देहरादून,(ब्यूरो): मानसून के साथ ही डेंगू का खतरा भी बढऩे लगा है। जिससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग का लार्वा उन्मूलन अभियान जारी है। लेकिन, विभाग को इस दौरान कई स्थानों पर लार्वा भी मिल रहा है। इसी क्रम में वेडनसडे को 47 स्थानों पर लार्वा मिला। जिसको तत्काल नष्ट कर दिया गया। जिला सर्विंलांस अधिकारी डा। सीएस रावत के मुताबिक नगर निगम क्षेत्र में आशा वर्कर्स डोर-टू-डोर जाकर लोगों को अवेयर कर रही है। इसके अलावा लार्वा साइट चिह्नित कर उन्हें भी नष्ट किया जा रहा है।

अब तक कोई डेंगू पॉजिटिव नहीं
वेडनसडे को भी जारी लार्वा उन्मूलन के तहत आशा वर्कर्स ने रायपुर, नया गांव पेलियो, नेहरूग्राम, मेहूंवाला व धर्मपुर में करीब 8,480 घरों का विजिट किया। इस दौरान 26,171 कंटेनर की जांच की। जिनमें से 47 कंटेनर में लार्वा पाया गया। जिसको तत्काल नष्ट किया गया। खास बात ये है कि अब तक दून शहर में डेंगू को कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है। लेकिन, विभाग की लोगों से अपील जारी है कि डेंगू से बचाव को एहतियाती कदम जरूर उठाए जाएं।

डेंगू कंट्रोल के लिए साथ जुटेंगे आशा व निगम कर्मी
डेंगू कंट्रोल के लिए सीएमओ ऑफिस में नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय बैठक हुई। जिसमें कम्युनिटी लेवल पर सोर्स रिडक्शन, फॉङ्क्षगग और अवेयरनेस कैंपेन पर मंथन हुआ। जिला सर्विलांस अधिकारी ने बैठक में डेली एक्टिविटीज की जानकारी सामने रखी। वहीं, नगर निगम से मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। अविनाश खन्ना ने फॉङ्क्षगग और साफ-सफाई को लेकर निगम के लेवल से की जा रही जानकारी बताई। सीएमओ डा। संजय जैन ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग की सभी टीमें आपसी कॉर्डिनेशन से कार्य करें। फील्ड में आशा वर्कर्स को सपोर्ट करें। तभी समय रहते डेंगू के खतरे पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। इसको देखते हुए फ्राइडे को आशा फैसिलिटेटर व नगर निगम फील्ड सुपरवाइजर की संयुक्त बैठक बुलाकर ट्रेनिंग दी जाएगी।


इस बार भी बढ़ सकती है प्लेटलेट्स की दिक्कत
बरसात शुरू होते ही डेंगू का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके बाद डेंगू पेशेंट्स सामने आने के कारण अचानक प्लेटलेट्स की कमी भी महसूस होने लगती है। खास बात ये है कि अब तक जिला हॉस्पिटल कोरोनेशन में ब्लड बैंक अब तक शुरू नहीं हो सका है। जबकि, गत वर्ष डेंगू का खासा प्रकोप दिखने को मिला था। जिले में डेंगू के 1201 मामले आए थे। वहीं, 13 लोगों की जान तक चली गई थी, जो बीते 5 वर्षों का सबसे बड़ा आंकड़ा था। जिस कारण हेल्थ सेक्रेटरी तक को मैदान में उतरना पड़ा था। इसी को लेकर सचिव ने जिला चिकित्सालय के गांधी अस्पताल कैंपस में ब्लड बैंक की स्थापना के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। जबकि, सिटी में सरकारी चिकित्सालयों में अभी केवल दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही ब्लड बैंक की सुविधा है।

गत वर्षों में डेंगू के मामलों पर एक नजर
वर्ष---केस---मौत
2019-4991-6
2020-00-00
2021-126-00
2022-1434-00
2023-1201-13

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