देहरादून, (ब्यूरो): राज्य में रुक-रुक कर हो रही भारी बारिश ने बिजली सिस्टम को भी जर्जर कर दिया है। कहीं बिजली की लाइनें बह गई, तो कहीं पोल टूटकर डैमेज हो गए। कहीं तार बिखर कर जमीन पर गिर गए, तो कहीं ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली व्यवस्था ठप हो गई। ऊर्जा निगम के अफसरों का दावा है कि अब तक निगम को आपदा से 18 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। बारिश अभी जारी है। अगले करीब एक माह तक बारिश के आसार हैं। ऐसे में नुकसान दोगुने से अधिक जा सकता है। हालांकि पहाड़ों तक मानसून से पहले ही आवश्यक सामान पहुंचाया जा चुका है। आवश्यकता पडऩे पर स्टोर में पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था की गई है। कार्मिक दिन-रात आपूर्ति बहाल करने में जुटे हुए हैं।

287 बिजली लाइनें ध्वस्त
बारिश और भूस्खलन से जगह-जगह पर बिजली लाइनें टूट-फूट गई है। जगह-जगह बिजली के तार लटक कर झूल रहे हैं। लेकिन बिजली लाइन टूटने से करंट से कोई बड़ी घटना अब तक सामने नहीं आई है। इस मानसून में अब तक 287 बिजली लाइनें ध्वस्त हो गई है। जबकि 2025 पोल अब तक पानी में बह गए हैं। बिजली लाइनों को क्षति पहुंचने से बिजली आपूर्ति सुचारू रखने में निगम को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके जल्द ही बिजली को रिस्टोर करने का प्रयास किया जा रहा है।

बारिश से हुई क्षति
2025
पोल चढ़ गए आपदा की भेंट
287
बिजली की लाइनें ध्वस्त
236
ट्रांसफार्मर हुए खराब
18
करोड़ का अब तक नुकसान

236 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त
बारिश ने अब तक 236 ट्रांसफार्मर्स को क्षति पहुंचाई है। ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली सिस्टम को तगड़ा झटका लगा है। रास्ते भी जगह-जगह टूटे हुए हैं। खासकर पहाड़ों में इन दिनों सड़कों का बुरा हाल है। ऐसे में ट्रांसफार्मर इधर-उधर ले जाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

चारधाम में बिजली व्यवस्था निर्बाध सुचारू
विपरीत परिस्थितियों के बावजूद चाराधाम गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ में बिजली आपूर्ति निर्बाध गति से चलने का दावा किया जा रहा है। जबकि केदारनाथ में करीब 45 किमी। लाइन से वैकल्पिक तरीके से बिजली आपूर्ति बहाल करने का निगम अफसर दावा कर रहे हैं। केदारनाथ के सोनप्रयाग में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। जबकि कई जगहों पर भूस्खलन से भी बिजली लाइन व पोलों को क्षति पहुंची है।

बिजली को हुए नुकसान पर एक नजर
जिला लाइन पोल
देहरादून 22.11 214
हरिद्वार 13.94 116
टिहरी 36.25 155
उत्तरकाशी 17.62 137
पौड़ी 44.17 99
चमोली 72.24 570
अल्मोड़ा 0.8 03
बागेश्वर 0 0
चंपावत 8.2 16
नैनीताल 17.82 164
पिथौरागढ़ 16.37 178
रुद्रप्रयाग 19.73 132
यूएसनगर 18.72 241
कुल 287.98 2025


केदारनाथ से त्रियुगीनारायण तक सड़क-बिजली व्यवस्था ध्वस्त
बारिश व भूस्खलन से जहां ऊर्जा निगम को भारी नुकसान पहुंचा है वहीं सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। ऊर्जा निगम के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि केदारनाथ धाम से लेकर त्रियुगीनारायण तक बिजली के पोल व लाइन बहने के चलते आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। सोनगप्रयाग में सब स्टेशन भूस्खलन की चपेट में आया है। केदारनाथ मार्ग कई जगह ध्वस्त हो गया। ऊर्जा निगम की टीम ने पेट्रोलिंग करते हुए बीहड़ रास्तों से गुप्तकाशी से करीब 45 किमी। वैकल्पिक तरीके से केदारनाथ में करीब साढ़े 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सेम डे आपूर्ति सुचारू कर ली गई थी।

पल-पल की ले रहे अपडेट
ऊर्जा निगम के एमडी अनिल कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंङ्क्षसग के जरिए आपदाग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत बहाली के कार्यों की समीक्षा कर पल-पल अपडेट ले रहे हैं। कहीं भी अंधेरा न रहे इसके प्रयास किए जा रहे हैं। सभी अफसर-कार्मिकों को अलर्ट मोड में रखा गया है। जहां पर ज्यादा दिक्कतें हैं वहां मशीनों के साथ ही एक्स्ट्रा कार्मिक लगाए जा रहे हैं, जिससे जल्दी से जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल हो सके।

एमडी ने अफसरों को दिए ये निर्देश
- आपूर्ति प्रभावित होने पर जल्द से जल्द बहाली के किए जाएं प्रयास
- स्टोरों में पर्याप्त सामान पहुंचाया गया है, कमी पडऩे पर आस-पास के स्टोर से सामान लें।
- सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें, बिना सुरक्षा कवच के बिजली लाइनें न छेड़ें।
- सड़कों के टूटने से ट्रांसफार्मर खराब होने की दशा में सावधानी से कार्य करें।
- कोशिश की जाए कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक सुविधा से आपूर्ति बहाल की जाए।

आपदा से बिजली सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचा है। व्यवस्थाओं को मैनेज करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राहत की बात यह है कि चारधाम से लेकर प्रदेशभर में कहीं भी बिजली आपूर्ति बाधित नहीं है।
अनिल कुमार, एमडी, ऊर्जा निगम

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