देहरादून (ब्यूरो) डीएम ने आदेश दिया कि उप नगर आयुक्त सफाई व्यवस्था और उसकी निगरानी के साथ ही कूड़ा उठान, कूड़ा वाहन संचालन व सत्यापन आदि का कार्य देखेंगे। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अपने मूल कार्य स्वास्थ्य विभाग से समन्वय, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और रोगों से जुड़े मामले देखेंगे। शहरी क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया रोकथाम, सर्विलांस और स्वास्थ्य जोखिम आकलन का कार्य उनके जिम्मे रहेगा।
निठल्ली कंपनियों पर होगा एक्शन
लंबे समय से नगर निगम के स्वास्थ्य अनुभाग में सफाई के कार्य में लगी कंपनियों से सांठगांठ के आरोप लग रहे थे। आरोप था कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का संरक्षण होने के कारण ही कंपनियों की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। यही वजह है कि डीएम ने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी से सफाई व्यवस्था का जिम्मा हटा दिया है। उप नगर आयुक्त को आदेश दिए गए हैं कि जो कम्पनी मनमानी कर रही, उसके विरुद्ध कठोर कदम उठाए जाएं।
सफाई कंपनियों पर डीएम का शिंकजा
नगर निगम की स्वच्छता समिति, कूड़ा उठान वाहन और अनुबंधित कंपनियों के कार्यों के सत्यापन नियमित न होने और इसका रिकॉर्ड दुरुस्त न होने पर भी डीएम ने नाराजगी जताई। सफाई कार्यों में गुणवत्ता एवं सत्यापन कार्यों में पारदर्शिता रखने के निर्देश उप नगर आयुक्त को दिए गए। साथ ही कंपनियों के कार्य का दैनिक सत्यापन कर इसकी रिपोर्ट देने को भी कहा गया। बता दें कि, पांच दिन पूर्व नगर निगम के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कूड़ा उठान कंपनियों को 45 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कार्य-प्रणाली सुधारने के निर्देश दिए थे। चेतावनी दी थी कि अगर कंपनियों ने मनमानी बंद नहीं की तो उनका अनुबंध खत्म किया जाएगा।
अवैध होर्डिंग कारोबार पर लें एक्शन
नगर निगम के होर्डिंग टेंडर में करोड़ों के घपले का आरोप लगाकर उच्च न्यायालय में शिकायत कर चुके कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने डीएम से इस ओर भी ध्यान देने की मांग की है। थापर ने कहा कि निगम अधिकारियों की सांठगांठ के कारण वर्ष 2014 से एक ही कंपनी होर्डिंग कारोबार को देख रही है। निगम प्रशासन नया टेंडर करना नहीं चाह रहा और पुरानी कंपनी को बैकडोर से लाभ पहुंचाया जा रहा। इससे हर वर्ष नगर निगम को 4 से 5 करोड़ के राजस्व की चपत लग रही है।
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