देहरादून ब्यूरो।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग आमतौर पर गल रहे पोलों की तरफ ध्यान नहीं देते। कई बार ऐसा भी हुआ है कि पोल किसी भी समय गिरने की स्थिति में पहुंचने के बाद लोगों ने शिकायत की, लेकिन कई दिनों तक शिकायत टाली जाती रही। बार-बार याद दिलाने के बाद वेल्डिंग की गई।
आधा दर्जन पोल दिखे जर्जर
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने भंडारी बाग में पुराने इलेक्ट्रिक पोल्स के रियलिटी चेक के दौरान कम से कम 6 ऐसे पोल देखे, जिन्हें रिप्लेस करने की जरूरत है। हालांकि बिजली विभाग के पास फिलहाल रिप्लेस करने का कोई ऑप्शन नहीं है। पोल ज्यादा खराब होने पर या फिर ज्यादा शिकायत आने पर वेल्डिंग करके उसे दुरुस्त कर दिया जाता है।
सहारपुर रोड पर भी जर्जर पोल
राज्य सरकार की ओर से किसी समय मॉडर्न रोड बनाने की योजना में शामिल सहारनपुर रोड पर भी कई इलेक्ट्रिक पोल जर्जर हालत में हैं। लालपुल से लेकर सहारनपुर चौक तक कम से कम पांच ऐसे पोल हैं, जो नीचे से सड़ रहे हैं। यहां कुछ ऐसे पोल भी दिखे जिनका निचला हिस्सा गल जाने के कारण उन्हें वेल्डिंग करके दुरुस्त किया गया है। हालांकि आम लोगों का कहना है कि वेल्डिंग करना परमानेंट इलाज नहीं है। पोल तक तक पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकते, जब तक उन्हें रिप्लेस न किया जाए। सिटी के लगभग हर हिस्से में पुराने पोल रिप्लेस किये जाने की जरूरत है।
क्या कहते हैं लोग
पूरे शहर में ऐसे पुराने पोल हैं, जो सड़कर गल गये हैं। इन्हें तुरंत बदला जाना चाहिए। लेकिन दिक्कत ये है कि सरकार के पास जरूरी कामों के लिए पैसा नहीं है।
हरीश चंद्र बिंजोला
रिहायशी बस्तियों में सड़े-गले बिजली के पोल बेहद खतरनाक हैं। बारिश और आंधी तूफान में ऐसे पोल गिरकर बड़ा नुकसान कर सकते हैं। ऐसे पोल तुरंत बदलने चाहिए।
- कांति देवी
बस्तियों और मुख्य सड़कों पर पुराने इलेक्ट्रिक पोल पर खास तौर पर ध्यान दिया जाना चाहिए। मैंने कई जगह नालियों में भी पोल देखे हैं, जो पानी में रहने से जल्दी गल रहे हैं। इन्हें बदलना चाहिए।
अनुज