देहरादून (ब्यूरो) 2021 में कोरोनेशन हॉस्पिटल में हाईटेक सुविधाओं के साथ नई बिल्डिंग में करीब 200 बेड शुरू किए गए थे। इस बिल्डिंग में सभी जांचों के साथ सीटी स्कैन, अल्ट्रांसाउड और एक्स रे समेत सभी जांचे शुरू की गई थीं। इसके साथ ही यहां हॉस्पिटल में डेंगू के लिए भी अलग से वार्ड बनाया गया, जिससे पेशेंट को परेशानी न हो। हालांकि हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग में इंफ्रास्ट्रक्चर तो स्ट्रॉन्ग कर दिया गया। लेकिन, अव्यवस्थाएं अब भी यहां हावी हैैं। हॉस्पिटल में साफ-सफाई का प्रॉपर इंतजाम नहीं है, जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। जल भराव के कारण मच्छप पनपने का खतरा बना है। लेकिन, जिम्मेदार स्टाफ इसे अनदेखा कर रहा है।
बढऩे लगा पेशेंट्स का फ्लो
कोरोनेशन हॉस्पिटल में इन दिनों रोजाना 1300 से ज्यादा पेशेंट दून व उसके आस-पास से जुड़े सीमावर्ती एरिया से पहुंचते हैं। वहीं आईपीडी में रोजाना 150 से 200 पेशेंट का उपचार होता है। इमरजेंसी में डेली 130-140 तक पेशेंट्स पहुंचते हैैं। ये पेशेंट केवल दून के ही नहीं मुज्जफरनगर, सहारनपुर, चकराता, उत्तरकाशी, त्यूणी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, बिहारीगढ़ व रुड़की समेत तमाम एरिया से पहुंंचते हैं। ऐसे में सरकार का दावा है कि इन्हें उचित उपचार मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, यहां थोड़ी लापरवाही के कारण पेशेंट को हाइजीन का खतरा मंडरा रहा है। समय पर चादर न बदलना, पीने के पानी की टूटी पाइप लाइन से जलभराव और बदबू पशेंट्स के लिए अनहाइजीनिक स्थितियां हैैं।
हॉस्पिटल में ये खामियां
-इमरजेंसी के बाथरूम में लगा दरवाजा टूटा।
-हॉस्पिटल के वार्ड और आईपीडी की फॉल्स सीलिंग गिरी।
- हॉस्पिटल कैंपस में पसरा मिला कूड़ा।
-एसी न चलने के कारण गर्मी से परेशान परिजन।
-हॉस्पिटल में निक्कू वार्ड की सुविधा नहीं।
-नई बिल्डिंग की टाइल्स भी उखडऩे लगीं।
-पीने के पानी के नल मिले टूटे।
- वार्ड के बाहर लगे बेंच भी मिले टूटे।
चोट लगी तो चुकानी होगी कीमत
मानसून में कई बार वाटर लॉगिंग और पॉट होल्स के कारण वाहन चालक चोटिल हो जाते हैैं, कई बार नौबत सर्जरी तक पहुंच जाती है। ऐसे पेशेंट्स का आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज नहीं हो पाता। हालांकि, अन्य हॉस्पिटल्स में आयुष्मान में सर्जरी की सुविधा मौजूद है। केवल कोरोनेशन हॉस्पिटल में दिक्कत है।
डेंगू के लिए बेड रिजर्व
कोरोनेशन हॉस्पिटल में इन दिनों 10 बेड का डेंगू आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। फिलहाल इस वार्ड में 3 डेंगू पॉजिटिव पेशेंट्स भर्ती हैं। हॉस्पिटल के मीडिया प्रभारी प्रमोद पंवार के अनुसार बेड की आवश्यकता पडऩे पर गांधी शताब्दी व कोरोनेशन में 110 बेड तैयार कर दिए जाएंगे। जिससे बेड की कमी न हो।
मानसून से पहले ही हमारी ओर से तैयारी कर ली गई है। इसके साथ ही समय-समय पर हम वार्ड का निरीक्षण भी कर रहे हैैं, जिससे किसी भी तरह की परेशानी होने पर व्यवस्था सुधार ली जाए। हॉस्पिटल में कई वार्ड ऐसे हैं, जहां बेड बढ़ाए जा रहे हैं, जिसके लिए प्रपोजल भी भेजा गया है।
-डॉ। नरेन्द्र सिंह तोमर, सीएमएस, कोरोनेशन हॉस्पिटल
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