देहरादून (ब्यूरो)। लाल बहादुर शास्त्री अकेडमी में ट्रेनी आईएएस ऑफिसर्स को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण पर खास जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया इन मुद्दों से जूझ रही है। इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को पूरी तरह से लागू करने में मददगार बने।

अधिकारियों से उम्मीद
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि ट्रेनी ऑफिसर्स सामूहिक भावना के साथ देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाएंगे। उनमें से कई आने वाले 10-15 वर्षों तक देश के एक बड़े हिस्से का प्रशासन चलाएंगे और जनता से जुड़ेंगे। वे हमारे सपनों के भारत को एक ठोस आकार दे सकते हैं। उन्होंने सलाह दी कि ट्रेनी ऑफिसर्स को समाज के वंचित वर्ग के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। ट्रेनिंग के दौरान ने जो मूल्य सीखे हैं, उन्हें सैद्धांतिक दायरे तक सीमित नहीं रखना चाहिए। इन मूल्यों का पालन करते हुए पूरे विश्वास के साथ काम करना होगा।

सुशासन समय की मांग
राष्ट्रपति ने कहा कि सुशासन समय की मांग है। सुशासन का अभाव हमारी अनेक सामाजिक और आर्थिक समस्याओं की जड़ है। लोगों की समस्याओं को समझने के लिए आम लोगों से जुडऩा जरूरी है। उन्होंने ट्रेनी ऑफिसर्स को विनम्र होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने का दायित्व भी निभाना है।

बेटियों की भागीदारी पर प्रसन्नता
राष्ट्रपति ने अपने फ्राइडे के दोनों प्रमुख कार्यक्रमों में बेटियों की भागीदारी का जिक्र किया। प्रशिक्षु अधिकारियों के बैच में 133 बेटियां के शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश के सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं और पुरुषों दोनों का योगदान महत्वपूर्ण हैं। उधर दून यूनिवर्सिटी में राष्ट्रपति ने कहा कि इस कॉन्वोकेशन में 36 गोल्ड मेडल्स में से 24 मेडल छात्राओं को प्राप्त हुए हैं, जबकि 16 रिसर्च स्कॉलर्स में से 8 बेटियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है।

पर्वतमाला योजना लाभदायक
राष्ट्रपति ने कहा कि पर्वतमाला हिमालयन एंड नॉर्थ ईस्ट आउटडोर लर्निंग एरिना, जिसका निर्माण आज शुरू हो गया है, हिमालय और भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के बारे में सिविल सेवकों और प्रशिक्षुओं के लिए एक ज्ञान आधार के रूप में कार्य करेगा। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा प्रशिक्षण के दौरान सराहनीय एवं बेहतर कार्य व्यवहार वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्मानित भी किया।

दून यूनिवर्सिटी का कॉन्वोकेशन
राष्ट्रपति ने दून यूनिवर्सिटी के तीसरे कॉन्वोकेशन में 36 मेधावी स्टूडेंट्स को सम्मानित किया। समारोह में वर्ष 2021 के गे्रजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी के 669 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की। इस मौके पर उन्होंने देवभूमि को नमन करते हुए उम्मीद जताई कि यूनिवर्सिटी शिक्षा के विभिन्न मानकों पर एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाएगी। उन्होंने कहा कि दून यूनिवर्सिटी को सिर्फ राज्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापरक मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में प्रयास करने चाहिए।