देहरादून (ब्यूरो)। विश्व बैंक की योजना के तहत मेहंूवाला क्लस्टर योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी। करीब डेढ़ लाख लोगों के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत क्षेत्र में 20 ट्यूबवैल लगने हैं। जिनमें से 15 ट्यूबवैल लगाए जा चुके है। यह ट्यूबवैल अप्रैल माह में ही लग गए थे। जबकि पांच ट्यूबवैल के लिए जमीन न मिलने के कारण यह समस्या हो रही है। इसके लिए विभाग ने कई बार पत्राचार भी कर दिया है। लेकिन संभव नहीं हो पा रहा।
योजना पर एक नजर
-वर्ल्ड बैंक की मेहूंवाला क्लस्टर पेयजल योजना
-124 करोड़ का बजट
-2019 से शुरू हुई स्कीम
-20841 कनेक्शन का है टारगेट
-चेन्नई की कंपनी बना रही वॉटर मीटर
-सरकार की ओर से फ्री लगेंगे मीटर।
-क्षेत्र में लगने है 20 टयूबवैल।
-1800 एलपीएम की क्षमता से तैयार होने है ट्यूबवैल।
-20 ट्यूबवैल से मिलेगा 36000 एलपीएम पानी
-1.5 लाख लोगों को मिलना है पानी।
-6 ओवरहैड टैंक तैयार
पुणे से मंगाए पंपिंग प्लांट
जल निगम की ओर से लगने वाले ट्यूबवैल के लिए पंपिंग प्लांट को पुणे से मंगाया गया। 2020 नवम्बर को पंपिंग प्लांट के लिए ऑर्डर देने के बाद भी यह पंपिंग प्लांट सितम्बर माह में पहुंचे।
पहले ही बढ़ चुके योजना की डेडलाइन
मेहंूवाला क्लस्टर पेयजल योजना की डेडलाइन को 2019 में शुरू किया गया था। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते 3 माह कोई भी काम न होने के कारण योजना को पूरा नहीं किया जा सका। ऐसे में योजना की डेडलाइन को पहले ही 5 माह के लिए बढ़ा दिया गया। लेकिन, जल निगम के अधिकारियों के अनुसार इस मई माह तक इस योजना को पूरा नहीं किया जा सकता है।
हमारी कोशिश है कि डेडलाइन के अंदर काम पूरा कर लिया जाए। लेकिन, कोविड संक्रमण के कारण कुछ देरी हुई है। साथ ही कुछ परेशानियां है जिसे भी जल्द ही निपटा दिया जाएगा।
सीता राम, जीएम जल निगम उत्तराखंड