफ्तार फर्जी फौजी अफसर की पहचान सचिन अवस्थी पुत्र राजेंद्र अवस्थी निवासी आबूनगर, जीटी रोड फतेहपुर के रूप में हुई है। अब तक हुई पूछताछ के आधार पर उसके कई फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। पता चला है कि वह फौज में सिपाही भर्ती करवाने के नाम पर युवाओं से 2 लाख रुपये वसूलता था। अब तक कुछ ऐसे केस सामने आये हैं, जिनसे फौज में भर्ती के नाम पर उसने मोटी रकम वसूली थी। बताया जाता है कि फौज में भर्ती के अभ्यर्थियों ने उसे अपने एसबीआई और पीएनबी अकाउंट से रकम ट्रांसफर करवाई थी। उनके खातों की डिटेल ली जा रही है।
फर्जी वर्दी, फर्जी स्टार
बताया जाता है कि सचिन अवस्थी फौज की वर्दी पहनता था और जाली स्टार भी लगाता था। लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए उसने बाकायदा फौजी वर्दी में अपने कुछ फोटो भी खिंचावाए थे। फोटो देखकर ठगी के शिकार लोगों को विश्वास हो जाता था कि वह आर्मी में लेफ्टिनेंट है। इसके बाद लोग उसे पैसा दे देते थे। समझा जाता है कि कुछ लोगों को उसने फर्जी भर्ती लेटर भी थमाये थे।
थाना पटेलनगर में केस
एसटीएफ के अनुसार सूत्रों से सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति फौज की वर्दी और स्टार पहनकर दून में संवेदनशील जगहों पर घूम रहा है। उसके पास आर्मी का जाली आई कार्ड भी है। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने उस पर नजर रखनी शुरू की और फर्जी सैन्य अधिकारी होने की बात पुख्ता हो जाने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ थाना पटेलनगर में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
आपत्तिजनक सामान बरामद
आरोपी सचिन के घर की तलाशी लेने पर उसके पास से एक लैपटॉप बरामद किया गया, जिसमें सेना में भर्ती संबंधी कई दस्तावेज होने की संभावना है। इसके साथ उसके पास से दो मोबाइल फोन, कई बैंकों के एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, आर्मी ऑफिसर का जाली आई कार्ड, आर्मी में भर्ती के जाली ज्वाइनिंग लेटर, इंडियन आर्मी की वर्दी, बूट और कई अन्य जाली दस्तावेज मिले हैं।
पहले भी धरा था फर्जी ऑफिसर
दून में एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस ने दो दिन पहले भी एक फर्जी सैन्य अधिकारी को पकड़ा था। वह खुद को आर्मी पुलिस का ऑफिसर बताता था और युवकों को फौज में भर्ती करने का झांसा देता था। उसके पास से भी आर्मी कैंटीन का जाली कार्ड आर्मी की वर्दी और कुछ अन्य दस्तावेज मिले थे। फर्जी लेफ्टिनेंट से पूछताछ करके यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि फौज में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के तार कहां तक फैले हुए हैं।