देहरादून (ब्यूरो) दून पुलिस ने इसी 15 अक्टूबर को हरिद्वार के झबरेड़ा स्थित मकदूमपुर गांव में एसएस मेडिकोज के नाम से संचालित नकली दवा बनाने की फैक्टरी पकड़ी थी। साथ ही एसएस मेडिकोज के दून में अमन विहार (रायपुर) स्थित ऑफिस पर भी छापा मारा था। दोनों स्थानों से पुलिस को नकली दवा के 29 लाख से अधिक कैप्सूल मिले थे। पुलिस ने मुख्य आरोपी सचिन शर्मा और उसके दोस्त विकास कुमार को अरेस्ट किया था। आरोपी जगसनपाल फार्मास्युटिकल कंपनी की दर्द निवारक दवा इंडोकेप और इंडोकेप-एसआर के नाम का इस्तेमाल कर नकली दवा बनाकर बेच रहे थे। एसएसपी अजय ङ्क्षसह के अनुसार देश में जिन 44 स्थानों पर नकली दवाएं आपूर्ति की गई हैं, अब वहां से दवाओं की बरामदगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है, ताकि नकली दवाओं के सेवन से आमजन को बचाया जा सके।
ड्रग कंट्रोलर को दी जानकारी
एसएसपी ने बताया कि देश के जिन 44 स्थानों पर नकली दवाओं की आपूर्ति की गई है, उनकी जानकारी ड्रग कंट्रोलर उत्तराखंड को उपलब्ध कराई गई है। संबंधित राज्यों के ड्रग कंट्रोलर से संपर्क कर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के पुलिस अधीक्षकों को भी यह जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस को नकली दवा बनाने वाले आरोपितों के 29 बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें 65 लाख रुपये से अधिक रकम जमा है। इन खातों को फ्रीज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब तक एक दर्जन से अधिक खाते पुलिस फ्रीज करा चुकी है।
जीएसटीआर-1 ने खोले राज
नकली दवाओं की आपूर्ति के लिए मुख्य अभियुक्त सचिन शर्मा ने एसएस मेडिकोज का लाइसेंस भी ड्रग कंट्रोलर विभाग से लिया था। साथ ही जीएसटी में पंजीकरण भी कराया था। पुलिस ने स्टेट जीएसटी के अधिकारियों से दवाओं की आपूर्ति को लेकर पूरी जानकारी मांगी। स्टेट जीएसटी की संयुक्त आयुक्त एसआईबी, प्रवर्तन सुनीता पांडे ने उन्हें फर्म की ओर से भरे गए जीएसटीआर-1 के आधार पर पूरी जानकारी मुहैया करा दी। इसमें माल की आपूर्ति वाले स्थानों का विवरण उपलब्ध होता है। इसी से पुलिस को पता चला कि आरोपितों ने नकली दवाओं की आपूर्ति देश में किन 44 स्थानों पर की है। स्टेट जीएसटी के संयुक्त आयुक्त देहरादून संजीव सोलंकी के मुताबिक उनके कार्यालय से भी माल की आपूर्ति की जानकारी मांगी गई है। कुछ जानकारी मुहैया करा दी गई है, शेष जानकारी गुरुवार को उपलब्ध करा दी जाएगी।
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