देहरादून, ब्यूरो: पुलिस की ओर से लगातार किए जा रहे चालान इसकी गवाही दे रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में दोपहिया वाहनों के साथ ही विक्रम और ई-रिक्शा के बड़ी संख्या में चालान हुए हैं, लेकिन इसके बाद भी ट्रैफिक वॉयलेशन में कमी नहीं आई है। इससे जाहिर है कि लोगों के अंदर ट्रैफिक पुलिस का डर नहीं है। लगातार जुर्माना भुगत रहे हैं, लेकिन सुधरने का नाम नहीं रहे हैं।

ट्रैफिक वॉयलेशन में दोपहिया वाहन सबसे आगे
शहर में ट्रैफिक वॉयलेशन में दोपहिया वाहनों की तादाद सबसे अधिक है। पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल दोपहिया ट्रैफिक वाहनों के चालान 1 लाख के पार चले गए थे। ई-रिक्शा भी टै्रफिक वॉयलेशन में पीछे नहीं है। बगैर परमिट ई रिक्शासड़क पर दौड़ रहे हैं।

49 चौक-चौराहे कैमरों से लैस, कार्रवाई एक भी नहीं
शहर में 49 चौराहे हैं, जहां पर कहने के लिए स्मार्ट सिटी के आधुनिक कैमरों के साथ ही पुलिस के भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन इन कैमरों के सामने ट्रैफिक वॉयलेशन करने वालों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ई चालान के नाम पर एक चालान आज तक पुलिस की ओर से सर्व नहीं किया गया। पुलिस की कार्रवाई को लेकर लोगों में कतई डर नहीं है, जिससे ट्रैफिक नियम तोडऩे के लगातार मामले बढ़ रह हैं।

जेब्रा क्रासिंग न होने से भी हो रहा ज्यादा वॉयलेशन
कई चौक-चौराहों से जेब्रा क्रॉसिंग तक गायब हो गए। जेब्रा क्रॉसिंग न होने से लोग चौराहों पर आधा रोड तक वाहन ले आते हैं, जिससे विपरीत दिशा रहे आ रहे वाहनों को निकलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इन जगहों पर होते हैं सर्वाधिक ट्रैफिक वॉयलेशन
तहसील चौक
दर्शन लाल चौक
लैंसडौन चौक
आराघर चौक
धर्मपुर
कारगी चौक

जून 2022 में तक हुए 52234 चालान
दुपहिया - 27607
विक्रम - 1426
ई-रिक्शा - 801

2021 में किए गए 116744 चालान
दुपहिया - 70083
विक्रम - 2923
ई-रिक्शा - 814

2020 में हुए 91604 चालान
दोपहिया - 51946
विक्रम - 4304
ई-रिक्शा - 547

ट्रैफिक वॉयलेशन के लिए जितनी जिम्मेदार पब्लिक है उससे ज्यादा पुलिस जिम्मेदार है। पुलिस ट्रैफिक नियमों का पालन नियमों के तहत नहीं करती है।
सचिन जैन, तहसील चौक

ट्रैफिक निमय का पालन करना आम नागरिक का दायित्व है, लेकिन पुलिस की ओर से कई बार जनता को अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है।
विनेश मित्तल, पटेलनगर

शहर के कई चौराहे संकरे हैं, जिन पर जाम लगने से लोग परेशान रहते हैं। शहर में जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार को कोई बड़ा कदम उठाना चाहिए।
मनोज उनियाल, आढ़त बाजार