- पिछले मार्च की तुलना में इस मार्च में 9 एमयू बिजली उत्पादन हो रहा कम
- डिमांड 40 एमयू के पार, केंद्रीय पूल को मिलाकर 25 एमयू बिजली उपलब्ध
- नदियों का जल स्तर कम होने से थमी बिजली उत्पादन की रफ्तार
देहरादून (ब्यूरो): ऐसे मेें दून समेत पूरे प्रदेश में पावर कट हो सकता है। पावर प्रोडक्शन की हालिया स्थिति को देखते हुए यही अंदेशा जताया जा रहा है कि प्रदेशवासियों को भीषण बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। पूरी सर्दी चले गई, लेकिन बारिश न के बराबर हुई है, जिससे नदियों का जल स्तर काफी कम हो गया है। नदियों का प्रवाह कम होने से प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाओं में प्रोडक्शन काफी नीचे आ गया है। पिछले साल 19 मार्च 2022 को उत्तराखंड जल विद्युत निगम के पावर हाउसों का प्रोडक्शन जहां 16.395 मिलियन यूनिट था जबकि 19 मार्च 2023 यह प्रोडक्शन 7.105 है। यानि पिछले साल की तुलना में इस साल राज्य का अपना बिजली उत्पादन 9 एमयू से कम हो गया है, जिसका असर राज्य के 24 लाख उपभोक्ताओं को
घंटो हो रही पावर कट
इधर गर्मी बढ़ गई है उधर, बिजली उत्पादन गिरने के कारण ऊर्जा निगम के पास विद्युत उपलब्धता भी घट गई है। महंगी बिजली खरीदने के बाद भी ऊर्जा निगम बिजली की डिमांड पूरी नहीं कर पा रहा है, जिससे ऊर्जा निगम शहरों से लेकर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई-कई घंटे पावर कट कर रहा है। इस साल सर्दी में बारिश के साथ ही बर्फबारी भी काफी कम हुई है, जिससे नदियों का जल स्तर घट गया है। यदि बारिश नहीं हुई, तो मई-जून में बिजली संकट और बढ़ सकता है।
उत्पादन और डिमांड में 5 गुना अंतर
राज्य में इन दिनों बिजली की डेली खपत 40 मिलियन यूनिट से ऊपर है। जबकि राज्य और सेंट्रल पूल से 25 एमयू बिजली मिल रही है। 15 मिलियन यूनिट बिजली केंद्र से आवंटित अंश है और 7 मिलियन यूनिट राज्य के जल विद्युत परियोजनाओं का उत्पादन है। कुल उपलब्धता और खपत में तकरीबन 13 से लेकर 15 एमयू से अधिक का अंतर है। इसमें कुछ बिजली दूसरे राज्यों से खरीदी जा रही है। बाकी बिजली की कटौती की जा रही है।
डंडस्ट्रीज को हो रहा लॉस
घरेलू के साथ ही कॉमर्शियल कंज्यूमर्स पर भी बिजली संकट की मार पड़ रही है। खासकर उद्योगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। अनुमान के मुताबिक इंडस्ट्रियल एरियाज में बिजली कटौती किए जाने से रोजाना करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। हालांकि ऊर्जा निगम का दावा है कि इंडस्ट्रीज को पूरी बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है।
पिछले और इस साल का स्टेट में पावर प्रोडक्शन
प्रोजेक्ट का नाम प्रोडक्शन (एमयू)
19.3.2022 9.32023
छिबरो 2.908 0.929
खोदरी 1.415 0.485
ढकरानी 0.242 0.198
ढालीपुर 0.776 0.349
कुल्हाल 0.476 0.201
तिलोथ 1.479 0.695
धरासू 2.838 1.320
चीला 2.082 1.757
रामनगर 3.234 0.000
खटीमा 0.626 0.386
पथरी 0.327 0.216
मोहम्मदपुर 0.142 0.104
गलोगी 0.019 0.018
दुनाऊ 0.008 0.007
पिलंगांव 0.043 0.023
उर्गम 0.024 0.016
कार्लीगंगा-1 0.030 0.020
व्यासी 0.357 0.357
कार्लीगंगा-2 0.024 0.024
टोटल 16.395 7.105
नदियों का जल स्तर काफी कम हो गया है, जिससे राज्य का अपना बिजली उत्पादन काफी घट गया है। बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए केंद्र सरकार की मदद से कई राज्यों के साथ शॉर्ट टर्म के लिए बिजली खरीद का एमओयू किया जा रहा है। कटौती कम से कम हो, इसके लिए पावर पर्चेज की जा रही है।
एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, यूपीसीएल
सर्दी में बारिश न होने की वजह से पावर प्रोडक्शन घट गया है। नदियों का जल स्तर काफी कम हो गया है। पिछले साल के मुकाबले इस साल सर्दी तक अधिक पावर जनरेशन हुआ है। बिजली परियोजनाओं से अधिक से अधिक उत्पादन के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुरुषोत्तम सिंह, डायरेक्टर ऑपरेशन, यूजेवीएनएल
dehradun@inext.co.in