- सिटी में 70 परसेंट से ज्यादा एरिया में हो चुका है कंस्ट्रक्शन
- डिजिटल मास्टर प्लान-2041 के लिए किए सर्वे में सामने आया आंकड़ा

देहरादून (ब्यूरो): करीब 10 प्रतिशत मिक्स्ड एरिया है, जहां आवासीय के साथ ही कमर्शियल भवन बन गए हैं। केवल 30 परसेंट एरिया ही ऐसा बचा है, जिस पर डेवलपमेंट के काम होने हैं। इसमें भी ग्रीन लैंड और इंडस्ट्रियल एरिया भी डेवलप किए जाने हैं। इतने कम एरिया में डेवलपमेंट करना चुनौती बन गया है। इस चुनौती को दूर करने के लिए ग्राम एवं नगर नियोजक विभाग ने मास्टर प्लान 2041 में देहरादून नगर निगम के बाहर के क्षेत्र को भी शामिल करने जा रहा है। भविष्य में डोईवाला, ऋषिकेश, मसूरी, सेलाकुई और विकासनगर दून सिटी का हिस्सा होंगे।

26 लाख तक हो जाएगी आबादी
कई इलाकों में सड़कों की चौड़ाई इतनी कम है वहां चौपहिया वाहन तक नहीं घुस पाता है। जबकि मास्टर प्लान-2041 में सड़कों की कम से कम चौड़ाई 12 मीटर से लेकर 60 मीटर तक रखी गई है। कुल मिलाकर मिड सिटी में बड़े डेवलपमेंट की गुंजाइश कम रह गई है। ऐसे में सिटी के आउटर वाले इलाकों में शिक्षण संस्थान, हॉस्पिटल, मॉल, पार्क आदि के डेवलप होने की ज्यादा उम्मीदें जताई जा रही है। वर्तमान में शहर की आबादी करीब 12 लाख के लगभग है। 2041 तक की अनुमानित आबादी 26 लाख को ध्यान में रखते हुए लगभग 50 प्रतिशत भू-उपयोग आवासीय श्रेणी में आरक्षित रखा गया है।

आउटर में ये है डेवलपमेंट की गुंजाइश
-स्कूल-कॉलेज
-यूनिवर्सिटीज
-हॉस्पिटल
-कॉम्प्लेक्स और मॉल
-नेचर पार्क
-हाउसिंग प्रोजेक्ट््स
-आवासीय प्लॉट््स
-चौड़ी सड़कें
-ग्रीन फील्ड

शहर में यह है दिक्कत
-घनी आबादी
-रोड की कम चौड़ाई
-ट्रैफिक जाम की समस्या
-जगह की कमी
-विस्थापन पर ज्यादा खर्च
-अधिक सर्किल
-सरकारी जमीन बहुत कम

ये इलाके हो सकते हैं डेवलप
शिमला बाईपास रोड
आरर्केडिया
चाय बगान
मोथरोवाला
रायपुर
सहस्रधारा रोड
हर्रावाला
नकरौंदा
बालावाला
ऋषिकेश
डोईवाला
मसूरी
सेलाकुई
मसूरी

सेटेलाइट से रहेगी अतिक्रमण पर नजर
दून का जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित डिजिटल मास्टर प्लान को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की कवायद चल रही है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) और मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक ने दून की महायोजना-2041 के ड्राफ्ट को पब्लिक के साथ सार्वजनिक किया है। जिस पर आम आदमी से सुझाव और आपत्तियां मांगी गई थी। यह पक्रिया पूरी हो चुकी है। अब आपत्तियों पर सुनवाई बाकी रह गई है।

