देहरादून, ब्यूरो: डेंगू को लेकर शासन प्रशासन की ओर से तमाम दावे किए जा रहे हों। लेकिन, वास्तविकता में डेंगू को लेकर जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और हैं। यहां तक कि प्रशासन के कुछ कैंपस में भी जगह-जगह पानी जमा मिला। यहीं नहीं कई एरिया तो ऐसे है जहां मैदान में पानी जमा है वहां कई कई बार शिकायत करने के बाद भी न ही फॉगिंग हो रहीं और नहीं लार्वीसाइड का छिड़काव हो रहा है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जब सिटी के अलग अलग एरिया पहुंची। तो यहां तमाम दिक्कतें मिली। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके एरिया में कई कई दिनों से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं।
ये की जा रही कार्रवाई
दरअसल स्वास्थ्य विभाग की ओर बीते साल डेंगू के मामले को देखते हुए बचाव के लिए प्रयास किए जा रहे है। दावा है कि सभी विभाग को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। इनमें करीब 40 से ज्यादा विभागों का शामिल किया गया हैं। जिनमें नगर निगम से लेकर वन विभाग व खेल विभाग भी शामिल है। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी, एमडीडीए, शिक्षा विभाग को भी जल भराव समेत साफ सफाई दुरुस्त रखने के लिए निर्देशित किया गया हैं, जिससे डेंगू का लार्वा न पनप सके।
यहां से मिल रहीं शिकायतें
-दिग्विजय पूरम कॉलोनी बंजारावाला
- इंदिरा नगर, सीमाद्वार
- रायपुर मालदेवता रोड
- कुल्हान मानसिंह, सहस्रधारा रोड
- ऋषिविहार, नियर सीमाद्वार
- मंदाकिनी विहार
- मालसी डियर पार्क मसूरी रोड
- जाखन राजपुर रोड
- देहराखास
- प्रेमनगर
- बंजारावाला
बीते साल ये इलाके थे हॉस्टपॉट
इन्दिरा कॉलोनी
सीमाद्वार
पथरीबाग
अजबपुर
चन्द्रबनी
गोविन्दगढ़
नेहरू कॉलोनी
बद्रीश कॉलोनी
धर्मपुर
राजीवनगर
बंजारावाला
सरस्वती विहार
डालनवाला
मोहनी रोड
क्या होता है हॉटस्पॉट
अफसरों की माने तो हॉटस्पॉट उस एरिया को बनाया जाता है जहां पर डेंगू के पांच केस से ज्यादा मिले हो। उसके बाद उस एरिया को हॉट स्पॉट बनाकर स्पेशल तौर पर निगरानी की जाती है। ताकि, डेंगू के जो केसेस आ रहे हैं उनको कंट्रोल किया जा सके। इसके लिए सभी विभाग मिलकर अपनी अपनी भूमिका निभाते हैं।
इन एरिया में हुआ डेंगू हमलावर
जिला में अब तक मलेरिया के लिए ही अतिसंवेदनशील माना जाता था। लेकिन बीते तीन साल से डेंगू भी हमलावर हो गया है। बीते साल डेंगू मरीजों की संख्या एक हजार से अधिक हो गई थी।
इन एरियाज में जमा पानी
एरिया 1-
तहसील स्थित राजीव गांधी कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में पानी जमा होने के कारण यहां गाड़ी पार्किंग करने वालों को गाड़ी खड़ी करने में डर लगता है। आलम ये है कि कई बार स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद भी अब तक निस्तारण नहीं हो सका।
एरिया 2-
देहराखास में देवऋषि एनक्लेव में घरों के सामने पानी जमा मिला। जिसके कारण यहां स्थानीय लोगों की ओर से कई बार शिकायत भी की गई लेकिन, अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई।
एरिया - 3
गढ़ी कैंट में बीते कई दिनों से पानी जमा होने के कारण डेंगू के लार्वा पनपने का डर सता रहा है। स्थानीय लोगों से जब इस विषय में बात की तो उन्होंने इस विषय में कई बार शिकायत करना स्वीकारा।
एरिया -4
प्रेमनगर के पार्क में निर्माण कार्य होने के कारण यहां पर कई कई जगह गड््ढे खुदे हुए है। स्थानीय लोगों के अनुसार कई यहां हमेशा पानी जमा रहता है। जबकि, यहां पर पानी के कारण बीते दिन एक बच्चा भी गिरा लेकिन, व्यवस्था नहीं सुधरी।
एरिया - 5
