देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून शहर की सूरत जल्द बदलने वाली है। दूनवासियों के लिए अच्छी खबर है कि अगले साल तक पावर सिस्टम को सुदृढ़ व चाक-चौबंद बनाने के साथ ही शहर की सुंदरता को धब्बा लगा रहे बिजली के तारों के जाल हट जाएंगे। ऊर्जा निगम यह काम एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) फंड से पूरा कर रहा है। करीब 650 करोड़ की लागत से 475 किमी। मेन रोड से बिजली की तारें अंडर ग्राउंड की जाएंगी। ऊर्जा निगम के एमडी अनिल यादव ने बताया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी को कार्य अवार्ड कर दिया गया है। अगले सप्ताह से योजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
475 किमी। लाइन होगी अंडरग्राउंड
केंद्र की सहायता से एडीबी पोषित इस प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली है। पहले फेज में दून शहर के मुख्य सड़कों पर 475 किमी। एचटी व एलटी लाइन भूमिगत बिछाई जाएगी, जिस पर करीब 650 करोड़ खर्च होंगे। भूमिगत केबलिंग का काम अगले साल आखिरी तक पूरा कर लिया जाएगा। योजना के तहत 18 महीने के भीतर काम पूरा करने का दावा किया जा रहा है। उम्मीद है कि शहर के लिए जी का जंजाल बने तारों के जाल से अब शहर मुक्त हो जाएगा।
मुख्य मार्गों से हटेंगे जाल
दून शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अलग-अलग रोड से 8.1 किमी। बिजली की लाइन अंडरग्राउंड हुई है। अब ऊर्जा निगम शहर के मुख्य मार्गों से बिजली के खंभों पर झूलते बिजली तारों के मकडज़ाल को हटाने की योजना बनाई है। यूपीसीएल को बिजली के तार अंडरग्राउंड करने के लिए पैसा मिल गया है। एडीबी पोषित इस परियोजना के पहले फेज में शहर के मुख्य मार्गों पर बिजली तारें भूमिगत होंगी, इसकी लंबाई 475 किमी। बताई जा रही है। इसके बाद इंटरनल सड़कों में अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम शुरू किया जाएगा।
2025 तक होंगी अंडरग्राउंड
ऊर्जा निगम के एमडी अनिल यादव ने बताया कि योजना का काम बहुत तेजी से शुरू किया जाएगा। यह काम केवल नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत होगा। इसमें ग्रामीण एरिया को अभी शामिल नहीं किया गया है। 2025 में योजना का काम पूरा होना है। योजना के तहत बिजली की 11 केवी और 33 केवी एचटी लाइन लाइनें भूमिगत होनी है।
लो वोल्टेज की समस्या होगी दूर
बिजली लाइन अंडर ग्राउंड करने के बाद 11 केवी की 220 किमी। से अधिक और लो वोल्टेज की 150 किमी। से अधिक की लाइनें शामिल है।
यहां हुए तार अंडरग्राउंड
- क्लॉक टावर
- किशन नगर चौक
- रेलवे स्टेशन
- बहल चौक
- सर्वे चौक
- आराघर
इन इलाकों में बिछेगी भूमिगत लाइन
- मसूरी डायवर्जन से दिलाराम चौक
- किसन नगर चौक से बल्लूपुर चौक
- घंटाघर से तहसील चौक
- तहसील चौक से प्रिंस चौक
- रेलवे स्टेशन से ग्राफिक एरा चौक
- आराघर से रिस्पना
- सर्वे चौक से डील फैक्ट्री तक
रोड कटिंग की परमिशन का इंतजार
डायरेक्टर ऑपरेशन एमआर आर्य ने बताया कि पहले चरण के अंडर ग्राउंड लाइन का काम तीन लॉट में बांटा गया है। पहले लॉट में दून सेंट्रल एवं नॉर्थ डिविजन, दूसरे लॉट में साउथ डिविजन और तीसरे लॉट में रायपुर व मोहनपुर डिविजन में आने वाले एरियाज को लिया गया है। सभी डिविजनों ने सर्वे व ज्वाइंट सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है। पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई व एनएच डिपार्टमेंट से रोड कटिंग की स्वीकृति ली जा रही है।
अंडर ग्राउंड केबलिंग के फायदे
-उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी
- तारों पर कटिया डालकर बिजली चोरी नहीं होगी
-तेज आंधी, तूफान और बारिश में बिजली बहुत कम प्रभावित होगी
-झूलती तारों की वजह से नहीं होंगे हादसे
-यूपीसीएल को नहीं होगा लाइन लॉस
- मानसून में बिजली पोल और तारों के टूटने का झंझट खत्म
- कम मेंटनेंस के साथ ही आग लगने का जोखिम काफी कम
- तारें अंडर ग्राउंड होने से शहर की सुंदरता बढ़ जाएगी
- वाहनों, वन्य जीवों व निर्माण कार्यों के चलते लाइन डैमेज होने का खतरा नहीं
साढ़े 5 लाख कंज्यूमर्स को लाभ
योजना का लाभ शहर के करीब 5.50 लाख बिजली कंज्यूमर्स को मिलेगा। ऊर्जा निगम के 5 डिविजन हैं, जिनमें साउथ, नॉर्थ, सेंट्रल, रायपुर और मोहनपुर शामिल हैैं।
सड़कें होंगी चौड़ी, जाम से राहत
सिटी की मुख्य सड़कों से बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड होने से सड़कें चौड़ी हो जाएंगी। इससे चौड़ाई भी बढ़ जाएगी। कई जगहों पर सड़कें बिजली के पोलों के चलते बॉटलनेक हैं। ऐसे जगहों पर अमूमन ट्रैफिक जाम रहता है। तारें भूमिगत होने से सड़कें खुल जाएंगे और ट्रैफिक भी स्मूथ चलने से कंट्रोल में रहेगा।
प्रोजेक्ट पर एक नजर
650
करोड़ की लागत से अंडर ग्राउंड होंगी बिजली लाइन
475
किमी। बिजली लाइन होंगी अंडर ग्राउंड
5.50
लाख कंजम्यूर्स को मिलेगा लाभ
2025
के आखिरी तक कार्य पूरा करने की है डेटलाइन
200
किमी। से अधिक 11 केवी की लाइन
150
किमी। लो वोल्टेज की लाइन शामिल
सिटी की मुख्य सड़कों से जल्द बिजली लाइनें अंडरग्राउंड होंगी। कार्य अवार्ड किया गया है। रोड कटिंग की परमिशन मिलते ही अगले सप्ताह से काम शुरू हो जाएगा। इससे जहां बिजली व्यवस्था सुदृढ़ होगी वहीं कंज्यूमर्स 24 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
अनिल कुमार, एमडी, ऊर्जा निगम
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