देहरादून, ब्यूरो:
सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को नशामुक्त करने के लिए सभी को जिम्मेदारी और समन्वय से कार्य करना है। वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि का लक्ष्य हासिल करना है। एक ओर जहां ड्रग्स सप्लायर्स पर कड़ा प्रहार करना है, वहीं, दूसरी ओर बच्चों और युवाओं को ड्रग्स की चपेट में आने से बचाना है। ड्रग्स सप्लाई की चेन को तोडऩे के लिए पुलिस विभाग मुखबिर तंत्र को और मजबूत करे। ड्रग्स नेटवर्क को तोडऩे के लिए पुलिस, आबकारी व ड्रग्स कंट्रोलर मिलकर काम करें।

ये दिए गए निर्देश
-ड्रग्स लेने वाले बच्चों व युवाओं की सही तरीके से काउंसलिंग की हो व्यवस्था
-कॉलेजों में एडमिशन के समय विशेष काउंसिल की जाए
-ड्रग्स लेते हुए पकड़े जाने वाले बच्चों के साथ अपराधियों की तरह बर्ताव न हो।
-ऐसे बच्चों व युवाओं के पुनर्वास पर दिया जाए विशेष ध्यान।
-कॉलेजों में पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग नियमित रूप से की जाएं।
-समाज कल्याण व अन्य विभाग युवाओं की अवेयरनेस पर करे फोकस।
-इसके लिये सोशल मीडिया व अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म का हो उपयोग।

दो नशामुक्ति केंद्र बनाने के निर्देश
सीएम ने प्रदेश में दो सरकारी नशामुक्ति केंद्र बनाने के निर्देश दिये। कहा, इसमें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने के साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाए। सभी संबंधित विभागों को लेते हुए एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स को एक्टिव किया जाए। निजी नशामुक्ति केंद्रों के लिए सख्त गाइडलाइन बनाकर उस पर फालोअप किया जाए।

शुरू किया जाएगा ड्रग फ्री अभियान
सीएम ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये। कहा, जिला लेवल पर डीएम भी लगातार मॉनिटरिंग करे।

सीएम की ओर से समीक्षा बैठक में नशामुक्ति केंद्रों के लिए सख्त गाइडलाइन बनाकर उस पर फालोअप किए जाने के निर्देश जरूर दिए हैं। लेकिन, दून जिले में इसकी पहले शुरुआत हो चुकी है। कुछ महीने पहले दून के जिला प्रशासन की ओर से सीडीओ की अध्यक्षता में नशा मुक्ति सेंटर्स के लिए गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार हुआ। इंप्लीमेंटेशन करने की बारी आई तो नशा मुक्ति सेंटर कोर्ट में चले गए। फिलहाल, अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आया।

एजुकेशन की जगह ड्रग हब दून में ले रहा जगह
ड्रग या नशे के खपत करें तो राज्य में दून सबसे बड़े हब के तौर पर डेवलेप हो चुका है। इस अब बाल संरक्षण आयोग, पुलिस, जिला विधियक सेवा प्राधिकरण समेत तमाम स्वयं सेवी संस्थाओं ने कमद बढ़ाए। लेकिन, मिशन तक पहुंचने से पहले ही प्लान धड़ाम होते देखे गए। इंट्रेस्ट लेेने वाले अधिकारियों के तबादले कर दिए गए और एनजीओ से धमकियां मिलीं। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में कई सफेद पोश शामिल हैं।

दून में ड्रग या नशा पर एक नजर
-पुलिए ने एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए 217 केस
-नशा व ड्रग सप्लाई में 6 महीने में 341 लोग हुए अरेस्ट
-इन छह माह में 13.8 ग्राम चरस, 1.791 स्मैक, 101 ग्राम गांजा व 14000 ग्राम डोडा पोस्त हुआ बरामद।
-ऐसे ही 5250 टैबलेट्स, 1532 कैप्सूल भी किए गए बरामद।
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