देहरादून, (ब्यूरो): आसमान से बरस रही आफत की बारिश ने पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी तबाही मचाई है। बारिश व भूस्खलन रोजाना जिंदगियां लील रहा है। राजधानी दून से लेकर प्रदेशभर में की 283 सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बंद हो गई। केदारनाथ रूट पर सोनप्रयाग में बादल फटने से यात्रा ठप हो गई। यहां से 1500 यात्रियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बिजली के दर्जनों पोल बह गए। सोनप्रयाग में सब स्टेशन भूस्लखन से खतरे की जद में आ गया। दून के सहसधारा में दो कांवडिय़ों की डूबकर मौत हो गई, जिनके शव भी बरामद कर लिए गए हैैं। सहसपुर के कैंचीवाला में रामखाले को पार कर रहे कोचिंग सेंटर का एक शिक्षक बह गया। जबकि हरिद्वार में जलाभिषेक को आए बाजपुर के तीन कांवड़ यात्री गंगा में नहाने के दौरान तेज बहाव की चपेट में आने से बह गए। तीनों के शव बरामद कर लिए गए.उधर, टिहरी से लेकर केदारनाथ तक हुई तबाही का सीएम पुष्कर सिंह रावत ने आपदाग्रस्त इलाकों का स्थलीय दौरा कर अफसरों को निर्देश दिए।
सीएम ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
आपदा के दौरान सीएम लगातार एक्टिव मोड में काम कर रहे हैं। वह आपदा के साथ प्रभावितों की पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। बीते रोज बादल फटने से जखन्याली में एक ही परिवार के दंपति समेत बेटे की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने थर्सडे को परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने केदारनाथ रूट पर सोनप्रयाग में बादल फटने से हुई तबाही का भी दौरा किया। सीएम ने कहा कि आपदा की घड़ी में सरकार आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी है। उन्होंने टिहरी व रुद्रप्रयाग के डीएम को राहत कैंपों में सभी आवश्यक व्यवस्था जुटाने व क्षति का आंकलन कर तत्काल सुरक्षात्मक कार्य करने के निर्देश दिए।
केदारनाथ से त्रियुगीनारायण तक सड़क-बिजली व्यवस्था ध्वस्त
बारिश व भूस्खलन से जहां ऊर्जा निगम को भारी नुकसान पहुंचा है वहीं सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। प्रदेशभर में 283 सड़कें भूस्खलन व मलबे के चलते बंद है। वहीं केदारनाथ धाम से लेकर त्रियुगीनारायण तक बिजली के पोल व लाइन बहने के चलते आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। सोनगप्रयाग में सब स्टेशन भूस्खलन की चपेट में आ गया। केदारनाथ मार्ग कई जगह ध्वस्त हो गया। ऊर्जा निगम की टीम ने पेट्रोलिंग करते हुए बीहड़ रास्तों से गुप्तकाशी से करीब 45 किमी। वैकल्पिक तरीके से केदारनाथ में करीब साढ़े 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोपहर ढाई बजे आपूर्ति सुचारू कराई। ऊर्जा निगम के एमडी अनिल कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंङ्क्षसग के जरिए आपदाग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत बहाली के कार्यों की समीक्षा की।
नुकसान पर एक नजर
- केदारनाथ क्षेत्र में बादल फटने सेदर्जनों पोल व बिजली की लाइन बह गई।
- केदारनाथ धाम के साथ सोनप्रयाग, गौरीकुंड, रामपुर व त्रियुगीनारायण की विद्युत आपूर्ति हुई प्रभावित।
- साढ़े 10 घंटों की मशक्कत के बाद दोपहर सवा 2 बजे हुई केदारनाथ धाम की बिजली आपूर्ति बहाल।
- जंगलचट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिनचौली आदि क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी।
- केदारनाथ पैदल मार्ग से 1525 यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
- 425 यात्रियों को हेली से किया गया रेस्क्यू, पैदल मार्ग और हाईवे अवरुद्ध होने से पूरे दिन बाधित रही यात्रा।
-प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में नदी किनारे स्थित होटल व लॉज करवाए खाली।
- मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में रामबाड़ा के दो पुल बहे।
- बारिश से लगातार मलबा-पत्थर आने से सात घंटे बंद रहा गंगोत्री हाईवे।
- हाइवे पर दानों साइड से कांवड़ यात्री व वाहन फंसे रहे।
- मोटर पुल बहने से घनसाली और तिलवाड़ा के बीच कई गांवों का संपर्क कटा।
- बीती रात्रि को ढाबा संचालक समेत पत्नी व बेटे की मलबे में दबने से हुई मौत।
- नैलचामी गदेरे में छह वाहन और मुयाल गांव के पास मोटर पुल बहा।
- यमुना का जलस्तर बढ़ा, तीन पावर हाउसों में बिजली उत्पादन ठप।
- हरिद्वार में जलाभिषेक को आए 3 कांवडिय़ों की गंगा की चपेट में आने से मौत।
- प्रदेशभर की 283 सड़कें बंद, बाढ़, भूस्खलन व जल भराव से जन जीवन अस्त-व्यस्त।
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