देहरादून,(ब्यूरो): राजधानी दून के लोग कितना गंदा पानी पी रहे हैं। यह जानकर आप शायद पानी पीना छोड़ देंगे। जी हां, राजधानी देहरादून से करीब 15 किमी। दूर शिखर फॉल वाटर सप्लाई स्कीम से पीने का पानी सप्लाई हो रहा है। यहां पर हजारों लोग रोजाना नहा कर पानी को गंदा कर रहे हैं। पिकनिक स्पॉट पर शराब आदि पीना मना है, लेकिन यहां खुलेआम शराब पी रहे हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के हजारों टूरिस्ट शिखर फॉल पहुंचकर दून के पीने के पानी को गंदा कर रहे हैं। चेतावनी के बाद भी लगातार यहां पर टूरिस्ट पहुंच रहे हैं। इस जगह को सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं हैं। जल संस्थान से लेकर पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बने हैं। ऐसे में पब्लिक को गंदा पानी पीने के मजबूर होना पड़ रहा है।

शिखर फॉल पहुंची टीम
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम सैटरडे को रिस्पना के कैचमेंट एरिया शिखर फॉल में पूर्व में लगाए गए पेड़-पौधों की पड़ताल के लिए पहुंची, तो यहां का नजारा देख टीम हतप्रभ रह गई। यहां भले ही रिस्पना नदी साफ है, लेकिन यहां पर बाहर से रोजाना हजारों लोग आकर नदी को मैली कर रहे हैं। दल के दल यहां नहाने को पहुंच रहे हैं। जहां से दून के लिए पानी आ रहा है। शिखर फॉल से 50 मीटर ऊपर है। यहां पहुंचने के रास्ता नहीं है, लेकिन पहाड़ी पर चढ़ जान जोखिम में डालकर टूरिस्ट शिखर फॉल में नहाने के लिए पहुंच रहे है।

14 एमएलडी पानी सप्लाई
शिखर फॉल से करीब 14 से 15 मिलियन लीटर डेली की सप्लाई होती है। यह स्कीम अंग्रेजों के जमाने की है। यह पानी डायरेक्टर पेयजल कंज्यूमर्स को उपलब्ध नहीं होता है। शिखर फॉल से करीब तीन किमी। दूर राजपुर स्थित शहंशाही में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचता है। यह पंपिंग नहीं ग्रेविटी की योजना है। डब्ल्यूटीपी में ट्रीटमेंट होने के बाद पानी को आस-पास के इलाकों में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। भले ही पानी ट्रीटमेंट होता है, लेकिन स्रोत पर की जा रही गंदगी को इग्नोर नहीं किया जा सकता है।

स्रोत पर सेफ्टी के इंतजाम नहीं
जिस खिखर फॉल से वाटर सप्लाई हो रहा है वहां पर किसी भी तरह की कोई सेफ्टी नहीं है। पेयजल स्रोत पर नदी में हजारों लोग नहा रहे हैं और कपड़े धो रहे हैं। यहां आकर जिसे यह पता चलेगा कि वह इस गंदे पानी को पी रहे हैं, तो वह शायद पानी पीना छोड़ देगा। ऐसे में यहां पर तार-बाड़ जरूरी है। या फिर सीजन में पुलिस कर्मियों की तैनाती होनी चाहिए।

स्रोत पर लिखी है वार्निंग
जल संस्थान की ओर से स्रोत पर रिवर में नहाने, कपड़े धोने, प्लास्टिक कचरा करने और स्रोत से ऊपर के एरिया को प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन बावजूद इसके बड़ी संख्या में टूरिस्ट स्रोत से ऊपर जाकर नहा रहे हैं। उन्हें यहां पर कोई रोकने-टोकने वाला नहीं हैं, जो बेहर चिंता की बात है।

ऑपरेशन मर्यादा का उल्लंघन
ऑपरेशन मर्यादा के तहत पर्यटक स्थलों पर शराब पीने को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन यहां पर इस कानून का पालन कराने को कोई पुलिस कर्मी नहीं है। यहां बाहर से आ रहे हजारों पर्यटक न केवल पीने के पानी को गंदा कर रहे हैं, बल्कि शराब, मांस आदि का सेवन करके ऑपरेशन मार्यादा कानून का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

पुलिस-प्रशासन को लिखा पत्र
जल संस्थान नॉर्थ डिवीजन के अधिशासी अभियंता संजय सिंह का कहना है कि स्रोत एरिया क्षेत्र में नहाना व गंदा करना अपराधहै। यह पीने का पानी है इसे स्वच्छ रखा जाना चाहिए। हालांकि इस संबंध में स्रोत स्थल पर चेतावनी भी लिखी है। स्रोत से ऊपर नहाना मना है। इस संबंध में राजपुर थाने से लेकर जिला प्रशासन को पूर्व में पत्र लिखा गया है। यहां पर लोगों को जाने से रोका जाना चाहिए। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई।

क्यों नहीं ली जा रही सुध
जल संस्थान के साथ ही पुलिस और जिला प्रशासन पर भी यह सवाल है कि आखिर वह पब्लिक को पीने वाले पानी को गंदा होने से बचाने के लिए क्यों लापरवाही बरत रही है। पीने का पानी शुद्ध होना चाहिए। इसके लिए पुलिस-प्रशासन को सख्ती बरते हुए शिखर पर टूरिस्ट्स को रोका जाना चाहिए। नहाने के लिए स्रोत से नीचे काफी एरिया है।

प्रतिबंध के बावजूद पहुंच रहे लोग
शिखर फॉल रिस्पना का कैचमेंट एरिया हैं। रिस्पना नदी का नाम सुनते ही लोगों को बदबूदार नदी आंखों के सामने सामने आती है। लेकिन बाजार में जो रिस्पना दिखती है वह कैचमेंट एरिया में वह गंदगी नहीं है।

शिखर फॉल पर एक नजर
- शिखर फॉल दून से करीब 15 किमी। दूर है।
- यहां से दून के लिए 14 एमएलडी पानी सप्लाई होता है।
- शिखर फॉल से पीने का पानी आने से इसे टूरिस्ट के रूप में डेवलप नहीं किया गया।
- यूपी, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा से यहां आकर टूरिस्ट कर रहे स्रोत को गंदा
- मांस-मदिरा के साथ ही नदी में नहा कर स्रोत पर फैला रहे गंदगी
- स्रोत की सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं और न ही कोई पुलिस यहां तैनात है।
- जल संस्थान की ओर से भी नहीं किए गए हैं स्रोत को गंदगी से बचाने के उपाय

शिखर फॉल में गंदगी करने के मामले पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पीने के पानी को गंदा करने से रोका जाएगा। यहां पर टूरिस्ट को रोका जाएगा। स्रोत की सेफ्टी के साथ ही गंदगी से बचाने के लिए यदि कोई अन्य विकल्प होंगे तो उस पर भी काम किया जाएगा।
सोनिका डीएम, देहरादून

dehradun@inext.co.in