देहरादून ब्यूरो। सरखेत के करन सिंह तोपवाल ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को उस रात की आपबीती सुनाई। वे कहते हैं कि 19 अगस्त को शाम से ही लगातार बारिश हो रही थी। बांदल नदी का पानी लगातार बढ़ रहा था। रात होने तक उनके घर के निचले हिस्से में कटाव शुरू हो गया था। वे पूरी तरह से सावधान थे कि नदी के बहाव से घर बहने की नौबत आई तो वे ऊपर की तरफ भाग जाएंगे। लेकिन, ऊपर की तरफ अभी बांदल से बड़ी आफत आने वाली थी।
गदेरे में आया भारी मलबा
करन सिंह के अनुसार रात ढाई बजे के करीब अचानक गांव के ऊपर पहाड़ पर बड़ा धमाका हुआ और कुछ ही देर में भारी मलबा पहाड़ से गांव में भरने लगा। मलबा आने की रफ्तार तेज हो रही थी। आसपास के चार-पांच घर खतरे की जद में थे। सभी लोग भारी बारिश के बीच एक छत पर इकट्ठा हुए, लेकिन जब लगा कि ऊपर से आ रही मलबे से घर नहीं बचेंगे तो बुजुर्ग माता और छोटे-छोटे बच्चों को कंधे और पीठ पर उठाकर किसी तरह छत से नीचे खेतों की तरफ कूद गये। तब तक वहां में पानी और मलबा आने लगा था। 13 लोग किसी तरह मलबे की जद से निकलकर खेतों में पहुंचे। जिस जगह से निकलकर वे खेतों में पहुंचे थे, कुछ ही देर में वहां भी भारी मलबा आ गया।
स्कूल और घर पूरी तरह ध्वस्त
महावीर तोपवाल ने अपने और आसपास के घरों का एक-एक कमरा दिखाया। दो घर और इन्हीं घरों के साथ बना प्राइमरी स्कूली पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, जो घर टूटने से बच गये, उनके भी नीचे के सभी कमरों में भारी मलबा भरा हुआ है।
शवों की तलाश जारी
इस बीच सरखेत के भैंसवाड़ में दो शवों की तलाश का काम फ्राइडे को भी जारी रहा। वेडनसडे को यहां तीन शव बरामद किये गये थे। अब से अभी कोई शव नहीं मिला। भैंसवाड़ के विशाल के परिजनों को 4 लाख रुपये की मुआवजा राशि उपलब्ध करवाई गई है। इस घटना में जिन दो लोगों जैंत्वाड़ी निवासी राजेन्द्र ंिसंह राणा और चिफल्टी निवासी सुरेन्द्र सिंह के परिजनों के लिए सहायता राशि तहसीलदार धनोल्टी को उपलब्ध करवा दी गई है। घायल हुए 5 लोगों को 38-38 सौ रुपये दिये गये हैं।