टांसपोर्टनगर में व्यापारियों के लिए इन दिनों परेशानी बढ़ी हुई है। यहां पहले ही समय पर कूड़ा नहीं उठता था। अब जगह जगह खुदे गड्ढे में पानी जमा होने से डेंगू संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
एरिया 6-
प्रेमनगर सरकारी हॉस्पिटल की छत में जमा पानी डेंगू को लेकर लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है। यहां कई दिनों से बारिश का पानी जमा हो जाता है। निकासी का कोई रास्ता न होने के कारण ये समस्या बना हुआ है।
यहां भी मिली कमी
रायुपुर स्थित स्पोट्र्स कॉलेज में जहां जगह-जगह पुराना सामान एकत्र है। इसके साथ ही यहां पुराने फाउंटेन में पानी जमा होने के कारण खतरे का भी डर हो सकता है। इसके साथ ही यहां जगह-जगह गंदगी पसरी मिली।
सिटी एरिया में ही कई घर ऐसे हैं जहां पर कूलर, छत पर पड़े टायर आदि में बारिश का पानी भरने से मच्छरों का लार्वा पनपता हैं। इससे डेंगू फैलने का खतरा बढ़ता है। कई बार गमला में पौधा सूख जाता है और उसमें बारिश का पानी जमाव होता रहता हैं।
उत्तम अग्रवाल
बारिश का पानी हो या फिर कूलर आदि के टैंक में जमा पानी इससे भी बड़ा खतरा लार्वा पनपने का रहता है। इसके लिए खुद अवेयर होना जरूरी है। टीम तो अवेयर करती है। नालियों में भी अपने आसपास पानी का जमाव न होने दें।
अंकित वाधवा
जल जमाव सबसे अधिक बड़ी मुश्किल है। देहराखास में एरिया के कई ऐसे प्लॉट हैं जहां पर निर्माण नहीं हुआ है और उसमें बारिश का पानी भर जाता है। साफ पानी होने के कारण उसमें लार्वा पनपने का डर रहता है।
नावेद
लार्वा पनपने से रोकने के लिए खुद अवेयर होना होगा। क्योंकि फॉगिंग कब होती है पता नहीं चलता है। लार्वा नाशक का भी छिड़काव समय समय पर होना चाहिए। जिन एरिया में जलभराव है वहां पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
एजाज कुरेशी
ट्रांसपोर्ट नगर में कई दिनों से पहले ही कूड़े का ढेर जमा रहता था। लेकिन अब आलम ये है कि जल भराव होने से समस्या और बढ़ गई हैं। पानी भी साफ है लेकिन यहां पर मच्छरों लार्वा की संख्या काफी अधिक है लोगों को हर टाइम डर सताता हैं।
लव चौधरी
हम कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, यहां पर अब तक कोई भी सॉल्यूशन नहीं हो सका है। पार्क में जहां निर्माण कार्य के कारण यहां बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए हैं। जिसके कारण यहां हमेशा पानी जमा रहता है। अब तो यहां लार्वा भी पनप रहा है।
मोहित ग्रोवर
एरिया में केवल एक जगह नहीं बल्कि कई जगह ऐसे है। जहां हमेशा पानी जमा रहा है। जिसके कारण पब्लिक को समस्या हो रही है। ऐसी स्थिति में जिम्मेदारी संभाल रहे डिपार्टमेंट को जिम्मेदारी निभाते हुए निगरानी करने की जरूरत है।
हरप्रीत सिंह
जिन एरिया में लास्ट ईयर डेंगू के केसेज आए हैं, उन एरिया में टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। अभियान के तहत आशा और वॉलेंटियर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर पता कर रही हैं। घर में या आसपास कहीं लार्वा पनप रहा है तो उसकी भी जांच की जा रही है। कहीं पर लार्वा मिलने पर उसे नष्ट किया जा रहा है।
सुभाष जोशी, जिला मलेरिया अधिकारी
हमारी ओर से जिस जगहों से शिकायत मिल रही हैं। वहां पर दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। इसके साथ ही रोजाना क्षेत्रों में टीम मौके पर जाकर मौका का मुआयना कर रही हैं। जिसके बाद अब तक कई कंटेनर में लार्वा मिलने पर उन्हें नष्ट किया जा रहा हैं।
डॉ। चंदन रावत, एसीएमओ देहरादून
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