देहरादून (ब्यूरो) एसएसपी के मुताबिक फ्राइडे शाम पुलिस कंट्रोल रूम को अपहरण की सूचना मिली। इस पर राजपुर थानाध्यक्ष के निर्देशन में पुलिस टीम तत्काल अपहरणकर्ताओं की कार के पीछे लगी। इस दौरान सिटी के तमाम इलाकों में पुलिस ने अपनी नाकेबंदी भी बढ़ा दी। इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि दून-मसूरी रूट पर डीआईटी यूनिवर्सिटी के पास हरियाणा नंबर की कार में सवार कुछ युवकों ने सड़क पर खड़े युवक से मारपीट की। उसे कार में जबरन डालकर ले गए। इस बीच पुलिस टीम ने तत्काल घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और यूकेलिप्टिस मोड़ पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
कार में सवार मिले 5 युवक
एसएसपी ने बताया कि कार में 5 युवक सवार मिले। जिनमें पिछली सीट पर बीच में बैठे एक युवक ने अपना नाम दुर्गेश कुमार निवासी-ग्राम संगरोली थाना डांड जिला-कैथल हरियाणा बताया। उसने पुलिस को बताया कि वो वर्तमान में दून के मसूरी मार्ग पर आर्केडिया हिल लाक्स में रहता है। दुर्गेश ने कार सवार चार अन्य युवकों पर लेनदेन के विवाद में उसका किडनैप किए जाने का आरोप लगाया। इस दौरान पुलिस ने चारों युवकों को अरेस्ट कर लिया। ये सभी आरोपी करनाल, हरियाणा के रहने वाले हैं। जबकि, अपहृत दुर्गेश के परिचित बताए गए। पुलिस ने सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
यूएसए भेजने के नाम पर 18 लाख के फ्रॉड के आरोप
आरोपियों में करनाल के ग्राम-पोपडा थाना असंध निवासी संदीप कुमार, ग्राम-सांभली थाना-निगदु निवासी राहुल और जसवीर व ग्राम-उपनाला थाना असंध निवासी कुलदीप शामिल बताए गए हैं। पुलिस को जांच में पता चला कि दुर्गेश ने आरोपी संदीप कुमार के भाई को यूएसए भेजने के नाम पर 18 लाख रुपये का फ्रॉड किया था। रकम वापस लेने के लिए आरोपी दून पहुंचे थे। यहां दुर्गेश ने उन्हें पिस्टल दिखाते हुए धमकाने का प्रयास किया तो वह उसे जबरन कार में डालकर साथ ले गए। पुलिस को दुर्गेश के कब्जे से अवैध पिस्टल मिली। इसके चलते उसके खिलाफ केस दर्ज कर अरेस्ट कर लिया गया।
ये है पूरा मामला
जांच में पता चला कि दुर्गेश ने वर्ष 2018 में संदीप के भाई को यूएसए भेजने के नाम पर 21 लाख रुपये लिए थे। इसमें 18 लाख रुपये सिक्योरिटी जमा करने और 3 लाख एजेंट का कमीशन बताया गया। दुर्गेश ने बताया कि सिक्योरिटी की 18 लाख रुपये की रकम बाद में वापस मिल जाएगी। पुलिस के अनुसार, जब वर्ष 2019 में संदीप के भाई को यूएसए में पीआर (ग्रीन कार्ड) मिल गया तो 18 लाख रुपये दुर्गेश को वापस मिल गए। लेकिन, उसने ये धनराशि संदीप को वापस नहीं की। दुर्गेश बार-बार टाल-मटोल करता रहा और बाद में गायब हो गया।
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