देहरादून, (ब्यूरो): कार्यभार संभालने के बाद से ही डीएम सविन बंसल लगातार एक्शन मोड में है। अपने 30 दिन के कार्यकाल में उन्होंने 5 बड़े फैसले लिए, जिन पर ग्राउंड पर काम भी शुरू हो गया है। जनहित में फैसले लेने के साथ ही वह सरकारी अस्पतालों व विभागों में फैली अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए बीच-बीच में फील्ड में उतर रहे हैं। दफ्तर में बैठने के बजाय वह फील्ड में उतर खुद जनता के बीच पहुंच रहे हैं। फ्राइडे को डीएम सविन बंसल सुबह 10 बजे उप चिकित्सालय ऋषिकेश पहुंचे, जहां उन्हें औचक निरीक्षण में कई तरह की खामियां देखने को मिली। अव्यवस्थाएं देख वह आग बबूला हो गए। उन्होंने लापरवाही पर अस्पताल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए एसडीएम को हॉस्पिटल की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।

सीएमएस समेत 5 डॉक्टर का रोका वेतन

दून में जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं सुधारने के बाद वह फ्राइउे को निरीक्षण के ऋषिकेश स्थित उप जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां अस्पताल में तैनात 6 में से 4 डाक्टर्स नदारद मिले। मरीजों की डाक्टरों के इंतजार में खासी फजीहत होती नजर आई। जब डीएम ने अस्पताल के सीएमएस को तलब किया तो वे भी अस्पताल में मौजूद नहीं थे। इस पर डीएम ने कड़ा रूख अपनाते हुए सीएमएस समेत नदा 4 अन्य चिकित्सकों का वेतन रोकने के साथ ही प्रतिकूल प्रविष्टि करने के सीएम को निर्देश दिए।

वार्ड खाली, जमीन पर लेटे मिले मरीज

डीएम साधारण मरीज बनकर पर्ची काउंटर में लगे और शुल्क सहित अन्य व्यवस्थाओं की पड़ताल की। इसके बाद डीएम कई वार्डों के निरीक्षण को पहुंचे। इस दौरान ओपीडी में चिकित्सक अनुपस्थित मिले। डीएम ने अन्य कर्मचारियों से अनुपस्थिति का कारण पूछा तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। डीएम ने सीएमएस को मौके पर बुलाने को कहा तो कर्मियों ने बताया कि वे अस्पताल नहीं पहुंचे हैं। इसके बाद वार्डों में मरीज जमीन पर लेटे हुए पाए गए। जबकि, कई वार्डों में एक भी मरीज नहीं मिला। कई एएनएम भी अनुपस्थित मिली।

निगरानी का जिम्मा एसडीएम को

यह पहली बार है जब किसी अस्पताल की निगरानी का जिम्मा एसडीएम स्तर के अफसर को सौंपा गया है। डीएम ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि ऋषिकेश गढ़वाल का प्रवेश द्वार है, जिस कारण इस अस्पताल पर गढ़वाल के कई जिलों के मरीज भी पहुंचते हैं। ऐसे में अस्पताल में चिकित्सक व कर्मियों को मरीजों की समस्याओं के प्रति गंभीर होने की जरूरत है, लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा है। डीएम ने एसडीएम को चिकित्सालय की व्यवस्थाओं की निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। अस्पताल में जहां-तहां गंदगी का आलम देखा गया। डीएम ने इसके लिए सफाई कंपनी को जिम्मेदार ठहराते कंपनी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए।

जन सुनवाई में भी नहीं पहुंचे सीएमएस

डीएम बंसल ने ऋषिकेश अस्पताल के सीएमएस डा। पीके चंदोला को तहसील में होने वाली जन सुनवाई में मौजूद रहने के निर्देश दिए थे, लेकिन सीएमएस सुनवाई में नहीं पहुंचे। इस पर भी डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई। डीएम ने कहा कि अफसरों को को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। अस्पताल में मरीजों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

एआरटीओ ऑफिस में भी छापा

राजकीय उप चिकित्सालय के बाद डीएम सविन बंसल अचानक एआरटीओ दफ्तर की ओर निकल पड़े। एआरटीओ कार्यालय पहुंचकर डीएम ने लाइसेंस, फिटनेस समेत कई अन्य काउंटरों का निरीक्षण किया। इस दौरान परिसर पर लोगों की भीड़ नजर आई। डीएम ने कई लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं भी पूछी। कई लोगों ने काउंटर पर देरी व लोगों को गाइडेंस न मिलने की कंप्लेन की। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए एआरटीओ प्रशासन अरङ्क्षवद पांडेय से स्पष्टीकरण मांगा।

सुनी समस्याएं, अफसरों को चेताया

ऋषिकेश तहसील सभागार में हुई जन सुनवाई के दौरान डीएम ने 100 से ज्यादा शिकायतें सुनीं। इस दौरान अधिकांश शिकायतें ऊर्जा निगम, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, ङ्क्षसचाई, जल संस्थान, वन समेत कई अन्य विभागों की थी। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह व मनीष शर्मा ने पुराने रेलवे स्टेशन पर डबल लेन को एक लेन करने पर सड़क-दुर्घटना व आवागमन बाधित होने की समस्या बताई। इस पर डीएम ने बीआरओ व संबंधित विभागों के साथ शीघ्र वार्ता कर समस्या का समाधान करने की बात कही।

व्यवस्थाएं सुधारने का अल्टीमेटम

इससे पहले डीएम ने तहसील में रिकार्ड रूम का निरीक्षण किया, रिकार्ड को आनलाइन नहीं करने व कई आवेदनों का समय पर निस्तारण नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। वहीं, डीएम ने नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी को शहर में अतिक्रमण व पार्किंग की समस्या का समाधान करने के भी निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा कि ऋषिकेश जिले का महत्वपू्र्ण शहर है। उनका प्रयास होगा वह हर 15 दिन में ऋषिकेश पहुंच कर जन समस्याओं का समाधान करेंगे। इस दौरान एसडीएम स्मृता परमार, तहसीलदार सुशीला कोठियाल, सहायक नगर आयुक्त आरएस रावत, चंद्रकांत भट्ट व रमेश ङ्क्षसह मुख्य रूप से मौजूद रहे।

डीएम ने 30 दिन में किए ये 5 बड़े काम

- दून नगर निगम में बदली कई व्यवस्थाएं, सफाई व्यवस्था आ रही पटरी पर

- स्वास्थ्य अधिकारी से छीना सफाई का जिम्मा, उप नगर आयुक्त को सौंपा

- कंपनी से हटाकर नगर निगम को सौंपा स्ट्रीट लाइन मेंटेनेंस का काम

- दून के दिल घंटाघर स्थित पलटन बाजार में महिला पिंक बूथ की स्थापना

- इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के लिए शहर में जगह की चिन्हित, पीपीपी मोड पर टेंडर जारी

- पाइपलाइन लीकेजों की मेंटेनेंस के लिए अलग मद बनाया, जिसके 75 लाख की पहली किश्त की जारी

- स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए सीईओ के विवेकाधीन कोष के लिए 1 करोड़ किए मंजूर

- जिला चिकित्सालय में ब्लड यूनिट का शासनादेश जारी, काम शुरू

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