ये भी होंगे अब सिटी का हिस्सा
डोईवाला
ऋषिकेश
मसूरी
सेलाकुई
विकासनगर

मास्टर प्लान-2041 पर एक नजर
-37800 हेक्टेयर है टोटल प्लानिंग एरिया
-17916 हेक्टेयर है डेवलप्ड एरिया
-6952 हेक्टेयर है अनडेवलप्ड एरिया
-9872 हेक्टेयर एरिया है फॉरेस्ट
-3059 हेक्टेयर कैंटोनमेंट एरिया
-120000 के लगभग शहर की आबादी
-260000 तक हो जाएगी 2041 तक 26 लाख
- 150000 लाख के करीब सालान बढ़ रही की आबादी

प्रस्तावित प्रपोजल में शामिल
-58.43 परसेंट एरिया का है आवासीय उपयोग
-9.33 परसेंट है मिक्स एरिया
-4 परसेंट है कमर्शियल एरिया
-1 परसेंट इंडगिस्ट्रयल एरिया
-9.42 परसेंट एजुकेशन व हेल्थ
-5.98 परसेंट ग्रीन एरिया
-11 परसेंट सड़कें, ट्रांसपोर्टेशन
-0.34 परसेंट टूरिज्म

12 से 60 मीटर तक चौड़ी होंगी सड़कें
यूआरडीपीएफआई और अमृत की गाइड लाइन के अनुसार नए मास्टर प्लान में 12 मीटर से लेकर 60 मीटर तक रोड चौड़ी होनी प्रस्तावित हैं।

महायोजना को दे रहे अंतिम रूप
मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि सेटेलाइट आधारित बेस्ड प्रस्तावित महायोजना-2041 को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सेटेलाइट मैपिंग के जरिए धरातलीय सर्वे कर सटीक जानकारियों के साथ मास्टर प्लान तैयार किया गया है। दून शहर में डेवलपमेंट का सीमित दायरा होने पर दून से सटे नगरों को सिटी में शामिल किया जाएगा है। पुराने मास्टर प्लान में नदी-खालों और फॉरेस्ट का सीमांकन सही तरीके से नहीं दर्शाया गया है, जिससे शहर में अतिक्रमण बढ़ा है। नए मास्टर प्लान में ऐसी जगहों को सेटेलाइट के जरिए चिन्हित करके इस पर फोकस किया गया है।

शहर की आबादी बढ़ रही है। यह सही है, लेकिन जरूरत के हिसाब से ही शहर का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। शहरीकरण के नाम पर दून के आउटर की बची कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। शहर की हरियाली बनी रहनी चाहिए।
अनूप नौटियाल, अध्यक्ष, एसडीसी फाउंडेशन

शहर का डेवलपमेंट जरूरी है। उसकी के अनुसार योजनाएं बनाई जानी चाहिए। सुविधाओं के नाम पर केवल कंक्रीट के जंगल खड़े करना शहरीकरण नहीं है। नए मास्टर प्लान में इस बात का खास रखा जाना चाहिए कि हरियाली भी जरूरी है।
राकेश उनियाल, रिटायर्ड इंजीनियर

दून शहर का फैलाव करके हरियाली को भारी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में मास्टर प्लान में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि डेवलपमेंट का असर पर्यावरण ओर अन्य जरूरी चीजों पर न पडऩा चाहिए।
डा। बृजमोहन शर्मा, सचिव, स्पैक्स संस्था

मास्टर प्लान में क्या-क्या है। इसकी अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। आबादी बढ़ेगी तो शहर का दायरा भी बढ़ेगा, लेकिन शहर में पेड़ों का कटान कम से कम हो। सुनियोजित तरीके से विकास को अंजाम दिया जाए।
राजेंद्र गोयल, प्रधान, होलसेल डीलर एसोसिएशन, आढ़त बाजार

शहर के प्रस्तावित नए डिजिटल मास्टर प्लान को आम आदमी की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाएगा। इसमें किसी का कोई अहित नहीं किया जाएगा। मास्टर को लेकर करीब 800 आपत्तियां आई है, जिनका जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा।
बंशीधर तिवारी, वाइस चेयरमैन, एमडीडीए
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