देहरादून ब्यूरो।
दैनिक जागरण इस दौरान सिटी के विभिन्न क्षेत्रों में गलकर गिरने के कगार पर पहुंच चुके कई पोलों का रियलिटी चेक करके खबर छापी थी। इसमें से भंडारी बाग के एक जर्जर पोल का रिपेयर कर दिया गया। अजबपुरखुर्द में भी कुछ गले हुए पोल की वेल्डिंग की गई है। यूपीसीएल का कहना है कि जहां से भी इस तरह की शिकायत मिलती है, प्राथमिकता के आधार पर पोल रिपेयर कर दिये जाते हैं।
जिला स्तर पर नहीं रिकॉर्ड
यूपीसीएल के एसई अरबन शैलेन्द्र सिंह की मानें तो कितने पोल गल गये हैं, गले पोल की कितनी शिकायतें मिल रही है या कितने पोल बदले या रिपेयर किये गये हैं, यह सूचनाएं जिला स्तर पर कलेक्ट नहीं की जाती हैं। इस तरह के शिकायतें एसडीओ ऑफिस में दर्ज की जाती हैं और एसडीओ स्तर पर ही इनका निपटारा किया जाता है। पोल की रिपेयरिंग के लिए कितना बजट तय किया गया है। इस बारे में एसई ने सीधा जबाब देने के बजाय सीनियर ऑफिसर्स से बात करने का कहा।
कई पोल बदलने जरूरी
दून सिटी में दर्जनों ऐसे पोल हैं जो गिरने के कगार पर हैं। ऐसे पोल कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। लेकिन फिलहाल ज्यादा शिकायतें आने पर उन्हें वेल्डिंग करके काम चलाया जा रहा है। संबंधित एसडीओ ऑफिस में अक्सर इस तरह की शिकायतें आती हैं। भंडारी बाग के महेन्द्र का कहना है कि उनके घर के पास बिजली का पोल गल जाने की मौखिक शिकायत कई बार उन्होंने खुद एसडीओ ऑफिस जाकर की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उन्होंने लिखित शिकायत दी, तब जाकर पोल की वेल्डिंग हो पाई है।
रोड साइड पर ही रहेंगे ट्रांसफार्मर
सिटी में सड़कों के किनारे लगाये बिजली ट्रांसफर को लेकर भी यूपीसीएल के पास फिलहाल कोई योजना नहीं है। सड़कों के किनारे लगाये गये सैकड़ों ट्रांसफार्मर एक तरफ जहां स्मूथ ट्रैफिक में बाधा डाल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इनसे करंट का खतरा भी बना हुआ है। विभागों की ओर से कई बार इन ट्रांसफार्मर से रोड से दूर शिफ्ट करने की बात कही जाती रही है, लेकिन यूपीसीएल के सूत्रों के अनुसार फिलहाल ट्रांसफार्मर शिफ्ट करने की कोई योजना पाइपलाइन में नहीं है।
बिजली के पोल गल जाने की जब भी कोई श्किायत मिलती है कि एसडीओ स्तर पर उसे दुरुस्त किया जाता है। इस तरह की शिकायतों के हिसाब भी एसडीओ ऑफिस में ही रहता है। जहां भी पोल खराब हैं, आप हमें लिस्ट दे दीजिए, हमें ठीक कर देंगे।
शैलेन्द्र सिंह, एसई, अरबन यूपीसीएल