देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी में पुलिस, सीसीटीवी कैमरों के साथ ही अब ट्रैफिक वॉयलेशन के लिए ड्रोन भी एक्शन मोड में हैं। यही कारण है कि जनवरी से लेकर 4 अक्टूबर तक ड्रोन से 5514 चालान किए गए। जिनमें सबसे ज्यादा जेब्रा लाइन क्रॉस करना, नो पार्किंग में वाहन पार्क करना, विदआउट हेलमेट के साथ ड्राइव करना और टेंपरेरी एनक्रोचमेंट शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि ड्रोन पुलिस की मदद में खासे कारगर साबित हो रहे हैं।

2 ड्रोन से हुई थी शुरुआत

दरअसल, ड्रोन के जरिए ट्रैफिक वॉयलेशन को कंट्रोल करने के लिए राजधानी दून में एसएसपी दून अजय सिंह की मौजूदगी में 14 दिसंबर से ड्रोन उतारे गए। जिनको फ्लाइंग हॉक नाम दिया गया। शुरुआत में 2 ड्रोन उतारे गए, लेकिन इसके बाद इसमें एक और ड्रोन की बढ़ोत्तरी की गई। तब से लेकर अब तक ट्रैफिक वॉयलेशन को लेकर ड्रोन की कार्रवाई जारी है। यही कारण है कि अब करीब 10 माह हो चुके हैं। लगातार ड्रोन के जरिए पुलिस की कार्रवाई बदस्तूर जारी है और 5514 चालान भी कर दिए गए हैं। बदले में ट्रैफिक वॉयलेशन करने वाले लोगों से लाखों की संख्या भी जुर्माना भी वसूला जा चुका है।

पुलिस को मिल रही है राहत

ड्रोन से न केवल ट्रैफिक वॉयलेशन को कंट्रोल किया जा रहा है। बल्कि, पुलिस अन्य एक्टिविटीज पर भी नजर रख रही है। इसमें खासकर धरना प्रदर्शन, जुलूस, धार्मिक रैलियां, शोभा यात्राएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस ड्रोन से मिलने वाली मदद से काफी राहत भी महसूस कर रही है। मसलन, पुलिस की ओर से इस प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग के बाद पुलिस काफी मदद मिली है। पुलिस इन ड्रोन का संचालन फिलहाल सुबह साढ़े नौ बजे से लेकर शाम छह से साढ़े बजे तक करती है और इसके लिए किसी कंपनी की मदद ली जा रही है।

चालान पर एक नजर

कुल चालान---5514

जेब्रा कॉसिंग--2525

विदआउट हेलमेट--864

अदर्स----2125

ड्रोन से चालान पर ये जुर्माना

बिना हेलमेट---1 हजार

स्टॉप लाइन वॉयलेशन--1 हजार

नो पार्किंग---500 रुपए

अदर्स ---1 हजार

बस स्टॉपेज--1 हजार

3 ड्रोन हैं एक्टिव

पुलिस विभाग ने शहर में फिलहाल 3 ड्रोन को एक्टिव मोड में रखा है। इनमें 2 एसएसपी ऑफिस से ऑपरेट हो रहे हैं। जबकि, तीसरे पटेलनगर क्षेत्र से संचालित किया जा रहा है।

बड़े एरिया की निगरानी

एसएसपी ऑफिस से संचालित ड्रोन के जिम्मे काफी लंबा एरिया समाहित किया गया है। जिनके पास राजपुर रोड, चकराता रोड, दिलाराम चौक, दर्शनलाल चौक, प्रिंस चौक, धर्मपुर, रिस्पना पुल, लैंसडौन चौक, सहारनपुर और घंटाघर जैसे व्यस्ततम इलाके शामिल किए गए हैं। पटेलनगर से संचालित ड्रोने के पास पटेलनगर इलाके से लेकर आईएसबीटी, शिमला बाईपास, जीएमएस रोड जैसे इलाके हैं।

ड्रोन का था ये मकसद

-धरना प्रदर्शन वॉच

-संवेदनशील इलाकों की निगरानी।

-धरना-प्रदर्शन पर नजर बनाए रखना

-धार्मिक जुलूस पर निगाह रखना।

-अस्थाई अतिक्रमण पर नजर

-ट्रैफिक मॉनिटरिंग

-रैलियां की निगरानी

-एक्सीडेंट मॉनिटरिंग

-ट्रिपल राइडिंग

चालान के बाद चंद मिनटों में मैसेज

बताया गया है कि किसी भी प्रकार के ट्रैफिक वॉयलेशन में पुलिस ऑन द स्पॉट आनलाइन चालान संबंधित वाहन चालक या फिर स्वामी को भेज देती है। बाकायदा, इसका मैसेज भी संबंधित के मोबाइल में चंद मिनटों के भीतर पहुंच जाता है। जबकि, संबंधित वाहन चालक या फिर वाहन स्वामी को तब एहसास होता है, जब उसके मोबाइल पर मैसेज पहुंचता है। कारणवश, जहां पर वाहन चालक वाहन को नहीं हटाता है। वॉकी-टॉकी सेट से पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर वहां से हटाने की कोशिश करती है।

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