देहरादून, (ब्यूरो): हिल क्वीन मसूरी में वाहनों के प्रेशर कम करने, जाम को नियंत्रित करने और टूरिस्ट को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने को देखते हुए संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने शटल सेवा के संचालन को मंजूरी दे दी है। आरटीए के अध्यक्ष व गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने दून के डीएम सविन बंसल के प्रस्ताव के क्रम में ङ्क्षकक्रेग से लाइब्रेरी चौक तक के करीब ढ़ाई किमी दायरे में 4 महीने के अस्थायी परमिट पर शटल सेवा संचालित करने के आदेश दिए हैं। कमीश्नर ने कहा है कि 4 माह के ट्रायल के बाद सेवा आगे बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा। ये सर्विस मसूरी नगर पालिका के माध्यम से संचालित होगी।
ई-रिक्शा पर अब कार्रवाई की तैयारी
दून सिटी में जाम का सबसे बड़े कारण बन चुके ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के लिए आरटीए अध्यक्ष ने पुलिस व ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को संयुक्त कार्रवाई के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए, जो गुरुवार से चलाया जाएगा। दरअसल, दून शहर में सभी प्रमुख मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक के लिए प्रतिबंधित है। लेकिन, अक्सर देखने में आता है कि पूरे दिन ई-रिक्शा प्रमुख मार्गों पर फर्राटे भरते हैं। अब आरटीए बैठक में गढ़वाल कमीश्नर विनय शंकर पांडेय ने प्रशासन, पुलिस व परिवहन विभाग को प्रतिबंध संबंधित सूचनात्मक बोर्ड शहर की सड़कों पर लगाकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इन 3 प्रमुख मार्गों पर ई-रिक्शा संचालन पर थी रोक
-क्लेमेनटाउन-सहारनपुर रोड-प्रिंस चौक-घंटाघर-राजपुर रोड-कुठालगेट
-झाझरा-प्रेमनगर-बल्लूपुर-चकराता रोड-घंटाघर-रायपुर
-आईएसबीटी-हरिद्वार बाईपास-जोगीवाला-मोहकमपुर मार्ग शामिल
सुबह 8 से रात 8 बजे तक रोक
कमिश्नर ने तीनों प्रमुख मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन सुबह आठ से रात्रि आठ बजे तक प्रतिबंधित करने का आदेश दिया। इसके लिए परिवहन विभाग व पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया, यातायात को सुगम बनाने की योजना के तहत ई-रिक्शा केवल शहर के भीतरी मार्गों पर चलेंगे और सवारी छोडऩे के लिए मुख्य मार्ग के किनारे तक आएंगे। लेकिन मुख्य मार्गों पर संचालित नहीं होंगे। परिवहन विभाग व पुलिस इसके लिए आज से पंद्रह दिन तक लगातार अभियान चलाएगी। ये कार्रवाई हरिद्वार शहर में भी होगी।
ई-रिक्शा पर एक नजर
-परिवहन विभाग के रिकार्ड के अनुसार दून में 4800 से ज्यादा ई-रिक्शा पंजीकृत
-पटेलनगर लालपुल, आइएसबीटी तिराहा, निरंजनपुर मंडी तिराहा, कारगी चौक, प्रिंस चौक पर दिखता है झुंड।
-रेलवे स्टेशन, घंटाघर, बल्लीवाला व बल्लूपुर चौक, प्रेमनगर, शिमला बाइपास तिराहा, दून अस्पताल तिराहा, जोगीवाला चौक में भी आते हैं नजर।
घंटाघर पर बिना जीपीएस कितने वाहन सीज
आरटीए बैठक की शुरुआत में ही गढ़वाल कमीश्नर ने परिवहन अधिकारियों से पूछा कि घंटाघर की 500 मीटर के दायरे में बिना जीपीएस के कितने वाहन संचालित हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से पूछा अब तक कितने वाहनों पर कार्रवाई की गई। दरअसल, आरटीए की पिछली बैठक में इस परिधि में सभी यात्री व भार वाहनों के लिए जीपीएस की अनिवार्यता लागू की गई थी। हालांकि, इसमें जुलाई तक की छूट दी गई थी।
10 नए रूट्स पर चौपहिया वाहनों को परमिट की मंजूरी
विक्रम जनकल्याण समिति के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने विक्रमों को सीएनजी में बदलकर चालक समेत 8 सीट में परिवर्तित कर संचालित करने की मांग की। लेकिन इसको आरटीए ने खारिज कर दिया। सिटी के 10 नए मार्गों पर चौपहिया वाहनों को परमिट देने के साथ ही मार्गों का विस्तार करने का निर्णय भी लिया गया।
इन पर लिया गया निर्णय
-दून शहर में डीजल विक्रमों को बाहर कर इनके बदले 8 से 13 सीटर सीएनजी, बीएस-6 पेट्रोल चौपहिया वाहन चलाने की मंजूरी।
-अभी विक्रम जिस मार्ग पर चल रहे हैं, उन्हें चौपहिया वाहन चलाने पर उसी मार्ग का स्टेज कैरिज परमिट दिया जाएगा।
-नए वाहन खरीदने पर सरकार की ओर से 50 परसेंट की दी जा रही सब्सिडी, समय-सीमा के अब केवल 5 माह बाकी।
-विक्रमों का संचालन सिटी से बाहरी क्षेत्रों में होगा, इसके लिए सीएनजी जरूरी होगी।
-सिटी से सटे ग्रामीण इलाकों को परिवहन सेवा से जोडऩे को विभाग प्रेमनगर की तर्ज पर रायपुर-बालावाला कलस्टर शुरू करेगा।
दून-दूधली-डोईवाला मार्ग पर परिवहन की ओर से सिटी बस चलाने का प्रोजेक्ट फेल होने के बाद अब स्मार्ट सिटी की बसें सुबह व शाम को दो-दो फेरे लगाने के लिए चलाने की तैयारी की जा रही है। कहा गया है कि इसके लिए स्मार्ट सिटी प्रबंधन को पत्र भेजा जाएगा। बैठक में झाझरा-प्रेमनगर-घंटाघर-परेड ग्राउंड-रायपुर-लाडपुर मार्ग पर यात्री वाहनों को परमिट देने का निर्णय भी लिया गया।
परिवहन विभाग पर डग्गामारी का आरोप
निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष ने बैठक में परिवहन विभाग पर डम्मामार निजी बसों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। कहा, ये बसें टैक्स चोरी कर बेधड़क दौड़ रही हैं। इसका जवाब देते हुए आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की नई पालिसी के अनुसार निजी बसों को दो लाख रुपये जमा कर राष्ट्रीय परमिट मिल जाता है। जिसमें वे पैसेंजर्स ले जा सकती हैं।dehradun@inext.co.in