- राजकीय महाविद्यालयों में शीघ्र होगी प्राचार्यों की तैनाती
- तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के खाली पदों को जल्द भरें विभाग
देहरादून: विद्यालयी शिक्षा विभाग की तर्ज पर उच्च शिक्षा विभाग का भी विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से लगातार अनुश्रवण व मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिये अलग से विद्या समीक्षा केंद्र बनाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।
18 प्रिंसिपल्स के पद खाली
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने यमुना कॉलोनी स्थित अपने शासकीय आवास पर हायर एजुकेशन विभाग की समीक्षा बैठक ली। बताया, हायर एजुकेशन के तहत सभी डिग्री कॉलेजेज में शैक्षिक कार्य प्रभावित न हो, इसके लिये सभी डिग्री कॉलेजेज में जल्द ही प्रिंसिपल्स की तैनाती कर दी जाएगी। डा। रावत ने बताया कि वर्तमान में सूबे के 7 राजकीय डिग्री कॉलेज, 11 राजकीय पीजी कॉलेजेज में प्राचार्यों के पद रिक्त हैं। जिनकी डीपीसी प्रक्रिया शासन स्तर पर पूरी कर दी गई है। बताया, हायर एजुकेशन के तहत राजकीय महाविद्यालयों में मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के 391 रिक्त पदों को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से शीघ्र भरा जाएगा।
खाली पदों की संख्या
-7 राजकीय डिग्री कॉलेजेज में प्राचार्यों के खाली पद।
-11 राजकीय पीजी कॉलेजेज में प्राचार्यों के पद रिक्त।
-शासन स्तर पर डीपीसी प्रक्रिया कर दी गई है पूरी।
-राजकीय डिग्री कॉलेजेज में मिनिस्ट्रीय संवर्ग के 391 रिक्त पद।
-चयन प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होगी।
-चतुर्थ श्रेणी के 150 पदों को आउटसोर्स के माध्यम से भरा जाएगा।
455 असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती आयोग के पास
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी के करीब 150 पदों को आउटसोर्स के जरिये भरा जाएगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं। बताया, राजकीय महाविद्यालयों में तमाम संकायों के 455 असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति का अधियाचन पूर्व में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। जिस पर अंतिम चयन परिणाम आगामी 3 माह के भीतर आ जाएगा। जिसके उपरांत रिक्त पदों के सापेक्ष असिस्टेंट प्रोफेसर्स को महाविद्यालयों में तैनाती दे दी जाएगी।
विद्या समीक्षा केन्द्र के लिए बनेगा अलग भवन
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्टेट में विद्यालयी शिक्षा की भांति उच्च शिक्षा को भी विद्या समीक्षा केन्द्र के तहत लाया जाएगा, जिससे उच्च शिक्षा का निरंतर अनुश्रवण और मूल्यांकन कर शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके। विद्या समीक्षा केन्द्र के लिये शिक्षा निदेशालय में अलग से भवन बनाया जाएगा। निर्माण पर आने वाले खर्च का वहन दोनों विभागों द्वारा किया जाएगा। जिसकी सैद्धांतिक सहमति दोनों विभागों ने दे दी है।
विद्या समीक्षा केन्द्र में होंगे ये काम
-केंद्र से उच्च शिक्षा को भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया जाएगा।
-इसके तहत सभी राजकीय महाविद्यालयों का डेटा ऑनलाइन रहेगा मौजूद।
-स्टूडेंट्स व टीचर्स से संबंधित आंकडे ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे।
-महाविद्यालयों की एक्टिविटीज का एक्टिवेशन व मूल्यांकन ऑनलाइन होगा।
-वहीं, अवस्थापन कार्यों की प्रगति व उपलब्ध संसाधनों की भी समीक्षा ऑनलाइन की जा सकेगी।