देहरादून (ब्यूरो) जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा की रविवार को आयोजित बैठक में संयोजक रमेश ङ्क्षबजोला ने कहा कि जल संस्थान मुख्यालय में मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया था कि तत्काल राजकीयकरण के साथ एकीकरण हो। लेकिन सचिव प्रशासन सतेंद्र कुमार गुप्ता ने गलत विज्ञप्ति जारी करते हुए 6 माह तक राजकीयकरण को लटकाने का प्रयास किया है, जो अत्यंत ङ्क्षनदनीय है। इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
राजकीकरण के अलावा कुछ मंजूर नहीं
संयुक्त मोर्चा के संयोजक विजय खाली ने कहा कि कार्मिकों की प्रमुख मांग राजकीयकरण की है और जल निगम-जल संस्थान का एकीकरण करते हुए तुरंत राजकीय विभाग घोषित किया जाए। एकीकरण व राजकीयकरण होने से कुछ लोगों के हित प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में वह यह भ्रम फैला रहे हैं कि शासन ने केवल एकीकरण पर सहमति दी है। जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा पुन: यह स्पष्ट करता है कि राजकीयकरण से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा।
अफसरों के खिलाफ चलेगा पोल-खोल
संयोजक गढ़वाल श्याम ङ्क्षसह नेगी ने कहा कि जिन अधिकारियों ने एकीकरण व राजकीयकरण की राह में रोड़े अटकाए हैं और अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए कर्मचारियों का अहित कर रहे हैं, उनका पोल खोल कार्यक्रम भी मोर्चा जल्द शुरू करेगा। बताया कि 27 फरवरी को शांतिपूर्वक रैली निकाली जाएगी। यदि मांगें न मानी गई तो 28 फरवरी से पेयजल कार्मिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। इस दौरान राम चंद्र सेमवाल, संदीप मल्होत्रा, आनंद ङ्क्षसह राजपूत, लक्ष्मी नारायण भट्ट, राम कुमार, भजन ङ्क्षसह चौहान, लाल ङ्क्षसह रौतेला, शिशुपाल ङ्क्षसह रावत, आशीष तिवारी, सुमित आदि मौजूद रहे।
हड़ताल पर 6 माह तक के लिए रोक
जल संस्थान और पेयजल निगम में कार्मिकों की हड़ताल पर तत्काल प्रभाव से 6 माह तक के लिए रोक लगा दी गई है। सचिव पेयजल अरविंद सिंह हयांकी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। कहा कि पेयजल व्यवस्था अत्यावश्यक सेवा के अंतर्गत है। इसे देखते हुए हड़ताल पर रोक लगाई गई है।
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